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सरकार को दिए 78 करोड़, बदले में चवन्नी भी नहीं

धनबाद झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) बाजार फीस मद की राशि नगर विकास विभाग को सौंपता है। इसके बदले झमाडा को 80 फीसद राशि वापस करनी है ताकि झमाडा अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन कर सके।

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 02:00 AM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:18 AM (IST)
सरकार को दिए 78 करोड़, बदले में चवन्नी भी नहीं

धनबाद : झारखंड खनिज क्षेत्र विकास प्राधिकार (झमाडा) बाजार फीस मद की राशि नगर विकास विभाग को सौंपता है। इसके बदले झमाडा को 80 फीसद राशि वापस करनी है, ताकि झमाडा अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन कर सके। झमाडा ने इस वर्ष दो किस्तों में नगर विकास विभाग को क्रमश: 48 और 30 करोड़ रुपये दिए, लेकिन अभी तक बदले में झमाडा को एक पैसा नहीं मिला। इसकी वजह से झमाडा के तमाम कार्य बाधित हैं। राशि देने के लिए दो बार पत्राचार किया गया। लेकिन यह पैसा अभी तक नहीं मिला है। हाल में ही कर्मियों ने वेतन के लिए हड़ताल की थी। यदि यह पैसा मिला जाता है तो झमाडाकर्मियों का बकाया वेतन का भुगतान किया जा सकता है। इसके अलावा जामाडोबा एवं पुटकी जल संयंत्र की कमियां भी दुरुस्त की जा सकती हैं। झमाडा एमडी दिलीप कुमार का कहना है कि बाजार फीस की राशि के लिए विभाग को दो बार पत्र लिखा जा चुका है, एक बार फिर से पत्र भेजा जा रहा है। यहां बता दें कि बीसीसीएल, ईसीएल, एक्सप्लोसिव (बारूद फैक्ट्री गोमिया) के तिमाही सेल के अनुरूप विकास मद का एक फीसद बाजार फीस झमाडा के फंड में आता है। इसमें 20 फीसद राशि राज्य सरकार रखती है और 80 फीसद झमाडा के पास रहता है। इस पैसे में 40 फीसद कर्मचारियों के वेतन, 24 फीसद विकास कार्य और 16 फीसद मेंटेनेंस कार्य में खर्च किया जाता है।

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