कोल जगत: कोल सेक्टर के 3.5 लाख ठेका मजदूरों को मिलेगा उनका हक
डीजीएमएस के डायरेक्टर जनरल उत्पल साह ने कहा कि कोल सेक्टर में सबसे अधिक ठेका मजदूर कार्यरत हैं। उन्हें कोल माइंस रेगुलेशन के तहत जो सुविधा मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है।
आशीष अंबष्ठ, धनबाद: खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के डायरेक्टर जनरल उत्पल साह ने कहा कि कोल सेक्टर में सबसे अधिक ठेका मजदूर कार्यरत हैं। उन्हें कोल माइंस रेगुलेशन के तहत जो सुविधा मिलनी चाहिए, वह नहीं मिल रही है। पूर्ण रूप से वह सुविधा मिले इसको लेकर हर स्तर पर काम किया जा रहा है।
उक्त बातें उन्होंने गुरुवार को मुख्यालय में दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए कहीं। कोल सेक्टर में करीब 3.5 लाख ठेका मजदूर हैं, जो खनन कार्य से जुड़े हैं। हाइपावर कमेटी द्वारा उन्हें सुविधा देने को लेकर नियम तय किए हैं। साह ने कहा कि ठेका मजदूर की जबाव देही, ठेका कंपनी, ओनर, कोल कंपनी सहित अन्य इससे जुड़े सभी को माइंस रेगुलेशन के दायरे में लाया गया है। ठेका मजदूर को न्याय दिलाने के लिए सारे लोग काम कर रहे हैं। मुख्यालय से लेकर क्षेत्रीय स्तर के कार्यालयों को इसके लिए लगाया गया है। जागरूकता अभियान तक चलाया जा रहा है।
खान दुर्घटना शून्य करने के लिए गंभीर: खदान में काम करना काफी कठिन है। सुरक्षा तकनीक में बदलाव हो रहा है। कर्मियों को अधिक सुरक्षा खनन के दौरान मिले, इस पर ध्यान रहेगा। खान दुर्घटना में पहले की तुलना में कमी आई है। शून्य करने की दिशा में काम किया जा रहा है। उनके बीच जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
सिस्टम करना होगा ठीक: डीजी साह ने कहा कि किसी काम को बाहर ठीक करने से पहले अपने घर को देखना जरूरी है। घर को ठीक होते ही सारी व्यवस्था ठीक हो जाएंगी।
खुली खदान का वैज्ञानिक अध्यन जरूरी: उन्होंने कहा कि खुली खदान या पेच पर खनन करने से पहले वैज्ञानिक अध्ययन जरूरी है, ताकि कार्य करने की संस्कृति को समझा जा सके।
माइनिंग पास को समय सर्टिफिकेट: माइनिंग सरदार, ओवर मैन, फस्र्ट व सेकेंड क्लास पास अभ्यर्थियों को सर्टिफिकेट मिलने में हो रही देरी पर डीजी ने कहा कि इसके लिए संबंधित विभाग के साथ बैठक की है। उन्हें समय पर सर्टिफिकेट मिल इस पर परीक्षा विभाग का दिया गया है। समय पर सर्टिफिकेट मिलने से उन्हें कई तरह की वैकेंसी भरने में आसानी होगी।