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स्मृति शेष : नहीं रहे आलोचक खगेंद्र ठाकुर, धनबाद से भी था गहरा लगाव Dhanbad News

देश के प्रसिद्ध आलोचक खगेंद्र ठाकुर (83) का सोमवार को पटना एम्स में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से धनबाद में भी शोक की लहर है।

By Sagar SinghEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 01:59 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jan 2020 09:06 AM (IST)
स्मृति शेष : नहीं रहे आलोचक खगेंद्र ठाकुर, धनबाद से भी था गहरा लगाव Dhanbad News
स्मृति शेष : नहीं रहे आलोचक खगेंद्र ठाकुर, धनबाद से भी था गहरा लगाव Dhanbad News

धनबाद/ पटना, जेएनएन। देश के प्रसिद्ध साहित्यकार, समीक्षक व आलोचक खगेंद्र ठाकुर (83) का निधन सोमवार को पटना एम्स में हो गया। उनके निधन की खबर से धनबाद में भी शोक की लहर है। धनबाद में खगेंद्र ठाकुर के भतीजे डॉ. एके ठाकुर रहते हैं। एके ठाकुर जिले के प्रसिद्ध इएनटी सर्जन हैं। मौत की सूचना पाकर परिवार मर्माहत है।

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डॉ. ठाकुर ने बताया कि उनके पिता गंगाधर ठाकुर चार भाई थे। सबसे छोटे खगेंद्र ठाकुर थे। उनके निधन से मैंने अभिभावक को खो दिया। देर शाम परिजन पटना के लिए रवाना हो गये। खगेंद्र भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) की राज्य कार्यकारिणी सदस्य भी थे।

जब भी रांची आते, धनबाद भी पहुंचते थे चाचा : डॉ एके ठाकुर याद करते हुए कहते हैं कि चाचा की एक बेटी रांची में रहती हैं। एक बेटी व बेटा भास्कर पटना में रहते हैं। जब भी चाचा रांची आते थे, तब धनबाद मिलने जरूर आते थे। एक वर्ष पूर्व भी वह धनबाद में घर पर आये थे और सभी का हाल-चाल लिया था।

धनबाद में भी शोक : खगेंद्र प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे थे। साथ ही सीपीआई के देश के विभिन्न जगहों के साथ धनबाद में उनका अक्सर आना जाना था। यहां कई कार्यक्रमों ने उन्होंने हिस्सा लिया था। उनके निधन से धनबाद के लेखकों, कवियों के साथ सीपीआइ के सदस्यों में भी शोक हैं। बीसीकेयू के सत्यनारायण कुमार, भरत भूषण, रामकृष्णा आदि ने शोक जताया है।

कई दिनों से बीमार थे खगेंद्र : प्रसिद्ध साहित्यकार खगेंद्र ठाकुर पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। उनको सोमवार की सुबह पटना एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां उनका निधन हो गया। उनके पुत्र अमितांशु भास्कर ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर मंगलवार की सुबह 10 बजे अदालतगंज स्थित जनशक्ति भवन में लाया जाएगा जबकि सुबह 11 बजे बांस घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

झारखंड के गोड्डा जिले के मालिनी गांव में हुआ था जन्म : प्रगतिशील लेखक खगेंद्र ठाकुर का जन्म नौ सितंबर 1937 को झारखंड के गोड्डा जिले के मालिनी गांव में हुआ था। वे हिंदूी साहित्य की विभिन्न विधाओं आलोचना, व्यंग्य, कविता और संस्मरण के क्षेत्र में सक्रिय रचना करते रहे। साहित्यकार डॉ. अशोक प्रियदर्शी ने उनके निधन को हिंदूी आलोचना के लिए बेहद बड़ी क्षति बताया है।


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