Makar Sankranti 2021 Dhanbad: आज मनाई जा रह मकर संक्रांति, दामोदर और बराकर में पुण्य की डुबकी
Makar Sankranti 2021 Dhanbad पंडित रमाशंकर तिवारी के अनसार मकर सक्रांति के साथ ही मांगलिक कार्य जैसे विवाह मुंडन सगाई गृह प्रवेश आदि प्रारंभ हो जाएंगे। इसकी अवधि इस दिन पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगी। इस दौरान जरूरतमंद लोगों को दान करना भी शुभ माना जाएगा।
धनबाद, जेएनएन। हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में मकर संक्रांति भी एक त्योहार है। यह बहुत की खास है। धनबाद में गुरुवार को मकर संक्रांति मनाई जा रह है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पौष मास की समाप्ति के अगले दिन भगवान सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस गोचर को ज्योतिषियों की दृष्टि में बेहद खास माना जाता है। इस दिन को मकर संक्रांति कहते हैं। यह हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस दिन को विशेष इसलिए भी माना जाता है क्योंकि पौष मास में रुके हुए सभी शुभ कार्य इस दिन के बाद से शुरू हो जाते हैं। इस त्योहार में खाने-पीने से लेकर दान-पुण्य तक की खास परंपरा है। संक्रांति के दिन गुड़ और तिल का दान किया जाता है। साथ ही खिचड़ी खाने और दान करने से भी अक्षय पुण्य की प्राप्ति होने की मान्यता है। स्नान-दान के बाद दही-चूड़ा का भोग लगाया जाता है।
यूं तो मकर संक्रांति पर नदियों और जलाशयों में स्नान की परंपरा रही है। लेकिन आधुनिक समय में कार्यव्यस्तता के कारण ज्यादातर लोग घरों स्नान-दान करते हैं। इसके बावजूद धनबाद की नदियों के तट पर श्रद्धालु देखे जा रहे हैं। धनबाद में दामोदर और बराकर प्रमुख नदी है। इसके साथ ही मैथन और पंचेत डैम हैं। इन स्थानों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ है। पंडित रमाशंकर तिवारी के अनसार मकर सक्रांति के साथ ही मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश आदि प्रारंभ हो जाएंगे। इसकी अवधि इस दिन पुण्यकाल सूर्यास्त तक रहेगी। इस दौरान जरूरतमंद लोगों को दान करना भी शुभ माना जाएगा।
मकर संक्रांति की शुभ मुहूर्त
14 जनवरी को मकर संक्रांति का पुण्यकाल सुबह 8 बजकर 30 मिनट से शाम को 5 बजकर 46 मिनट तक है। वहीं, मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त एक घंटा 45 मिनट का है, जो सुबह 8 बजकर 30 मिनट से दिन में 10 बजकर 15 मिनट तक है।
मकर संक्रांति का महत्व
मकर संक्रांति के दिन स्नान, दान और सूर्य देव की आराधना का विशेष महत्व होता है। संक्रांति के दिन सूर्य देव को लाल वस्त्र, गेहूं, गुड़, मसूर दाल, तांबा, स्वर्ण, सुपारी, लाल फूल, नारियल, दक्षिणा आदि अर्पित करना शुभ है।
सूर्योदय से पहले करे स्नान, मिलेगा शुभ फल
संक्रांति पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद उगते हुए सूरज को तीन बार जल चढ़ाकर प्रणाम करना चाहिए।