तीन साल पहले झामुमो नेता के बेटे का भी हुआ था कत्ल, रेनबो ग्रुप के चेयरमैन की हत्या के बाद भीड़ ने काट डाला था Dhanbad News
17 अगस्त 2017 को रेनबो ग्रुप के चेयरमैन धीरेन रवानी की हत्या हुई थी। हत्या का आरोप शंकर रवानी के बड़े पुत्र कुणाल रवानी पर लगा था। घटना के समय ही कुणाल रवानी की हत्या भीड़ न कर दी।
धनबाद, जेएनएन। कभी-कभी पैसे की लड़ाई में पूरा परिवार उजड़ जाता है। इसका ताजा उदाहरण धनबाद के भौंरा गाैरखूंटी निवासी झामुमो नेता शंकर रवानी और उनकी पत्नी की हत्या है। इस परिवार में अब तक चार लोगों की हत्या हो चुकी है। तीन साल पहले झामुमो नेता शंकर रवानी के बेटे की भी हत्या कर दी गई थी।
झामुमो धनबाद महानगर उपाध्यक्ष व भौरा गौर खूंटी निवासी शंकर रवानी और उनकी पत्नी बालिका देवी की निर्मम हत्या शनिवार देर रात घर में ही कर दी गई। अपराधियों ने घर के अंदर दोनों को दौड़ा-दौड़ा कर बेरहमी से हत्या की है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अपराधी घर में घुसकर सोए दंपति को उठाए। घर के अंदर अपराधियों के साथ पति-पत्नी का युद्ध भी हुआ है। इसके बाद आंगन में खींचकर दोनों की हत्या चाकू से की गई है। दो फायरिंग भी की गई है। घटनास्थल से पुलिस ने दो खोखा और चाकू बरामद किया है। आंगन में ही दोनों का शव पड़ा हुआ है। घटना की जानकारी लोगों को रविवार सुबह में हुई। खबर पाकर सिंदरी डीएसपी अजीत कुमार सिन्हा, सुदामडीह थाना प्रभारी, भोरा ओपी प्रभारी, जोड़ापोखर इंस्पेक्टर पहुंचे हैं। पुलिस छानबीन कर रही है।
17 अगस्त 2017 को रेनबो ग्रुप के चेयरमैन धीरेन रवानी की हत्या हुई थी। हत्या का आरोप शंकर रवानी के बड़े पुत्र कुणाल रवानी पर लगा था। घटना के समय ही कुणाल रवानी की हत्या भीड़ न कर दी। भीड़ ने पाठा काटने वाले धारदार हथियार से कुणाल को काट डाला था। व्यवसाय और संपत्ति विवाद को लेकर शंकर रवानी और धीरेन रवानी में विवाद था। शंकर और धीरेन चचेरे भाई थे। शंकर रवानी उस घटना के समय जेल में बंद थे। दोनों परिवारों ने एक दूसरे पर आरोप लगाया था। पुलिस भी पुरानी रंजिश से ही जोड़कर इस हत्याकांड को देख रही है।