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हेराफेरी कर बेच दी 28.5 डिसमिल जमीन, 10 पर एफआइआर

निबंधन विभाग ने खाता संख्या बदलकर फर्जी तरीके से जमीन बेचने के मामले का पर्दाफाश किया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Apr 2018 12:02 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 12:02 PM (IST)
हेराफेरी कर बेच दी 28.5 डिसमिल जमीन, 10 पर एफआइआर
हेराफेरी कर बेच दी 28.5 डिसमिल जमीन, 10 पर एफआइआर

जागरण संवाददाता, धनबाद: निबंधन विभाग ने खाता संख्या बदलकर फर्जी तरीके से जमीन बेचने के मामले का पर्दाफाश किया है। इस मामले में विभाग ने जमीन बेचने वाले संजय कुमार सिंह समेत क्रेता राजेश मल्लिक, अजय कुमार मल्लिक, मनीषा शर्मा, रीना देवी, राधा देवी, माला देवी, गवाह दिगंबर प्रसाद व सूर्यदेव सिंह तथा दस्तावेज लेखक अधिवक्ता आरबी सिंह के खिलाफ धनबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है।

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मामला तब सामने आया जब जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद विक्रेता संजय कुमार सिंह ने निबंधन कार्यालय में परिवाद दायर किया तो इसकी जांच में फर्जीवाड़ा करने का यह मामला सामने आया।

क्या है आरोप: नौ फरवरी 2018 को संजय कुमार सिंह ने बाघमारा प्रखंड के तेतुलमारी थाना क्षेत्र अंतर्गत स्थित गण्डुबा मौजा की जमीन को छह लोगों को बेच दिया था और इसकी रजिस्ट्री करा ली थी। जमीन खरीदने वालों में खेपचाटांड़ कतरास के राजेश मल्लिक व अजय कुमार मल्लिक, लकड़का कतरास की मनीषा शर्मा, झींझीपहाड़ी कतरास की रीना देवी, सिजुआ की राधा देवी और पुराना श्याम बाजार की माला देवी शामिल हैं। इस जमीन की खरीद बिक्री में गवाही तेतुलमारी के दिगम्बर प्रसाद और सूर्यदेव सिंह ने दी थी तथा दस्तावेज लिखने का काम अधिवक्ता आरबी सिंह ने किया था। जमीन की रजिस्ट्री होने के बाद संजय कुमार सिंह ने निबंधन कार्यालय में एक परिवाद दायर किया। परिवाद दायर होने पर विभाग ने इसकी जांच करायी तो मामला सामने आया।

इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा : निबंधन के बाद संजय कुमार सिंह की ओर से दायर परिवाद की जांच की गई। परिवाद में संजय ने यह उल्लेख किया था कि अंकित भूमि सरकार द्वारा प्रतिबंधित नहंी है यानी यह सीएनटी एक्ट से फ्री है। यह भूमि सरकारी गैर मजरुआ सरकार द्वारा बंदोबस्त अहस्तांतरणीय भूदान से प्राप्त वन भूमि आदिवासी खाता के अंतर्गत अथवा अधिग्रहित भूमि की श्रेणी में नहीं आता है। इस भूमि के खरीदने और बेचने को लेकर क्रेता और विक्रेता किसी को भी कोई आपत्ति नहीं है। जमीन रजिस्ट्री संबंधी बातों की सत्यता की जांच के लिए सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी से जांच करायी गई। जांच में यह बात सामने आयी कि विक्रेता संजय कुमार सिंह ने खाता संख्या 111 को बदलकर 131 कर दिया और जमीन बेच दी। मौजा गण्डुबा, थाना नं. 231, अंचल बाघमारा का साबिक खेसरा 523, साबिक खाता नंबर 111 है। अंचल कार्यालय बाघमारा के अनुसार यह जमीन प्रतिबंधित जमीन की सूची में आती है।

28.50 डिसमिल जमीन बेची : संजय कुमार सिंह ने दस्तावेजों की हेराफेरी कर कुल 28.5 डिसमिल जमीन बेच दी। इसमें राजेश व अजय को चार डिसमिल, मनीषा शर्मा को सात डिसमिल, माला देवी को 4.5 डिसमिल, रीना देवी को छह डिसमिल और राधा देवी को सात डिसमिल जमीन बेची गई।

छह धाराओं में दर्ज हुई प्राथमिकी : धनबाद थाना पुलिस ने इस मामले को लेकर छह धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें जमीन प्राप्त करने के लिए कुचक्र रचने (भादवि 467), धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी करना (भादवि 468), जाली दस्तावेजों को असली बताकर उपयोग करना (भादवि 471), प्रतिरूपन कर धोखाधड़ी (भादवि 219 ), धोखाधड़ी (भादवि 420) और अपराधिक षडयंत्र (भादवि 120 बी ) शामिल है।


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