त्योहारी सीजन में सावधानी से कीजिए खरीदारी; बेसन में खराब मटर की मिलावट, काजू भी नहीं फ्रेश Dhanbad News
जांच के अनुसार धैया स्थित राजहंस ऑयल इंडस्ट्रीयल प्रतिष्ठान में सरसो के बीज भी डैमेज मिले। वहीं बेसन में खराब मटर का आटा मिलाया जा रहा है। काजू में भी कालापन पाया गया।
धनबाद, जेएनएन। शहर में खाद्य पदार्थ बिक्री करने वाले प्रतिष्ठान मिलावटी व निम्न कोटि का सामान बेच रहे हैं। प्रतिष्ठानों से जब्त किए गए खाद्य सैंपल की रांची नामकुम स्थित राज्य के एकमात्र स्टेट फूड लैब से आई जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
जांच के अनुसार धैया स्थित राजहंस ऑयल इंडस्ट्रीयल प्रतिष्ठान में सरसो के बीज भी डैमेज मिले। वहीं, बेसन में खराब मटर का आटा मिलाया जा रहा है। काजू में भी कालापन पाया गया। इसी तरह गोविंदम फूड प्रोडेक्ट्स राजगंज और बरवाअड्डा के सुसनीलेवा स्थित मिलेनियम कैश्यू इंडस्ट्रीज में बिकने वाले खाद्य पदार्थ में ऐसी ही अनियमितता मिली है। तीनों प्रतिष्ठानों के खिलाफ डीसी कोर्ट में कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। डीसी अमित कुमार शीघ्र ही इन प्रतिष्ठानों को दंडित करेंगे। मालूम हो कि पर्व त्योहारों पर जिला प्रशासन व खाद्य सुरक्षा विभाग खाद्य पदार्थ बिकने वाले प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर रहा है।
14 की जांच रिपोर्ट, तीन में खामियां : जिला खाद्य व सुरक्षा विभाग जुलाई से गुरुवार तक 38 दुकानों व प्रतिष्ठानों में कार्रवाई कर चुका है। 14 मामलों में सैंपल की जांच रिपोर्ट विभाग को मिली है। इनमें तीन प्रतिष्ठानों में गड़बड़ी पाई गई है। विभाग अन्य मामलों के जांच रिपोर्ट आने की प्रतीक्षा कर रहा है। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। पिछले दिनों मधुलिका स्वीट्स, पुराना बाजार के एक प्रतिष्ठान में भी कार्रवाई की गई थी। विभाग को उनकी रिपोर्ट का भी इंतजार हैं। क्या है प्रावधान- खाद्य पदार्थो की बिक्री में गड़बड़ी मिलने पर सेक्शन 51 के तहत फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड (एफएसएस) 2006 के तहत कार्रवाई का प्रधान है। इसमें प्रतिष्ठानों से जुर्माना वसूला जा सकता है। बार-बार गड़बड़ी पाए जाने पर प्रतिष्ठान बंद भी करा सकते हैं। ये सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए फूड सेफ्टी ऑफिसर आदिती सिंह ने बताया कि शहर के विभिन्न प्रतिष्ठानों से अंडा, आटा, मैदा, सूजी, सरसों तेल, खोवा, पनीर, पान मसाला, मिल्क केक, रिफाइन ऑयल, मावा, बर्फी, हल्दी पाउडर, जीरा, लाल मिर्च के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि लैब में झारखंड से जांच के लिए सैंपल आते हैं। ऐसे में रिपोर्ट आने में एक से दो माह लग जाता है।
बेसन में मटर का आटा मिलाया जा रहा है। काजू में ब्लैकनेस व सरसों के बीज डैमेज बेचा जा रहा है। जांच में तीन दुकानों के खिलाफ डीसी कोर्ट में कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। खाद्य सुरक्षा अधिनियिम का पालन प्रतिष्ठानों को करना चाहिए।
- राज महेश्वरम, एसडीओ