वाटर स्पोर्ट्स के नाम पर पानी की तरह बहा दिए गए छह करोड़ रुपये
पानी खेल के नाम पर पानी की तरह बहा दिए गए छह करोड़ रुपये
वाटर स्पोर्ट्स के नाम पर पानी की तरह बहा दिए गए छह करोड़ रुपये
मैथन (धनबाद) : 34 वें राष्ट्रीय खेल के नाम पर किस तरह से करोड़ों का घोटाला किया गया है यह देखना है तो मैथन आइए। यहां वाटर स्पोर्ट्स (जलीय खेल) के नाम पर करीब छह करोड़ रुपये पानी की तरह बहा दिए गए। सीबीआइ इसकी जांच करे तो कई प्रशासनिक व खेल अधिकारियों का गर्दन फंस सकती है।
34वें राष्ट्रीय खेल के लिए वर्ष 2011 में तत्कालीन उपायुक्त अजय कुमार की देखरेख में मैथन में लगभग चार करोड़ की लागत से सभी सुविधाओं से लैस 60 कमरों का स्पोर्ट्स हास्टल बनाया गया था। साथ ही खेल प्रसारित करने के लिए दो करोड़ का डिजिटल बोर्ड भी मैथन डैम के पास लगाया गया था। उस समय धनबाद व मैथन के लोगों को लगा था कि राष्ट्रीय खेल के नाम पर मैथन का नाम पूरे देश में होगा। मगर ऐसा नहीं हुआ। जैसे ही खेल समाप्त हुआ मैथन स्पोर्ट्स हास्टल व डिजिटल स्कोर बोर्ड को लावारिस अवस्था में छोड़ दिया गया। देखरेख के अभाव में धीरे-धीरे इस स्पोर्ट्स हास्टल के कमरों में रखे एसी, कूलर, टीवी, फ्रिज, सोफा, पलंग, गीजर सहित तमाम कीमती सामानों की चोरी हो गई। देखते ही देखते स्पोर्ट्स हास्टल की खिड़की व दरवाजे तक उखाड़ कर ले गए। अब तो स्थिति यह हो गई है कि इसकी ईंट भी चोरी हो रही है, जो कभी भी धराशायी हो सकती है।
घोटाले को छुपाने के लिए करोड़ों के बोट में लगा दी गई आग :
राष्ट्रीय खेल के नाम पर मैथन में किए गए घोटाले को छुपाने के लिए खिलाड़ियों के लिए डैम के किनारे बने चेंज रूम को रातों रात गायब करा दिया। स्पोर्ट्स हास्टल में रखे करोड़ों के बोट में आग लगवा दी। उस समय कुछ लोगों ने स्पोर्ट्स हास्टल निर्माण के नाम पर घोटाला होने की आवाज उठाई थी। बावजूद इसकी जांच नहीं की गई। इतना जरूर हुआ कि जब सबकुछ लुट गया तो स्पोर्ट्स हास्टल की सुरक्षा के लिए निजी सुरक्षा गार्ड रखा गया।
हाशमी व आनंद शर्मा पर लगे घोटाले के आरोप :
मैथन स्पोर्ट्स हास्टल को बनाने के लिए तत्कालीन झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के संगठन सचिव एसएम हाशमी और तत्कालीन उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने काफी प्रयास किया था। इन दोनों के प्रयास से ही मैथन में स्पोर्ट्स हास्टल का निर्माण हुआ था। इसी बीच अजय कुमार सिंह का धनबाद से तबादला हो गया और सुनील कुमार वर्णवाल धनबाद के डीसी बनकर आए। उनके ही कार्यकाल में 12 से 26 फरवरी 2011 तक मैथन डैम पर 34 वें राष्ट्रीय खेल के तहत जलीए खेल का आयोजन किया गया। इसमें देश भर के राष्ट्रीय महिला व पुरुष खिलाड़ियों ने भाग लिया था। उस समय झारखंड ओलंपिक संघ के संगठन सचिव एसएम हाशमी, अध्यक्ष आनंद शर्मा सहित कई लोगों पर जरूरत से ज्यादा कीमत देकर खेल उपकरणों की खरीदारी करने का आरोप लगे। इसकी विजिलेंस जांच भी हुई। मगर रिजल्ट कुछ नहीं निकला।
सीबीआइ जांच शुरू हुई तो मैथन स्पोर्ट्स हास्टल आया चर्चा में :
इधर जब कोर्ट के आदेश पर 34वें राष्ट्रीय खेल के नाम पर हुए घोटाले की सीबीआइ जांच शुरू हुई तो अचानक मैथन स्पोर्ट्स हास्टल की चर्चा आम लोगों में शुरू हो गई। जिन घोटालेबाजों के ठिकानों पर सीबीआइ छापेमारी कर रही है उन्हीं लोगों ने खेल के नाम पर घोटाला कर मैथन को भी बदनाम किया है। यह घोटाला नहीं होता तो मैथन में पर्यटकों को ठहरने के लिए एक अच्छी जगह मिलती और डैम घुमाने के लिए आने वाले पर्यटकों में इजाफा होता। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता।