सिस्टम की उलटबांसी... मिटी हाथ की लकीर तो डीलर ने छीना मुनीलाल का निवाला
अंगुठे की लकीरें नहीं होने के कारण मुनीलाल को अनाज नहीं मिल रहा है और वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। स्थिति यह है कि अनाज के अभाव में वह कब दम तोड़ देंगे यह किसी को पता नहीं।
कतरास, सुधीर सुमन। हथेली पर यदि लकीर न हो तो सिस्टम भी आंख मूंद लेता है। ऐसा ही हो रहा है अंगारपथरा लोडिंग धौड़ा में रहनेवाले 85 वर्षीय लाचार वृद्ध मुनीलाल यादव के साथ। वक्त ने उनके हाथ की लकीर क्या मिटाई, सरकारी सिस्टम ने उनकी बदहाल स्थिति से ही आंखें फेर ली।
अंगुठे की लकीरें नहीं होने के कारण उन्हें सरकारी अनाज नहीं मिल रहा है और वे भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं। स्थिति यह है कि अनाज के अभाव में वह कब दम तोड़ देंगे, यह किसी को पता नहीं। लेकिन इसके बावजूद सिस्टम को उनकी चिंता नहीं। कोई उन्हें कभी देखने नहीं आता। उनके पास लाल कार्ड तो है पर अंगुठा इतना घिस चुका है कि दो साल से राशन नहीं मिल रहा है। अंगुठा घिसने के कारण वे बायोमेट्रिक मशीन पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाते जिस कारण उन्हें सरकारी राशन नहीं मिल रहा है। करीब दो साल से उन्हें सरकारी राशन नहीं मिल रहा है। वे बताते हैं कि-मुझे पीडीएस दुकान से 23 जुलाई 2016 के बाद कभी भी राशन नहीं मिला।
आंख व कान से पूरी तरह लाचार मुनीलाल दबी आवाज में कहते हैं-अब हम चलने फिरने में भी तो असमर्थ हैं। सरकारी राशन दुकान पर जाएं भी तो कैसे? अब लकड़का मोड़ स्थित पीडीएस दुकान पर किसी और को भेजते हैं तो दुकानदार उसे लौटा देता है। फिलहाल पड़ोस के राजेंद्र यादव उनका ख्याल रख रहे हैं। वे उन्हें प्रतिदिन भोजन देते हैं। वहीं अजीत यादव के छोटे से जर्जर कमरे में रहकर वे गुजर बसर कर रहे हैं। मुनीलाल जहानाबाद जिले मे ओरबिघा गांव के रहनेवाले हैं। पहले कोयला लोडिंग का काम करते थे। बाद में मुंगफली बेचकर जीवन यापन करने लगे। तीन दशक पूर्व पत्नी भगवान को प्यारी हो चुकी है। तब से अकेले जीने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। अपना कोई देखनेवाला रहा है तो सिस्टम क्यों चिंता करे।
20 सूत्री उपाध्यक्ष ने ली वृद्ध की हालत की जानकारीः मंगलवार को बीस सूत्री के प्रखंड उपाध्यक्ष गुरमीत सिंह मुनीलाल के घर पहुंचे। मुनीलाल की हालत देखकर उनकी भी आंखे फटी रह गई। अनाज नहीं मिलने की जानकारी पाकर उन्होंने एडीएम सप्लाई संदीप कुमार गोराई़ं तथा एमओ अरुण कुमार अरुण कुमार दास सहित कई अधिकारियों से दूरभाष पर बात की। एडीएम सप्लाई ने कहा कि इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। शीघ्र ही दुकानदार से जवाबतलब किया जाएगा। गुरमीत सिंह ने इस मामले से मुख्यमंत्री को भी अवगत कराने की बात कही है।
नगर निगम की ओर 10 हजार रुपये प्रत्येक पार्षद को देना था, लेकिन अभी तक मिला नहीं है। इस मामले को लेकर निगम में आवेदन दे चुके हैं। यह राशि वैसे लोगों के लिये थी, जो असहाय, विधवा या फिर वृद्ध हैं। उनको महीने में मोटा अनाज देने के लिए राशि मिलनी थी लेकिन अभी तक राशि हमलोगों को नहीं मिली है।
-राजेंद्र प्रसाद, पार्षद, वार्ड संख्या पांच।
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