सावधान! तेज आवाज में गाना सुनने से भी डायबिटीज का खतरा
जेनेटिक कारणों से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ रहा है। इसलिए ऐसे परिवार के लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। आजकल 70 फीसद बीमारी 20 से 30 साल के युवाओं में हो रही है।
धनबाद, जेएनएन। अगर कहीं तेज आवाज में म्यूजिक सिस्टम या डीजे पर गाना बज रहा है तो वहां आनंद उठाने के लिए जाने से परहेज करें। नए शोधों में सामने आया है कि 60 डेसिबल से ऊपर की आवाज कान के पर्दे को तो नुकसान पहुंचाती ही है, यह लोगों को डायबिटीज का रोगी भी बना सकती है। यह कहना है धनबाद के जानेमाने फिजीशियन और रिसर्च सोसाइटी फॉर दी स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया के झारखंड शाखा के अध्यक्ष डॉ. एनके सिंह का।
14 नवंबर विश्व मधुमेह दिवस है। इसे लेकर डॉ. सिंह लोगों को जागरूक करने में जुट गए हैं। उन्होंने कहा है कि 60 डेसिबल की आवाज हमारे शरीर में खतरनाक जैव रासायनिक पदार्थ उत्पन्न करते हैं जो इंसुलिन प्रतिरोध पैदा करती है और क्लॉट बनाने की प्रवृति बनाती है। इससे लोगों को हर हाल में बचना चाहिए अन्यथा वे डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि जेनेटिक कारणों से भी डायबिटीज का खतरा बढ़ रहा है। इसलिए ऐसे परिवार के लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। सबसे खतरनाक बात यह है कि आजकल 70 फीसद बीमारी 20 से 30 साल के युवाओं में हो रही है। इसका कारण चिकित्सा जगत को समझ में नहीं आ रहा है। ग्रामीण इलाकों के कई युवा संतुलित भोजन और शारीरिक श्रम करने के बाद भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। ऐसा रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से उत्पन्न फसलों के सेवन से हो सकता है। इसपर झारखंड में शीघ्र अध्यन शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डायबिटीज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 11 नवंबर को सिटी सेंटर से रंधीर वर्मा चौक पर जागरूकता दौड़ का आयोजन किया जाएगा और सुबह गांधी सेवा सदन के समीप लोगों को हेल्दी ब्रेकफास्ट कराया जाएगा। प्रतिदिन एक घंटा पैदल चलने ही डायबिटीज से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है। 14 नवंबर को श्रमिक चौक को ब्लू बैलून से सजाया जाएगा।