सीबीएसई के नाम पर धोखा दे रहे गैर मान्यता प्राप्त स्कूल
शिक्षा विभाग में महज एनओसी के लिए आवेदन देकर ये स्कूल अपने यहां दसवीं तक की पढ़ाई करा रहे हैं।
धनबाद, आशीष सिंह। गली-मुहल्लों में खुले स्कूल न केवल बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि अभिभावकों से लेकर शिक्षा विभाग तक की आंखों में खुलेआम धूल झोंक रहे हैं। न तो झारखंड सरकार से एनओसी और न ही सीबीएसई-आइसीएसई से संबद्धता, पर शिक्षा माफिया धड़ल्ले से अपनी जेबें भर रहे हैं।
जिले में 210 ऐसे गैर मान्यता प्राप्त स्कूल हैं, जिन्होंने डीएसई कार्यालय में एनओसी के लिए आवेदन दे रखा है। हालांकि इन स्कूलों को अभी तक एनओसी नहीं मिली है, पर यहां कक्षाएं सीबीएसई के पाठ्यक्रम के अनुसार चल रही हैं। सीबीएसई पाठ्यक्रम चलाने के लिए भी सीबीएसई से अनुमति की दरकार है।
शिक्षा विभाग में महज एनओसी के लिए आवेदन देकर ये स्कूल अपने यहां दसवीं तक की पढ़ाई करा रहे हैं। अभिभावकों को बता रहे हैं कि उनका स्कूल सीबीएसई या आइसीएसई पाठयक्रम संचालित कर रहा है, जबकि झारखंड सरकार जब तक ऐसे स्कूलों को एनओसी नहीं देती, तब तक किसी बोर्ड से संबद्धता भी नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं, सीबीएसई पाठयक्रम चलाने के लिए भी स्कूलों को सीबीएसई से अनुमति लेनी होगी, पर जिले के गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूल इन नियमों की धड़ल्ले से अनदेखी कर रहे हैं।
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यह है नियम
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत एक अप्रैल 2010 से पहले के संचालित सभी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए एनओसी और संबंधित बोर्ड से संबद्धता अनिवार्य है।
- एक अप्रैल 2010 के बाद स्कूल पहले विभाग से एनओसी लेंगे, उसके बाद स्कूल का संचालन करेंगे।
- एक अप्रैल 2010 से 31 मार्च 2015 तक एनओसी लेने के लिए समय दिया गया था, इसके बाद बिना मान्यता वाले स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया गया।
- स्कूलों का यू-डायस कोड होना चाहिए।
- बीएड शिक्षक होने चाहिए, खेल का मैदान होना चाहिए।
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दूसरे स्कूल से छात्रों का भरवाते हैं फॉर्म
आपको जानकार हैरानी होगी कि इन मान्यता प्राप्त स्कूल और मान्यता प्राप्त स्कूलों में लगभग एक दर्जन स्कूल ऐसे हैं, जो छात्रों को पढ़ाते तो अपने यहां हैं, पर दसवीं की बोर्ड परीक्षा दूसरे स्कूलों से दिलवाते हैं। छात्रों से बोर्ड परीक्षा के पंजीयन, निर्धारित परीक्षा फीस से दुगना वसूल करते हैं, जबकि सीबीएसई के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी स्कूल अपने छात्रों को दूसरे स्कूल से परीक्षा नहीं दिला सकता। गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को तो अपने यहां नौवीं-दसवीं कक्षाएं संचालित करने का अधिकार ही नहीं है, बावजूद इसके मोटी कमाई के लिए स्कूल ऐसा कर रहे हैं। इन स्कूलों में सरायढेला, चिरागोरा, पुराना बाजार, बरटांड़, धैया, मटकुरिया, धनसार, बरमसिया, कोयला नगर, बरवाअड्डा, झरिया और भूली के स्कूल प्रमुख रूप से शामिल हैं।
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वेबसाइट नहीं धोखाधड़ी साइट
जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय में 210 स्कूलों ने मान्यता के लिए आवेदन कर रखा है। इनमें से 100 ऐसे स्कूल हैं, जो खुद को अंग्रेजी माध्यम से मान्यता प्राप्त बताते हैं। इनमें से 90 फीसदी स्कूलों ने वेबसाइट बनाकर खुद को सीबीएसई एफिलिएटेड बताया है। प्री-नर्सरी और प्राइमरी और जूनियर कक्षाओं को एफिलिएटेड दिखाने वाले स्कूल खुलेआम गुमराह कर रहे हैं। ऐसा तब है जबकि सीबीएसई प्री-प्राइमरी और प्राइमरी कक्षाओं की मान्यता देता ही नहीं है।
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शिक्षा विभाग सिर्फ आरटीई की देता है मान्यता
झारखंड अभिभावक महासंघ के मनोज मिश्रा के अनुसार शिक्षा विभाग आरटीई के तहत ही निजी स्कूलों को मान्यता देता है न कि अंग्रेजी माध्यम की मान्यता। शिक्षा विभाग से मान्यता और एनओसी मिलने के बाद ही सीबीएसई किसी स्कूल को संबद्धता प्रदान करता है। गैर मान्यता प्राप्त अभिभावकों को लूट रहे हैं, इनपर लगाम लगाना जरूरी है।
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ऐसा हो रहा है तो यह बिल्कुल गलत है। सीबीएसई की संबद्धता के बिना कोई भी स्कूल संचालित नहीं हो सकता है। इसकी जांच कराएंगे और इसमें संलिप्त स्कूलों की रिपोर्ट सीबीएसई के पास भेजी जाएगी, ताकि जांच परख करने के बाद ही इन्हें संबद्धता देने पर विचार हो सके।
- टीके सिन्हा, डिस्ट्रिक्ट को-ऑर्डिनेटर सीबीएसई
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नियम से उपर कोई भी स्कूल नहीं है। जो सरकार और सीबीएसई का नियम है, उसका पालन सभी को करना है। ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी, जो नियमों की अनदेखी कर संचालन कर रहे हैं। जल्द ही इसके लिए जांच कमेटी बनाई जाएगी।
- डॉ. माधुरी कुमारी, डीईओ
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गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूल
जिले में 210 गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूल हैं। इनमें से मिशन ऑफ नॉलेज चिरागोड़ा, अपर्णा पब्लिक स्कूल भुईफोड़, मोंटफोर्ट एकेडमी राजगंज, धनबाद विकास विद्यालय हाउसिंग कालोनी, नेहरू बाल एकेडमी, टैगोर एकेडमी पंडित क्लीनिक रोड, विद्या भारती पब्लिक स्कूल भेलाटांड़, मानस इंटरनेशनल स्कूल हाउसिंग कालोनी, झारखंड पब्लिक स्कूल धैया, मॉडर्न पब्लिक स्कूल लुबी सर्कुलर रोड, लुसियस स्कूल पंडित क्लीनिक रोड आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं।
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इन स्कूलों को है सीबीएसई से मान्यता
आदर्श श्रमिक उच्च विद्यालय गोलुकडीह झरिया, बालिका विद्या मंदिर झरिया, बर्ड्स गार्डन स्कूल राजगंज बाघमारा, चासनाला एकेडमी, डीएवी सेंटेनरी पब्लिक स्कूल बनियाहीर लोदना, डीएवी मॉडल स्कूल सीएफआरआइ, डीएवी पब्लिक स्कूल कोयला नगर, डीएवी पब्लिक स्कूल बरोरा, डीएवी पब्लिक स्कूल अलकुसा, डीएवी पब्लिक स्कूल कुसुंडा, डीएवी पब्लिक स्कूल महुदा, डीएवी पब्लिक स्कूल मुनीडीह, डीएवी पब्लिक स्कूल सिंदरी, दिल्ली पब्लिक स्कूल कार्मिक नगर, धनबाद सिटी स्कूल भूली बाइपास, धनबाद पब्लिक स्कूल केजी आश्रम, धनबाद पब्लिक स्कूल हीरक ब्रांच, डॉन बास्को निरसा, दून पब्लिक स्कूल कुसुम विहार, द्वारिका मेमोरियल फाउंडेशन एकेडमी बिशुनपुर, जीजीसीईटी सेंट जेवियर्स इंटरनेशन स्कूल नवाडीह, गुरु गोबिंद सिंह पब्लिक स्कूल बैंक मोड़, होली मदर्स एकेडमी कतरास, इम्पीरियल स्कूल ऑफ लर्निग भूली, इंडियन स्कूल ऑफ लर्निग सुदामडीह, इंडियन स्कूल ऑफ लर्निग सीनियर सेकेंडरी स्कूल झरिया, जवाहर नवोदय विद्यालय बेनागोड़िया, जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल स्कूल डिगवाडीह नंबर 12, जीतपुर एकेडमी, केंद्रीय विद्यालय-1 विनोद नगर, केंद्रीय विद्यालय मैथन डैम, केंद्रीय विद्यालय-2 सरायढेला, केंद्रीय विद्यालय गोमोह, किड्ज गार्डन सेकेंडरी स्कूल झरिया, लायंस पब्लिक स्कूल सिंदरी, महर्षि मेहि विद्यापीठ लोहारडीह कोलाकुसमा, मॉडल इंग्लिश हाई स्कूल सिंदरी, माउंट लिट्रा जी स्कूल भूली, नंदा गोकुलम बीआइटी सिंदरी, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर अशोक नगर, सरस्वती शिशु मंदिर श्यामडीह कतरास, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर नवागढ़ बाघमारा, सरस्वती विद्या मंदिर सिनीडीह गोविंदपुर, सरस्वती विद्या मंदिर सिंदरी, स्कूल आफ कंपीटीशन तालडांगा, श्रीमति गिनिया देवी मॉडर्न स्कूल चिरकुंडा, श्रीश्री सूर्यदेव सिंह स्मृति गुरुकुलम सरायढेला, सिम्बायोसिस पब्लिक स्कूल बरवाअड्डा, टाटा डीएवी स्कूल जामाडोबा और टाटा डीएवी स्कूल सिजुआ।