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खुद कुपोषित हो गए हैं कुपोषण उपचार केंद्र, बच्चों का कैसे होगा पोषण Dhnabd News

कागजों पर कुपोषण केंद्र झारखंड सरकार यूनिसेफ डब्ल्यूएचओ आदि की मदद से चल रहे हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर धनबाद में तोपचांची टुंडी व गोविंदपुर केंद्र बंद पड़े हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 09:55 AM (IST)Updated: Tue, 03 Sep 2019 09:55 AM (IST)
खुद कुपोषित हो गए हैं कुपोषण उपचार केंद्र, बच्चों का कैसे होगा पोषण Dhnabd News

धनबाद, जेएनएन। प्रधानमंत्री की अपील पर देश भर में कुपोषण के खिलाफ जंग जारी है। सरकार, प्रशासन व समाजिक संस्थाएं अभियान में सक्रिय हैं। लोगों को जागरूक कर रही है, लेकिन धनबाद में इसका असर नहीं दिख रहा है। स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता से दो वर्षों से गोविंदपुर का कुपोषण उपचार केंद्र बंद है।

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22 जुलाई 2017 को भवन का प्लास्टर गिरने से इसे बंद कर दिया गया था। इसके बाद इस ओर अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस कारण भवन के चारों ओर झाडिय़ां निकल गयी हैं। केंद्र के अंदर रखे टेबल, बेड सभी खराब हो रहे हैं। यह केंद्र झारखंड सरकार, यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ आदि की मदद से चल रहा था। बता दें कि धनबाद में तोपचांची, टुंडी व गोविंदपुर में कुपोषण उपचार केंद्र हैं। गोविंदपुर दो वर्षों से बंद है।

बच्चे मिल रहे, लेकिन कहां लेकर जाएंः केंद्र के बंद होने से गोविंदपुर व इसके आसपास के कई बच्चे कुपोषित मिले हैं। सहियाएं व आंगनबाड़ी कर्मियों की शिकायत है कि केंद्र बंद होने से कुपोषित बच्चे को खोजने पर भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है। कुपोषित बच्चे को यहां पर लाने से उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया जा रहा है।

बगल के बासा गृह में खोलने की थी योजनाः केंद्र के बंद हो जाने से इसे सीएचसी के बगल के ही बासा गृह में खोलने की बात कही गयी थी। लेकिन इससे संबंधित फाइल भी दो वर्षों से धूल फांक रही है। अभी तक इसकी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पायी। इस ओर स्थानीय अधिकारियों ने दिलचस्पी नहीं दिखायी है।

माताओं को मिलते हैं प्रतिदिन 100 रुपयेः कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती होने वाले कुपोषित बच्चों को 14 दिनों से एक माह तक रखने का प्रावधान होता है। बच्चों को साथ उनकी माताओं को भी यहां अलग से रहने दिया जाता है। ताकि बच्चे खुद को अकेला महसूस नहीं करे। सरकार की ओर से इन माताओं को भी सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भत्ता दिया जाता है।

केंद्र को हर हाल में खोला जायेगा। इसके लिए संबंधित अधिकारियों से जानकारी ले रहा हूं। कमियों को दूर करके जल्द केंद्र खोलेंगे।

-डॉ. गोपाल दास, सिविल सर्जन, धनबाद।


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