मुर्दे जाएं तो कहां जाएं... PMCH में जगह नहीं, पोस्टमार्टम हाउस में ठेलाठेली Dhanbad news
पीएमसीएच का मोर्चरी लगभग 10 वर्ष पुराना था। नियमित मरम्मत नहीं होने के कारण मोर्चरी काम नहीं रहा था। मरम्मत की भी गुंजाइश खत्म होने के बाद कंडम घोषित किया गया है।
धनबाबद, जेएनएन। पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (PMCH) में अब मुर्दों के लिए जगह नहीं है। प्रबंधन ने आदेश दारी कर दिया है कि फिलहाल कोई भी मुर्दा अस्पताल में नहीं रखा जाएगा। साथ ही मुर्दों को पोस्टमार्टम हाउस में रखने का फरमान जारी कर दिया गया है। दूसरी तरफ पोस्टमार्टम हाउस में जगह ही नहीं है। वहां पहले से ही ठेला-ठेली है।
मुर्दों को सुरक्षित रखने के लिए पीएमसीएच में 6 बॉक्स का मोर्चरी था। इस मोर्चरी के अंदर छह मुर्दे रखे जा सकते थे। लेकिन, पीएमसीएच ने मोर्चरी को कंडम घोषित कर दिया है। कंडोम घोषित मोर्चरी को अस्पताल से बाहर निकाल दिया गया है। प्रबंधन ने आदेश जारी किया कि अब कोई भी शव को मोर्चरी में नहीं रखा जाएगा, जो भी शव आएंगे, उसे पीएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस के मर्चरी में रखा जाएगा।
10 साल पुराना मोर्चरी
पीएमसीएच का मोर्चरी लगभग 10 वर्ष पुराना था। नियमित मरम्मत नहीं होने के कारण मोर्चरी काम नहीं रहा था। मरम्मत की भी गुंजाइश खत्म होने के बाद कंडम घोषित किया गया है। नए मोर्चरी के लिए पीएमसीएच प्रबंधन ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नए मोर्चरी आने तक पीएमसीएच में मुर्दों के लिए जगह नहीं है।
हर दिन चार से पांच शव
पीएमसीएच में औसतन हर दिन चार-पांच शव का पोस्टमार्टम होता है। इसमें एक-दो शव लावारिस भी होते हैं। इन लावारिस शवों को निर्धारित समय तक मर्चरी में रखा जाता है। इसके बाद लावारिस घोषित कर अंतिम संस्कार किया जाता है तब मोर्चरी में नए शव के लिए स्थान खाली होता है। इस कारण ठेला-ठेली थी। अब पीएमसीएच के मुर्दों के लिए भी पोस्टमार्टम हाउस के मोर्चरी में जगह चाहिए।