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Deoghar double murder case: चाकू घोंप मां-बेटी की हत्या, घर का लाडला ही निकला हत्यारा

गोपाल वर्णवाल के मुताबिक उनकी पत्नी सुनीता देवी व बेटी भारती के साथ बेटा आर्यन प्रथम तल्ला में स्थित कमरे में सोए थे।दरवाजा खोलते ही मां- बेटी का खून से लथपथ शव दिखा।

By MritunjayEdited By: Published: Thu, 04 Jun 2020 08:19 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 08:00 AM (IST)
Deoghar double murder case: चाकू घोंप मां-बेटी की हत्या, घर का लाडला ही निकला हत्यारा
Deoghar double murder case: चाकू घोंप मां-बेटी की हत्या, घर का लाडला ही निकला हत्यारा

देवघर, जेएनएन। आर्थिक तंगी के कारण घर में रोज किचकिच से तंग आकर बुधवार की रात बेटा ने अपनी मां और बहन की हत्या कर दी। बेटा नाबालिग हैं। उसने मां पर चाकू से 19 बार वार किया तो बहन पर सात बार। पुलिस ने घर से खून से सना चाकू बरामद किया है। किशोर पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। उसने स्वीकार किया कि पिता की कमायी कम थी। फिर किरायेदार के साथ मुकदमेबाजी भी चल रही थी। इससे आर्थिक तंगी थी। घर में हमेशा विवाद होता था। उसने पुलिस को बताया कि बहन दिव्यांग है। इस नाते माता-पिता बहन का अधिक ख्याल रखते थे, उसका कम। उसे जेब खर्च के लिए पैसे नहीं मिलते थे। तंग आकर उसने पूरे परिवार को मारने का फैसला लिया था। पिता को मार देता। उनके कमरे तक गया भी था। फिर अचानक ऐसा लगा कि ऐसा नहीं करना चाहिए। 

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साइकिल मरम्मत का काम करने वाले गोपाल प्रसाद को गुरुवार की सुबह घर में पत्नी सुनीता देवी और बेटी भारती कुमारी की खून में सनी लाश दिखी। बेटा गायब था। गोपाल प्रसाद सदमे में आ गये। किसी तरह पुलिस को सूचना दी। पुलिस आयी तो उन्होंने बताया कि सभी लोगों ने बुधवार की रात खाना खाने के बाद रात साढ़े 12 बजे तक टेलीविजन देखा था। पत्नी, बेटी और बेटा एक कमरे में सोये थे और वो दूसरे कमरे में। पुलिस ने घर की तलाशी ली तो खून में सना चाकू और गोपाल प्रसाद के बेटे का कपड़ा बरामद किया जिसमें खून के धब्बे लगे हुए थे। फिंगर प्रिंट विशेषज्ञों को भी बुलाया गया। फोरेंसिक जांच के लिए खून के नमूने लेकर जांच के लिए भेजा गया। दुमका से खोजी कुत्ता भी लाया गया। 

टावर चौक पर पुलिस को मिला बेटा, बोला कि हत्यारा हूं

मां और बहन को मारने वाला किशोर पहले जसीडीह स्टेशन गया था। वहां जाकर उसे अहसास हुआ कि लॉक डाउन में उसे कहीं जाने के लिए ट्रेन नहीं मिलेगी। मां और बहन का चेहरा उसकी आंखों के सामने घूम रहा था। वह टावर चौक के सामने आकर बैठ गया। इसी बीच पुलिस को हत्या की सूचना मिल चुकी थी। यह भी मालूम हो गया था कि बेटा गायब है। पुलिस उसे खोज रही थी। टावर चौक पर पुलिस वालों ने उसे टोका तो खुद स्वीकार कर लिया कि वह हत्यारा है। इसके बाद पुलिस उसे थाना लेकर आ गयी। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि पिता की कमायी से बमुश्किल भरण पोषण हो रहा था। घर में रोजाना कलह होती थी। विरक्त होकर उसने सभी लोगों को मारने का फैसला लिया था। बाजार से जाकर धारदार चाकू खरीदा था। पहले मां को मारा था। बहन उठ गयी तो उसके मुंह में कपड़ा ठूंस कर उसे भी मार डाला। मां और बहन को मारने के बाद पिता के कमरे तक गया था। अचानक इरादा बदल गया। चाकू को धोने की कोशिश की थी। जूता, चप्पल और एक सेट कपड़ा लेकर अपने छत से दूसरे की छत पर गया। उधर से उतरने के बाद वीआइपी चौक होते हुए पैदल जसीडीह स्टेशन गया था। इसी बीच एसपी पीयूष पांडेय ने हत्याकांड के उद्भेदन के लिए विशेष दल का गठन किया जिसमें एसडीपीओ विकास चंद्र श्रीवास्तव, इंस्पेक्टर विक्रम प्रताप ङ्क्षसह, दारोगा कुमार अभिषेक, अजय कुमार यादव, एएसआइ रामानुज सिंह व श्रीकांत बाजपेयी शामिल थे।

आर्थिक मंदी और पारिवारिक विवाद के कारण किशोर ने अपनी मां और बहन की हत्या की है। उसने स्वीकार भी किया है। 

-पीयूष पांडेय, एसपी देवघर 


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