... और काल के गाल से वापस आ गया मंगरू, सबने समझ लिया था-'राम नाम सत्य है' Dhanbad News
60 वर्षीय मंगरू तूरी दामोदर नदी की तेज धारा में बह गया। मंगरू पड़ोस की एक महिला के निधन के बाद अन्य लोगों के साथ शव को जलाने गया था।
झरिया, जेएनएन। ऐसा चमत्कार कभी-कभी देखने को मिलता है जैसा डुमरी लाल बंगला के नजदीक दामोदर नदी के तट पर देखने को मिला। शमशान घाट पर उपस्थित सभी लोगों ने समझ लिया था कि मंगरू का भी- 'राम नाम सत्य', हो गया। करीब 20 घंटे बाद जब मंगरू घर पहुंचा तो उसे देख सब दंग रह गए। मां दुर्गा के प्रति आभार प्रकट किया।
लालबंगला दामोदर नदी के तट पर सोमवार की शाम शव जलाने गया पाथरबंगला निवासी ठेला चालक 60 वर्षीय मंगरू तूरी दामोदर नदी की तेज धारा में बह गया। मंगरू पड़ोस की एक महिला के निधन के बाद अन्य लोगों के साथ शव को जलाने गया था। इसी दौरान मंगरु नदी में उतरा तो वह नदी की तेज धारा में बह गया। शव को जलाने गये लोगों ने उसकी काफी खोजबीन की। लेकिन वह नहीं मिला। जब नहीं मिला तो सबने मान लिया कि मंगरू की भी मृत्यु हो गई। इसके बाद घटना की जानकारी मंगरू की पत्नी व परिजनों को दी। पत्नी व परिजन काफी परेशान हो गये। वहीं मंगरु की पत्नी सीता देवी मां दुर्गा की व्रत में थी।
बताते हैं कि मंगरु नदी की तेज धारा में बहते हुए दूर एक चट्टान के पास चला गया। चट्टान के पास जाने के बाद वह किसी तरह उसके ऊपर चढ़ गया। चट्टान में ही सारी रात गुजारी। मंगलवार सुबह में चट्टान के पास कुछ लोग स्नान को गए थे। एक व्यक्ति को अकेला देखा। इस दौरान अन्य लोग भी पहुंच गये। सभी ने मिलकर उसे सकुशल नदी से बाहर निकाला।
चट्टान पर ही बैठकर गुजार दी सारी रात : बताते हैं कि पाथरबंगला निवासी मंगरु के पड़ोस में रहनेवाले पप्पू की पत्नी की मौत हो गई थी। सोमवार की शाम लालबंगला दामोदर नदी के किनारे उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था। शव का अंतिम संस्कार करने के दौरान जब मंगरु नदी में स्नान करने के लिए गया तो पानी की तेज धारा में बह गया था।
घर में पत्नी करती रही दुर्गा की आराधना, मां ने सुनी पुकारः स्थानीय लोगों का कहना है कि मंगरू की पत्नी नवरात्र अनुष्ठान कर रही थी। पत्नी रात भर पति की सकुशल वापसी के लिए मां दुर्गा से प्रार्थना करती रही। आखिर मां दुर्गा ने उनकी हृदय की पुकार को सुन ली। सुबह में लोगों ने पत्नी को बताया कि मंगरु नदी के एक चट्टान में सुरक्षित है। सभी लोग वहां पहुंचकर उसे बाहर निकाला। घर आने पर पत्नी सीता, पुत्र कुंदन, चंदन, अजय, अमन के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। पत्नी सीता ने बताया कि देवी दुर्गा की कृपा से ही सुहाग वापस आया है।