विभिन्न फीडरों से डीवीसी ने 48 में 30 घंटे काटी बिजली, गर्मी में शहर की सांसें थमीं
जिले में बिजली की समस्या से शहरवासी परेशान हैं। हर दिन घंटों बिजली कट रही है। पिछले 48 घंटे में केवल डीवीसी ने विभिन्न फीडरों से तकरीबन 30 घंटे बिजली काटी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: जिले में बिजली की समस्या से शहरवासी परेशान हैं। हर दिन घंटों बिजली कट रही है। पिछले 48 घंटे में केवल डीवीसी ने विभिन्न फीडरों से तकरीबन 30 घंटे बिजली काटी है। वहीं छह-सात घंटे के करीब विभाग लोड शेडिंग के नाम पर बिजली काट चुकी है। हर हाल में शहर की बिजली कट रही है भीषण गर्मी में लोग काफी परेशान हैं।
बुधवार की रात भूली सब स्टेशन से जुड़े नावाडीह के कुछ इलाके में रात भर बिजली नहीं थी। दोपहर बाद उस इलाके में लोगों को बिजली मिली। हालांकि विभाग का कहना है कि 8-10 ट्रांसफार्मर की लाइन ही खराब हुई थी, जिसे ढूंढऩे में वक्त लगा। नावाडीह क्षेत्र के आधे इलाके में बिजली थी। बिजली विभाग 24 घंटे में 19 घंटे बिजली देने का दावा करती है। पर स्थिति है कि कभी डीवीसी घंटों बिजली काट रही है तो तभी विभाग लोड शेडिंग के नाम पर बिजली काट रही है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले 48 घंटे में डीवीसी ने गोधर वन व टू फीडर को 04 चार घंटे के लिए शेडिंग किया। वहीं गणेशपुर वन टू फीडर को 14 घंटा 40 मिनट तक बंद किया। वहीं पाथरडीह फीडर को 11 घंटा 40 मिनट तक बंद किया है। वहीं विभाग ने छह से सात घंटे तक लोड शेडिंग के नाम पर विभिन्न फीडरों की बिजली बंद किया है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि डीवीसी व बिजली विभाग की लचर व्यवस्था के कारण ही शहर में बिजली संकट है और यह तभी दूर होगी जब कुछ नये लाइन या ग्रिड चालू होगा।
जुलाई के अंतिम सप्ताह तक चालू होगा कांड्रा ग्रिड: अब तक धनबाद जिले को बिजली डीवीसी देती है पर विभाग अब नई व्यवस्था के तहत सेंट्रल ग्र्रिड से बिजली खरीदने की तैयारी में है। इसके लिए कांड्रा फीडर का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। जुलाई के अंतिम सप्ताह तक कांड्रा फीडर चालू हो जाने का दावा विभाग कर रही है। इस ग्रिड के चालू होते ही शहर को 40 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी, जिसके बाद शहर में लोड शेडिंग के नाम पर बिजली कटौती नहीं होगी। कांड्रा फीडर की लाइन को धैया व हीरापुर सब स्टेशन से सीधे तौर पर जोड़ा जाएगा। दोनों सब स्टेशन से ही शहर में बिजली आपूर्ति होती है। 40 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने से लोड बढऩे का खेल पूरी तरह बंद हो जाएगा और लोगों को इससे राहत मिलने की उम्मीद है।
"कांड्रा फीडर चालू करने के लिए विभाग को एक टावर लगाना था परंतु वह टावर का क्षेत्र चार जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पड़ता है लिहाजा चारों जिले के वन विभाग पदाधिकारियों से अनुमति लेने में काफी वक्त लग गया। अब अनुमति मिल चुकी लिहाजा काम तेजी से शुरू किया गया है। 17 जून को वन विभाग के साथ बैठक में पेड़ कटाई से संबंधित आदेश भी प्राप्त होने की उम्मीद है। कांड्रा फीडर को जुलाई तक हर हाल में चालू किया जाएगा।"
- आर रवि, अधीक्षण अभियंता ट्रांसमिशन
डीवीसी लाइन के सामानांतर अंडरग्राउंड लाइन की हो रही व्यवस्था: झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादन योजना (जसवे) के तहत शहरी व ग्रामीण इलाकों में बिजली तार अंडरग्राउंड किए जा रहे हैं। इसमें गोधर वन टू फीडर तथा गणेशपुर वन टू फीडर के 33 केवी का दूसरा लाइन तैयार किया जा रहा है। यह लाइन अंडरग्राउंड रहेगा। इस लाइन पर बारिश व हवा का प्रभाव नहीं पड़ेगा। वहीं कांड्रा से जोडऩे के लिए भी एक अंडरग्राउंड लाइन की अलग से व्यवस्था की जा रही है। डीवीसी लाइन के ठीक समानांतर अंडरग्राउंड केबल बिछाए जा रहे हैं। इसके अलावा चंदनकियारी से धनबाद तक 33 केवी लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। तकरीबन 430 करोड़ की लागत से जसवे योजना के तहत अंडरग्राउंड केबल बिछाने का काम शुरू किया गया है। यह काम 18 महीने में ही पूरा होना है।
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