भाजपा में नई कमेटी को सुगबुगाहट शुरू, विगत चुनावों के आधार पर उभरे जिलाध्यक्ष पद के कई दावेदार Dhanbad News
भाजपा में संगठनात्मक चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। ऐसे में धनबाद में जिलाध्यक्ष पद के लिए भी दावेदारी शुरू हो गई है। कई दावेदार खुद को इस रेस में शामिल मान रहे हैं।
धनबाद, जेएनएन। भाजपा में संगठनात्मक चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। वर्तमान कमेटी का कार्यकाल काफी पहले समाप्त हो चुका है। लोकसभा व विधानसभा चुनावों की वजह से संगठन का चुनाव टलता रहा था। इस बीच घटनाक्रम तेजी से बदला है। विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद जहां प्रदेश अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं राष्ट्रीय स्तर पर भी नए अध्यक्ष की ताजपोशी संभावित है। तय है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करते ही प्रदेश व जिला कमेटियों के गठन की प्रक्रिया तेज हो जाएगी।
इधर धनबाद में जिलाध्यक्ष पद के लिए भी दावेदारी शुरू हो गई है। संगठन चुनाव में रायशुमारी का वक्त अब नहीं रहा। जिलाध्यक्ष पद पर मनोनयन होना लगभग तय है। ऐसे में सांसद, विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। लिहाजा इनकी गणेश परिक्रमा भी तेज हो गई है। विगत दो चुनावों में अपने प्रदर्शन के बल पर कई दावेदार पार्टी में उभरे हैं।
ये हैं जिलाध्यक्ष पद के रेस में :
- चंद्रशेखर सिंह : जिलाध्यक्ष के तौर पर दोनों ही चुनावों में शानदार सफलता हासिल की है। लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतों से पार्टी प्रत्याशी की जीत हुई। सांसद के विश्वासपात्र भी हैं। विधानसभा चुनाव में हालांकि झरिया सीट हाथ से फिसल गई लेकिन सिंदरी में और निरसा में प्रत्याशी को जीत दिलाकर चार सीटें बरकरार रखी।
- संजय झा : जिला महामंत्री निरसा विधासभा के संयोजक थे। यहां फूलचंद मंडल के विरोध और अल्पसंख्यक मतों के एकतरफा मासस के पाले में जाने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी की शानदार जीत हुई। इस जीत के चाणक्य कहे जा रहे झा श्रेय लेने में पीछे भी नहीं रह रहे। वे इसे अथक परिश्रम व सटीक रणनीति का परिणाम बताते हैं।
- रामप्रसाद महतो : महतो की मानें तो यदि पार्टी जिला कमेटी का पुनर्गठन करती है तो वे ग्रामीण जिलाध्यक्ष के प्रबल दावेदार होंगे। यदि जिला कमेटी नहीं भी बंटती तो भी वे दावेदार हैं। आखिर पिछले दो दशकों में उनके नेतृत्व में टुंडी में पार्टी ने सबसे शानदार प्रदर्शन किया है। वे यहां से टिकट के भी दावेदार रहे हैं।
- मानस प्रसून : उपाध्यक्ष मानस प्रसून पर विधानसभा चुनाव में झरिया सीट का दारोमदार था। यहां पार्टी को करारी शिकस्त मिली है। बावजूद इसके वे दावेदार हैं। वे बताते हैं कि बतौर सदस्यता प्रभारी उन्होंने बेहतर काम किया। प्रदेश में धनबाद नंबर वन रहा। अब जबकि जिलाध्यक्षों का मनोनयन होने वाला है, उनकी इस उपलब्धि पर गौर किया जाना चाहिए।
- मिल्टन पार्थसारथी : मीडिया प्रभारी मिल्टन पार्थसारथी सदस्यता अभियान के भी सह प्रभारी थे। पार्टी के सभी खेमों में उनकी पैठ है। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बेहतर तालमेल दिखाते हुए अपने काम को अंजाम दिया और पहचान भी बनाई। मीडिया प्रभारी के तौर पर सामान्य कार्यकर्ताओं से ऊपर के अधिकारियों तक संपर्क साधने की कला भी काम आ सकती है।