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तीन साल से न कोई केस न फरियादियों का आना, बंद होगा यह थाना

जिले में एक ऐसा थाना भी है जहां पिछले तीन वर्ष से न किसी फरियादी ने प्रवेश किया है और न ही वहां कोई मुकदमा दर्ज हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 May 2018 11:43 AM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 11:45 AM (IST)
तीन साल से न कोई केस न फरियादियों का आना, बंद होगा यह थाना
तीन साल से न कोई केस न फरियादियों का आना, बंद होगा यह थाना

जासं, धनबाद: भले इस बात पर भरोसा करने को मन नहीं करे पर बात है सच्ची। माफिया नगरी के रूप में चर्चित धनबाद अक्सर गंभीरतम अपराधों से दहल जाता है लेकिन इसी जिले में एक ऐसा थाना भी है जहां पिछले तीन वर्ष से न किसी फरियादी ने प्रवेश किया है और न ही वहां कोई मुकदमा दर्ज हुआ है। पिछले तीन वर्ष से वहां तैनात पुलिसकर्मी बस बिना किसी काम तैनात हैं। उनके पास आपराधिक घटनाओं के अनुसंधान का कोई दबाव नहीं है। इस स्थिति को देखते हुए उस थाने को बंद कर पुलिस बल को धनबाद में समायोजित करने की तैयारी की जा रही है।

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रामराज समान आदर्श स्थापित कर रहा यह थाना धनबाद से महज छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह है कुसुंडा रेल थाना। वर्ष 2016 से ही यहां कोई एफआइआर नहीं हुआ है। रविवार को इस थाने को रेल डीएसपी विनोद कुमार महतो ने निरीक्षण किया तो यह बात सामने आई। पता चला कि कुसुंडा स्टेशन पर अवस्थित इस थाने में अंतिम बार वर्ष 2015 में तीन प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद से यहां किसी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। हालांकि कभी यह बहुत संवेदनशील थाने में शुमार था पर अब स्थिति बदल चुकी है। यहां विधि व्यवस्था संधारण के लिए चार पुलिसकर्मियों की तैनाती है। इनमें दो एएसआइ और दो कांस्टेबल है। केस नहीं होने के कारण इनके पास कोई काम नहीं है। ऐसी स्थिति को देखते हुए रेल डीएसपी ने वरीय अधिकारियों से इस थाने के बल को क्लोज को धनबाद में समायोजित करने का सुझाव दिया है।

पिछले वर्ष से बंद है ट्रेनों का परिचालन: पहले कुसुंडा स्टेशन होकर 26 जोड़ी यात्री और एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन होता था। दर्जनों की संख्या में मालगाड़ियां भी चलती थी लेकिन पिछले साल 15 जून से इस रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया। भूमिगत आग के खतरे को देखते हुए धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया। इसी रेलखंड पर यह पहला थाना है। तीन चार वर्ष पूर्व से यहां अपराध में गिरावट आनी शुरू हुई जो तीन साल से शून्य पर स्थिर है। ट्रेन बंद होने के कारण इस स्टेशन की बिजली की काट दी गई है। पूरा स्टेशन रात में अंधेरे में डूब जाता है। थाना भी जर्जर हो चुका है। ऐसे में इसे बंद करने की तैयारी की जा रही है।


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