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24 घंटे में रोस्टर बनाकर कोविड ड्यूटी के लिए डॉक्टर-कर्मियों को करें तैनात

धनबाद केंद्रीय अस्पताल की कार्यशैली सुधारें और 24 घंटे के अंदर वहां योग्य चिकित्सकों व कर्मियों की तैनाती करें। आपदा काल में चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 03:05 AM (IST)Updated: Mon, 03 May 2021 03:05 AM (IST)
24 घंटे में रोस्टर बनाकर कोविड ड्यूटी के लिए डॉक्टर-कर्मियों को करें तैनात
24 घंटे में रोस्टर बनाकर कोविड ड्यूटी के लिए डॉक्टर-कर्मियों को करें तैनात

जागरण संवाददाता, धनबाद : केंद्रीय अस्पताल की कार्यशैली सुधारें और 24 घंटे के अंदर वहां योग्य चिकित्सकों व कर्मियों की तैनाती करें। आपदा काल में चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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यह सख्त निर्देश उपायुक्त सह जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष उमाशंकर सिंह ने बीसीसीएल के सीएमडी को लिखे पत्र में दिया है।

पत्र में उपायुक्त ने कहा है कि बीसीसीएल के कोविड आइसीयू, नॉन आइसीयू और जनरल वार्ड में कोरोना जांच में वहां के चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों की घोर कमी है। कोविड ड्यूटी में लगाए गए तमाम चिकित्साकर्मी आउटसोर्सिंग पर रखे गए स्टाफ हैं। केंद्रीय अस्पताल के सीएमएस ने कोविड संक्रमितों के इलाज में चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों से काम लेने में अपनी असमर्थता जताई है। यह घोर निराशाजनक और आपत्तिजनक है। इससे संस्थान की कार्यशैली पर तो सवालिया निशान लगता ही है, उसकी प्रतिष्ठा भी धूमिल होती है। उपायुक्त ने कहा है कि आपदा काल में जबकि अन्य प्रतिष्ठान व संस्थाएं लोगों व प्रशासन की मदद को तैयार हैं, केंद्रीय अस्पताल व बीसीसीएल के अन्य क्षेत्रीय अस्पतालों की यह कार्यशैली बर्दाश्त नहीं की जा सकती। उपायुक्त ने तल्ख अंदाज में पत्र लिखते हुए कहा है कि वे 24 घंटे के अंदर रोस्टर बनाकर केंद्रीय अस्पताल व बीसीसीएल के क्षेत्रीय अस्पतालों में कोरोना पॉजिटिव के इलाज के लिए चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों की प्रतिनियुक्ति कर जिला प्रशासन व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार को सूचित करें। पूर्व में भी सीएमएस पर कार्रवाई कर चुके हैं उपायुक्त :

उपायुक्त सह जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के अध्यक्ष ने केंद्रीय अस्पताल पर इससे पूर्व भी नाराजगी जताई थी। उमाशंकर सिंह ने धनबाद आते ही केंद्रीय अस्पताल का निरीक्षण किया था और अव्यवस्था देखते हुए तत्कालीन सीएमएस डॉ. एके गुप्ता पर कार्रवाई करने का निर्देश तब पूर्णकालिक सीएमडी रहे पीएम प्रसाद को दिया था। संयोग कि प्रसाद फिर से बीसीसीएल सीएमडी के प्रभार में हैं और उसी तरह के मामले में उन्हें फिर पत्र लिखा गया है। तब सीएमडी ने डॉ. एके गुप्ता को बचाने का भरसक प्रयास किया था, लेकिन दूसरे पत्र में आपदा प्रबंधन प्राधिकार का हवाला देते हुए तत्काल कार्रवाई करने का जब उन पर दबाव पड़ा तो गुप्ता को उनके मूल आंख विभाग में भेज दिया गया और डॉ. आरके ठाकुर को केंद्रीय अस्पताल का प्रभार दिया गया। यह है मामला :

केंद्रीय अस्पताल के कोविड वार्डों में बेड खाली नहीं रहने पर लोग इमरजेंसी वार्ड के जरिए जनरल वार्डों में भर्ती होने लगे। इस पर अस्पताल के काफी संख्या में कर्मचारियों ने स्वयं को बीमार बताते हुए छुट्टी ले ली। इससे कई वार्डों का संचालन मुश्किल हो गया। अस्पताल प्रबंधन को कई वार्ड बंद करने पड़े। चिकित्सकों की भी कमी हो गई। डॉ. आरके ठाकुर स्वयं कोरोना पॉजिटिव हो गए। वे ऑनलाइन व्यवस्था संचालन कर रहे हैं। कतिपय चिकित्सकों से जूनियर होने की वजह से चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों को संभालने में आ रही मुश्किलों के बीच उन्होंने हाथ खड़े कर दिए हैं। इसके बाद उपायुक्त ने यह तल्ख तेवर दिखाए हैं।


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