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डॉक्‍टर की गैरहाजिरी में नर्स ने दिया ऑफर- 1500 रुपये दीजिए, मैं ही करा दूंगी प्रसव

सरकारी अस्पतालों में सरकार ने बायोमैट्रिक हाजिरी बनाने की व्यवस्था की है लेकिन इसके बावजूद अधिकतर सरकारी अस्पतालों में डयूटी के समय डॉक्टर और कर्मी नहीं मिलते।

By Deepak PandeyEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 09:58 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 12:39 PM (IST)
डॉक्‍टर की गैरहाजिरी में नर्स ने दिया ऑफर- 1500 रुपये दीजिए, मैं ही करा दूंगी प्रसव

जागरण संवाददाता, धनबाद: सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों और कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने बायोमैट्रिक हाजिरी बनाने की व्यवस्था की है, लेकिन इसके बावजूद अधिकतर सरकारी अस्पतालों में डयूटी के समय डॉक्टर और कर्मी नहीं मिलते। डॉक्टर की अनुपस्थिति में कर्मी मरीजों से इलाज के एवज में रुपये की भी मांग कर देते हैं।

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ऐसा ही एक मामला सामने आया है सिर्फ महिलाओं के लिए सरकार द्वारा संचालित एसएसएलएनटी अस्पताल में। वहां प्रसव के लिए पहुंची एक महिला को चिकित्सक तो नहीं ही मिले, डयूटी पर तैनात नर्स ने सेवा देने के एवज में रुपये की भी मांग कर दी। पीडि़त परिवार ने इसकी शिकायत वरीय अधिकारियों से की, जिसके बाद मामले की जांच का आदेश दिया गया है।

यह है मामला: धनसार के जोड़ाफाटक रोड निवासी अशोक कुमार सिन्हा प्रसव के लिए अपनी पत्नी को तेतुलतल्ला में संचालित एसएसएलएनटी अस्पताल ले गए थे। जब वे अस्पताल पहुंचे तब चिकित्सक मौजूद नहीं थे। वहां एक नर्स डयूटी पर थीं। अशोक ने उन्हें मामले की जानकारी दी तो नर्स ने बताया कि अभी डॉक्टर नहीं हैं, पर वह प्रसव करा सकती हैं। पर इसके एवज में उन्हें पंद्रह सौ रुपये देने होंगे। इस पर अशोक ने सवाल किया कि यह तो सरकारी अस्पताल है तो पैसे की मांग क्यों? काफी प्रयास के बाद भी वहां उनकी पत्नी को वहां चिकित्सा नहीं मिली। स्थिति बिगड़ती देख वे अपनी पत्नी को निजी अस्पताल ले गए। इधर मामले की शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य सचिव ने सिविल सर्जन को जांच कर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

गंसाडीह स्वास्थ्य उपकेंद्र लगातार दो दिन से बंद: स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंदुआ के गंसाडीह में संचालित स्वास्थ्य केंद्र में भी चिकित्सकों और कर्मियों की उपस्थिति संतोषजनक नहीं है। यह केंद्र पिछले दो दिन से लगातार विभाग के अधिकारियों को ही बंद मिल रहा है। केंद्र में एक डॉक्टर और दो एएनएम की तैनाती है। वहां ओपीडी की सेवा है, लेकिन कर्मियों के नहीं रहने से लोगों को बैरंग लौटना पड़ रहा है।

केंद्र को किस कारण से बंद रखा है, इसकी विभाग को कोई सूचना नहीं है। धनबाद प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. आलोक विश्वकर्मा ने स्वयं बुधवार को वहां का जायजा लिया तो केंद्र बंद मिला। गुरुवार को उन्होंने ओपीडी के समय अपने मॉनीटर को भी भेजा तो उन्हें भी केंद्र बंद मिला। अब इस बाबत केंद्र में तैनात चिकित्सक और नर्स से स्पष्टीकरण मांगने की तैयारी की जा रही है।

कनकनी शहरी स्वास्थ्य केंद्र में भी नहीं मिले डॉक्टर: लोयाबाद क्षेत्र के कनकनी में स्वास्थ्य विभाग का शहरी स्वास्थ्य केंद्र है। बुधवार को उस केंद्र में भी डॉक्टर और कर्मी नहीं थे। वहां एक स्थायी और एक अंशकालिक चिकित्सक की तैनाती है। अन्य कर्मी भी हैं। ओपीडी की सेवा दी जाती है, लेकिन प्रखंड के चिकित्सा प्रभारी डॉ. आलोक विश्वकर्मा ने जब वहां का निरीक्षण किया तो केंद्र में कर्मी और चिकित्सक नहीं थे। ड्यूटी से गायब मिले सभी कर्मियों और चिकित्सकों से स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है।

पीएमसीएच की शाम की ओपीडी में भी नहीं आते वरीय चिकित्सक, कम हुए मरीज: जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच की सुबह की ओपीडी में तो मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ती है लेकिन शाम की ओपीडी में वरीय चिकित्सक नहीं मिलते। इस कारण शाम की ओपीडी में मरीजों का आना कम हो गया है और सुबह की ओपीडी पर दबाव बढ़ गया है। हालांकि सुबह की ओपीडी में भी चिकित्सक मनमाने समय पर आते हैं, जिस कारण अस्पताल अधीक्षक डॉ. एचके सिंह ने बुधवार को कई विभाग प्रमुख समेत दर्जन भर डॉक्टरों की हाजिरी काटने का निर्देश दिया था। ड्यूटी से गायब मिले डॉक्टरों से जवाब मांगा गया है। सख्ती का गुरुवार को सुबह की ओपीडी पर असर दिखा।

गुरुवार को सुबह की ओपीडी में अधिकतर विभागों में समय पर चिकित्सक पहुंचे लेकिन शाम की ओपीडी में वरीय चिकित्सक नहीं थे।

पीएमसीएच इमरजेंसी में भी नहीं थे डॉक्टर, दो को शोकॉज: पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. एचके सिंह ने बुधवार को पीएमसीएच की इमरजेंसी का निरीक्षण किया तो वहां भी ड्यूटी पर तैनात दो चिकित्सक डॉ. विभूतिनाथ और डॉ. रोहित नहीं मिले। उन दोनों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।


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