डिजिटल स्क्रीन समय से पहले ला रही बुढ़ापा, आंखों की ऐसे करें सुरक्षा
मोबाइल फोन स्क्रीन के कारण आंखों से जुड़ी तकलीफ को डिजिटल आइ स्ट्रेन कहते हैं।
आशीष सिंह, धनबाद। दिन-रात मोबाइल फोन से चिपके रहने की आदत बेशक आपको दूर-दराज बैठे लोगों से जोड़ती है, लेकिन ये आपकी त्वचा व आंखों पर बुरा असर भी डाल रही है। त्वचा पर डिजिटल स्क्रीन का असर समय से पहले बुढ़ापा ला रहा है। जी हां, मोबाइल स्क्रीन लाइट के प्रति चेहरे की त्वचा बेहद संवेदनशील होती है। इससे चेहरे पर झुर्रियां व आंखों के नीचे स्याह निशान आ जाता है। पहले सिर्फ सूरज की रोशनी से ऐसी परेशानी होती थी लेकिन, अब मोबाइल स्क्रीन भी इसका कारण बन रही है।
आज चेहरे पर सबसे अधिक समस्या फ्रैंकल्स (झुर्रियां) की है। फोन के कई लोगों के छूने से उसमें बहुत से जीवाणु चिपक जाते हैं। ऐसे में फोन जब चेहरे के संपर्क में आता है तो यह जीवाणु त्वचा को संक्रमित कर देते हैं। फोन पर बात करने से वह गर्म हो जाता है। इससे कान और गाल की त्वचा पर झुलसने के निशान पड़ सकते हैं। स्मार्टफोन की स्क्रीन में ब्लू लाइट भी होती है। हाई एनर्जी विजिबल लाइट कम दूरी होने पर तरंग के रूप में आंखों के उत्तकों को नुकसान पहुंचाती है।
स्मार्टफोन की स्क्रीन से डिजिटल आइ स्ट्रेन (डिजिटल नेत्र तनाव) की समस्या पैदा हो रही है। मोबाइल स्क्रीन पर लगातार नजर गड़ाए रखने से नींद न आना, आंखों में तनाव की स्थिति, चेहरे की मांसपेशियां विकृत होने की समस्या होती है। आधे घंटे से अधिक समय तक मोबाइल स्क्रीन देखनी है तो सन स्क्रीन का उपयोग जरूर करें। स्क्रीन की लाइट कम रखें और अंधेरे में फोन का उपयोग न करें।
फैक्ट फाइल
-अधिक समय तक फोन का इस्तेमाल करने से यह गर्म हो जाता है। गर्मी के कारण त्वचा के उस क्षेत्र में रसायन मिलेनिन का उत्पादन बढ़ता है। त्वचा वास्तविक उम्र से 10 साल ज्यादा दिखने लगती है।
- फोन का फांट छोटा है तो आंखों के आसपास झुर्रियां पड़ने का खतरा।
-मोबाइल का प्रयोग करने से लीवर व थाइराइड से संबंधित बीमारियां भी हो सकती हैं।
- गर्दन से मोबाइल को दबाकर बात करने से टेक्स्ट नेक बीमारी हो सकती है।
- लंबे समय तक इस तरह फोन पर बात करने से गठिया हो सकता है।
डिजिटल आइ स्ट्रेन के लक्षण
आंख में खिचाव महसूस होना, आंखों में पानी आना, दर्द होना, धुंधला दिखना, लाल होना इसके शुरुआती लक्षण हैं। सिरदर्द और घबराहट भी हो सकती है। चिड़चिड़ापन भी होता है।
त्वचा और आंखों की ऐसे करें सुरक्षा
-स्मार्टफोन का इस्तेमाल एक निश्चित समय एवं दूरी बनाकर करें।
- पर्याप्त रोशनी में ही फोन का इस्तेमाल करें।
- 20 मिनट से अधिक समय तक लगातार मोबाइल स्क्रीन न देखें। स्क्रीन से नजर हटाकर आसपास की चीजों को 20 से 40 सेकेंड तक देखें।
- मोबाइल स्क्रीन की ब्राइटनेस कम रखें। फांट साइज बहुत छोटा न रखें।
- मोबाइल, लैपटॉप, कम्प्यूटर स्क्रीन और टैबलेट्स पर काम करते समय पलकें अधिक से अधिक बार झपकाएं।
- छह महीने में एकबार आंखों की जांच अवश्य कराएं।
- 16 से 18 इंच की दूरी पर रखकर ही मोबाइल स्क्रीन देखें।
जानिए, कैसे होता है डिजिटल आइ सिंड्रोम
मोबाइल फोन स्क्रीन के कारण आंखों से जुड़ी तकलीफ को डिजिटल आइ स्ट्रेन कहते हैं। डिजिटल आइ स्ट्रेन को ही पहले कंप्यूटर विजन सिंड्रोम के नाम से जाना जाता था। यह बीमारी लोगों में बढ़ रही है। आज लैपटॉप, टैबलेट्स, स्मार्टफोन हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। इन चीजों के बहुत अधिक इस्तेमाल से डिजिटल आइ सिंड्रोम होता है।
-डॉ.आशुतोष, नेत्र रोग विशेषज्ञ
झुर्रियां व त्वचा पर झाइयों की समस्या आम
इन दिनों अधिकतर केस में स्मार्टफोन जनित रोगों की समस्या सामने आ रही है। हर पांचवां व्यक्ति डिजिटल स्क्रीन से होने वाली त्वचा संबंधी बीमारियों से परेशान है। पहले पिंपल और उसके बाद निशान पड़ने जैसी दिक्कतें आती थीं। अब कम उम्र में झुर्रियां व त्वचा पर झाइयों की समस्या आम है।
- तबस्सुम खान, ब्यूटी एंड हेयर एक्सपर्ट।
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