खदानें चालू नहीं हुई तो बंद हो जाएगा लोदना एरिया : पीयूष
तिसरा/अलकडीहा : कोयला मंत्रालय के निदेशक तकनीकी (डीटी) पीयूष कुमार सोमवार को लोदना क्ष्
तिसरा/अलकडीहा : कोयला मंत्रालय के निदेशक तकनीकी (डीटी) पीयूष कुमार सोमवार को लोदना क्षेत्र पहुंचे। कोयला उत्पादन व डिस्पैच से संबंधित प्रक्रियाओं का निरीक्षण किया। लोदना क्षेत्र के कई परियोजनाओं का दौरा कर उत्पादन की स्थिति, कोयला डिस्पैच और कोयले के रखरखाव के बारे में जायजा लिया। नॉर्थ-साउथ तिसरा, जीनागोरा की विभागीय परियोजनाओं को भी देखा। यहां चल रहे देव प्रभा और शुशी आउटसोíसंग की परियोजनाओं का गोकुल पार्क से निरीक्षण किया।
लोदना क्षेत्र की परियोजनाओं का निरीक्षण करने के बाद कोयला मंत्रालय की टीम जियलगोरा गेस्ट हाउस पहुंची। डीटी पीयूष कुमार ने कहा कि अगर सामाजिक सहयोग बीसीसीएल को नहीं मिला तो लोदना एरिया बहुत जल्द बंद हो जाएगा। कहा कि लोदना एरिया फिलहाल भयंकर आíथक संकट के दौर से गुजर रहा है। 23 जुलाई को कोयला सचिव की बैठक में जांच रिपोर्ट सौंपकर यहां की समस्याओं को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे। नार्थ साउथ, जीनगोरा कुजामा, जयरामपुर की विभागीय परियोजनाओं, देवप्रभा व शुश्री आउटसोíसंग परियोजना का भी निरीक्षण किया। कहा कि लोदना एरिया में पांच माइंस में दो ही परियोजना में उत्पादन हो रहा है। जयरामपुर, जीनागोरा व कुजामा की माइंस बंद पड़ी हैं। यहां कोयले का भंडार है। कोयला उत्पादन की असीम संभावना है। इसके चालू होने से एरिया की स्थिति और सुधार जाएगी। अगर ये बंद माइंस अविलंब चालू नहीं हुईं तो लोदना एरिया का बंद होना तय है। माइंस के बंद होने के कारण एरिया के 18 सौ मजदूर सरप्लस हैं। इसके चलते बीसीसीएल को हर महीने भारी आíथक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कंपनी को बचाने के लिए श्रमिकों, आसपास रहनेवाले लोगों को दृढ़इच्छा के साथ कंपनी को सहयोग करना होगा। तभी लोदना एरिया बचेगा। कोयले की बेहतर गुणवत्ता व कोल स्टॉक शॉर्टेज के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सबसे पहले कंपनी में कोयला उत्पादन बढ़ाने के बारे मे सोचना होगा। उत्पादन बढ़ते ही सारी समस्या खत्म हो जाएगी। देश के विकास के लिए कोयला उत्पादन बढ़ाना जरूरी
निरीक्षण के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए डीटी ने कहा कि देश के विकास के लिए कोयला का अधिकाधिक उत्पादन बहुत जरूरी है। देश की लगभग 55 प्रतिशत ऊर्जा जरूरत कोयला से पूर्ति होती है। बीसीसीएल में विकास की बहुत संभावनाएं हैं। इसके लिए छोटी-छोटी समस्याओं पर अधिकारियों को विशेष ध्यान देकर इसका समाधान करना होगा। रेलवे अथॉरिटी, राज्य सरकार और अन्य को भी बीसीसीएल को मदद करनी होगी। तभी देश का विकास होगा। ऊर्जा की कमी पूरी होगी।
क्वालिटी इंप्रूवमेंट के लिए हो रहे प्रयास
पीयूष कुमार ने कहा कि क्वालिटी में सुधार और उत्पादन का लक्ष्य पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। मंत्रालय की ओर से कोयले की गुणवत्ता, कार्य के दौरान सुरक्षा, उत्पादन के लिए नई टेक्नोलॉजी और पर्यावरण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी के संदर्भ में मंत्रालय की टीम बीसीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर गुणवत्तापूर्ण कोयला उत्पादन व अन्य कार्यो का निरीक्षण कर रही है। अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।
बीसीसीएल में छोटे-छोटे कामों के समय पर नहीं होने के कारण कोयला उत्पादन में परफॉर्मेस गिरता जा रहा है। हमें बीसीसीएल के अधिकारियों, श्रमिकों के मनोबल को बढ़ाने की जरूरत है। कंपनी के विकास पर ही मजदूरों का भी विकास होगा।
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विस्थापन में राज्य सरकार करे सहयोग
पीयूष कुमार ने कहा कि यहां के लोगो के विस्थापन में समस्या आ रही है। राज्य सरकार इसमे बीसीसीएल का सहयोग करे। सरकार का सहयोग मिलेगा तो लोदना एरिया का भविष्य उज्ज्वल हो जाएगा। कहा कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना महीनों से उच्च श्रेणी का 250 लाख टन कोयला बरारी में डिस्पैच के लिए पड़ा हुआ है। इसके डिस्पैच के लिए सरकार की अनुमति जरूरी है। बताया कि अधिकांश व्यवधान दूर कर लिए गए हैं। संभवत: अगले माह से उक्त कोयले का डिस्पैच शुरू हो जाएगा। इसके बाद लोदना एरिया की स्थिति में सुधार होने लगेगा।
जीएम कल्याणजी प्रसाद ने कहा कि एरिया की आíथक स्थिति सुधारने के लिए तीनो बंद परियोजनाओं को चालू करने के लिए तत्पर हैं। एक माह में जयरामपुर की माइंस चालू हो जाएगी। क्षेत्र की स्थिति में सुधार दिखेगा। मौके पर एजीएम गजेंद्र अहोदर, सतेंदर ¨सह, केके ¨सह, ओमप्रकाश प्रसाद, श्याम सुंदर गुप्ता, एसके मिश्रा, एमके पांडेय, डीके भगत, एन मंडल, राहुल सरकार, आरएन शर्मा आदि थे।