आश्रित को नियोजन व मुआवजे के लिए डेको आउटसोर्सिंग कैंप कार्यालय पर शव के साथ आंदोलन
बरोरा-नावागढ़ सड़क हादसे के शिकार कर्मी कुलदीप महतो के शव को लेकर परिजन के साथ सहकर्मी मंगलवार को अपराह्न चार बजे फुलारीटांड कोलियरी के जरलाही स्थित डेको आउटसोर्सिंग कंपनी के कैंप पहुंचे। कैंप के मुख्य द्वार पर शव को रख आंदोलन पर उतर आए।
बरोरा-नावागढ़ : सड़क हादसे के शिकार कर्मी कुलदीप महतो के शव को लेकर परिजन के साथ सहकर्मी मंगलवार को अपराह्न चार बजे फुलारीटांड कोलियरी के जरलाही स्थित डेको आउटसोर्सिंग कंपनी के कैंप पहुंचे। कैंप के मुख्य द्वार पर शव को रख आंदोलन पर उतर आए। परिणामस्वरुप परियोजना में उत्खनन व परिवहन कार्य ठप हो गया। आंदोलनकारी कुलदीप के आश्रित को आउटसोर्सिग कंपनी में नियोजन व दस लाख रुपये मुआवजा की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि ड्यूटी आने के दौरान रास्ते में वह दुघर्टना का शिकार हुआ, इसलिए उसको उचित मुआवजा मिलना चाहिए। बरोरा थाना प्रभारी विनोद शर्मा की मौजूदगी में आउटसोर्सिंग कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ आंदोलनकारियों के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता हुई, लेकिन विफल रहा। आउटसोर्सिग कंपनी के प्रतिनिधि ने कंपनी में नियोजन तथा श्राद्ध कर्म करने के लिए पचास हजार रुपये देने का आश्वासन दिया, लेकिन आंदोलनकारी उससे सहमत नहीं हुए। आंदोलनकारी अपने निर्णय पर अडिग है और शव के साथ आंदोलनकारी कैंप कार्यालय पर डटे हुए हैं। रात दस बजे तक आंदोलन जारी है। मालूम हो कि सोमवार कुलदीप महतो अपने घर से डेको आउटसोर्सिंग कंपनी में यूटी के लिए जा रहा था। इस दौरान हरिणा-गोमो सड़क पर उसका मोटरसाइकिल दुघर्टनाग्रस्त हो गई, जिसमें कुलदीप की मौत हो गई थी।