धनबाद, जेएनएन। पीएमसीएच की अव्यवस्था पर केंद्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने विभागीय प्रधान सचिव को पत्र लिखते हुए पीएमसीएच प्रबंधन से सात दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा है। समय पर रिपोर्ट नहीं देने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। पत्र में तीन गंभीर मामलों का जिक्र है। पत्र आने के बाद पीएमसीएच में हड़कंप है। अधीक्षक ने सभी पदाधिकारियों को तलब किया है।
- इन मामलों पर मांगा जवाब
- 28 मार्च 2019 को जामताड़ा के राहुल के नवजात की जान तड़प-तड़प कर चली गई थी। वे डॉक्टरों को कई बार देखने की मिन्नत करते रहे, लेकिन किसी ने रहम नहीं की।
- मार्च माह में गर्मी में सेंट्रल इमरजेंसी का एसी खराब रहा। मरीजों को भारी परेशानी के बीच रहना पड़ा। कई गंभीर मरीज ऑक्सीजन से भी वंचित रहे।
- मार्च 2019 में दवा व कर्मियों के नहीं होने के कारण तिमारदारों को खुद मरीजों का स्ट्रेचर चलाना पड़ा था। साथ ही स्लाइन की बोतल लेकर चलना पड़ा था। मरीज मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की।
मानवाधिकार आयोग के सवालों का जवाब दे रहा हूं। मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है। संबंधित पदाधिकारी से रिपोर्ट ले रहा हूं। व्यवस्था में सुधार किया जाएगा।
-डॉ. एके चौधरी, अधीक्षक, पीएमसीएच।
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