तोपचांची में नक्सलियों ने घर में ही एसपीओ को मारी गोली
वारदात के तीन घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इससे ग्रामीणों में रोष है।

जागरण संवाददाता, तोपचांची (धनबाद)। जीटी रोड स्थित पावापुर में मंगलवार की रात करीब साढ़े आठ बजे नक्सलियों ने हरिहरपुर के एसपीओ (स्पेशल पुलिस ऑफिसर) प्रभुदयाल पांडेय उर्फ लबरा पांडेय के घर में घुसकर उन पर अंधाधुंध फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी। गोली मारने के बाद घर में ही नक्सली चार पर्चा छोड़कर चलते बने।
नक्सलियों के जाने के बाद ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायल एसपीओ को लेकर तोपचांची स्वास्थ्य केंद्र गए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे धनबाद भेजा गया। जालान अस्पताल में उन्होंने दम तोड़ दिया। इधर, वारदात के तीन घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची। इससे ग्रामीणों में रोष है। मौका-ए-वारदात से चार खोखे बरामद किए गए हैं। घर की दीवार में भी गोलियों के दो छेद हैं।
पूजा करने के बाद पहुंचे थे घर:
प्रभुदयाल पांडेय हरिहरपुर थाना के लिए एसपीओ का काम करते थे। इसके साथ ही वे गांव में पूजा पाठ भी कराते थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि गांव में मड़ई पूजा आयोजित किया गया था, जहां पाठा बलि दी गई थी। उक्त पूजा के बाद रात करीब आठ बजे पांडेय अपनी पत्नी के साथ घर लौटे थे। बिजली नहीं रहने के कारण गमछा व बनियान पहनकर घर में टहल रहे थे।
इस दौरान वे कमरे से जैसे ही बाहर निकले कि घर के पिछवाड़े बायीं तरफ से नक्सली आ धमके और उन्हें पकड़कर आंगन की दीवार में सटा कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं। गोली की आवाज सुनने के बाद पत्नी शकुंतला देवी जब बाहर निकली तो एक व्यक्ति को पर्चा फेंककर भागते देखा। पति को जख्मी हालत में देख शोर मचाना शुरू किया। गांव के लोग उन्हें तोपचांची अस्पताल ले गए।
निर्जला व्रत में थे प्रभुदयाल:
शकुंतला देवी ने कहा कि प्रभुदयाल गांव में पूजा कराते हैं। पति के साथ वह मड़ई पूजा कराने गांव में गए थे। दोनों निर्जला थे। पूजा कराने के बाद वापस लौटे थे। पति ने पानी मांगकर पीया और घर से बाहर निकले। इस बीच गोलियों की आवाज सुनकर बाहर निकली तो देखा कि एक व्यक्ति भाग रहा है।
जानिए, क्या होता है एसपीओ
संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण क्षेत्रों में स्पेशल पुलिस आफिसर (एसपीओ) बहाल करते हैं, जो पुलिस को ग्रामीण क्षेत्र की हर सूचना उपलब्ध कराते हैं। ग्रामीण चौकीदार के तौर पर काम करते हैं। इनको मानदेय का निर्धारण पुलिस अधीक्षक के ऊपर निर्भर करता है। ये अस्थायी कर्मी होते हैं।

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