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10 वर्षों से ट्रामा सेंटर की पड़ी है राशि, इलाज के अभाव में जख्मी की जा रही जान

धनबाद में ट्रामा सेंटर बनाने के लिए विगत 10 वर्षों से 80 लाख रुपए स्वास्थ्य विभाग को आवंटित किए गए हैं। लेकिन अब तक विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है। आए दिन लोग शहर में दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।

By Atul SinghEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 11:56 AM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 11:56 AM (IST)
आए दिन लोग शहर में दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।

जागरण संवाददाता, धनबाद धनबाद में ट्रामा सेंटर बनाने के लिए विगत 10 वर्षों से 80 लाख रुपए स्वास्थ्य विभाग को आवंटित किए गए हैं। लेकिन अब तक विभाग की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई है। विभाग की उदासीनता का यह हाल है कि आए दिन लोग शहर में दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। तत्काल बेहतर चिकित्सकीय सुविधा नहीं मिलने की वजह से मौत हो रही है। न्यायाधीश उत्तम आनंद को भी समय पर ट्रामा सेंटर की सुविधा मिल पाती, तो उनकी जान शायद बचाई जा सकती थी। इसी को देखते हुए धनबाद के समाजसेवियों ने भी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह को जल्द ट्रामा सेंटर बनाने की मांग की है। एसएनएमएमसीएच इमरजेंसी में हर दिन 8 से 10 गंभीर मरीज दुर्घटना से ग्रस्त होकर आ रहे हैं। लेकिन ट्रामा सेंटर की सुविधा नहीं होने की वजह से उन्हें रांची या दूसरे जगह पर रेफर कर दिया जा रहा है। ऐसे में कई लोगों की जान रास्ते में ही चली जा रही है।

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2011-12 में मिली थी राशि, अब तक नहीं बना सेंटर

वर्ष 2011-12 में ट्रॉमा सेंटर के लिए सरकार ने 80 लाख रुपये सिविल सर्जन कार्यालय को आवंटित किया था। लेकिन तब सदर अस्पताल नहीं होने के कारण सिविल सर्जन ने इस राशि को एसएनएमएमसीएच प्रबंधन को सौंप दिया। लेकिन इसके बाद सरकार व प्रबंधन का रवैया उदासीन रहा। जुलाई 2017 में राज्य सरकार ने धनबाद में ट्राॅमा सेंटर के 101 पद सृजित किए गए थे।

9.30 करोड़ का बनना है ट्रॉमा सेंटर

एसएनएमएमसीएच में सरकार की ओर से ट्राॅमा सेंटर के लिए 9.30 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। धनबाद में सौ बेड का बी टाइप का ट्राॅमा सेंटर बनना है। ट्राॅमा सेंटर पूर्णत: एसी पैक होना है। यहां दुर्घटना में शिकार मरीजों को तत्काल चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध करायी जाती है। ट्राॅमा सेंटर से 60 प्रतिशत मृत्यु दर को कम किया जा सकता है।


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