खुशबू और सोनाली ने घर में पिटाई के डर से खाया था जहर, भाजपा विधायक को राहत
खुशबू की मौत की पुलिसिया जांच में बेटे को क्लीन चिट मिलने से भाजपा विधायक ने ली राहत की सांस।
धनबाद, जेएनएन। बलियापुर के खेताटांड की खुशबू मंडल की मौत प्रकरण की पुलिस ने जांच पूरी कर ली है। इस प्रकरण में पुलिस को सिंदरी के विधायक फूलचंद मंडल के बेटे आशीष मंडल की किसी तरह की भी भूमिका के साक्ष्य नहीं मिले हैं। पुलिस की जांच रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि खुशबू मंडल और सोनाली ने घर में पिटाई के डर से सल्फास खा लिया था। इससे खुशबू की मौत हो गई। जबकि इलाज के बाद सोनाली की जान बच गई। क्या है खुशबू प्रकरण : बलियापुर थाना के खेततांड गांव की दो युवती खुशबू मंडल और सोनाली मंडल 29 अगस्त को सल्फॉस की गोली खा ली थी। दोनों गांव के मंदिर के पास बेहोश पाई गई थी। खुशबू की मौत हो गई जबकि इलाज के बाद सोनाली बच गई। इस प्रकरण में सिंदरी के विधायक फूलचंद मंडल के पुत्र आशीष मंडल का नाम उछला है। खुशबू के पिता विजय मंडल को आशंका है कि उसकी बेटी को जहर खिलाकर हत्या की गई। वह पुलिस जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने उपायुक्त और एसएसपी को पत्र लिखकर निष्पक्ष की मांग की थी। इसके बाद एसएसपी मनोज रतन चोथे ने जांच के लिए एसआइटी गठित की है। सिटी एसपी की निगरानी में डीएसपी प्रमोद केसरी ने जांच में विधायक फूलचंद मंडल के बेटे को क्लीन चिट दे दी है। पुलिस ने इसे खुशबू और उसकी सहेली सोनाली की नासमझी का परिणाम बताया है। पुलिस के अनुसार स्कूल जाने के बहाने दोनों सहेली बिग बाजार घूमने निकल गई थीं। लौटते समय देर हो गया तो दोनों डर गईं। इसके बाद घर में पिटाई के डर से सल्फास खा लिया था। इसे ही पुलिस आत्महत्या का कारण मान रही है। सोनाली ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि खुशबू के साथ उस दिन धनबाद के एक मॉल में गई थी। वहा दो दोस्तों के साथ फिल्म देखी। उसी दौरान लगा कि गाव के किसी परिचित ने उन्हें दोस्तों के साथ देख लिया है। दोनों को घर में पिटाई का डर सताने लगा। वहा से दोनों बलियापुर के राधा कृष्ण मंदिर पहुंचीं। खुशबू उसे वहीं रुकने को कह बाजार गई। कुछ देर बात पानी की बोतल और कुछ गोलिया लेकर लौटी। आते ही वह बेहोश होकर गिर पड़ी। मैं इतनी डर गई कि खुशबू की लाई गोली खुद भी खा ली। इसमें किसी तीसरे को हाथ नहीं है।
पुलिस की जांच रिपोर्ट सिंदरी के भाजपा विधायक फूलचंद मंडल के लिए बड़ी राहत है। इस मामले में विधायक के पुत्र आशीष का नाम उछलने के बाद राजनीति गरमा गई थी। विधायक के विरोधी उन्हें घेरने में जुटे थे।