प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- मासिक फीस नहीं लेने का दबाव बनाया तो HC जाएंगे Dhanbad News
झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मासिक शुल्क न लेने का फैसला करते समय परिवहन शुल्क वाहन बीमा और अन्य बातों की अनदेखी हुई है।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की बैठक प्रदेश महासचिव रामरंजन कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। बैठक में शिक्षा विभाग के मासिक फीस न लेने के आग्रह पर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि दो दिनों के अंदर उपायुक्त और जिला शिक्षा अधीक्षक को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें निजी विद्यालय के सामने लॉकडाउन के चलते जो स्थिति बनी हुई है, उसे रखा जाएगा।
एसोसिएशन के प्रदेश महासचिव ने कहा कि हमें किस्तों में वाहन बीमा, वाहन चालकों और सफाई कर्मियों को भुगतान करने की अनुमति दी जाए। विद्यालय निजी शिक्षण संस्थान या तो चैरिटेबल है या फिर एजुकेशनल सोसायटी और ट्रस्ट की ओर से चलाए जा रहे हैं। अगर कोई स्कूल बच्चों से फीस चार्ज ही नहीं करेगा तो अपने स्टाफ, सफाई कर्मियों, वाहन का बीमा आदि का खर्च कहां से देगा।
उन्होंने कहा कि मासिक शुल्क न लेने का फैसला करते समय सरकार ने परिवहन शुल्क और वाहन बीमा के बारे में अनदेखी की। फिर भी शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग जबरदस्ती करते हैं तो एसोसिएशन लॉकडाउन की अवधि के बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इस बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके सिन्हा, सचिव इरफान खान, सचिव विशाल श्रीवास्तव, संयोजक सुधांशु शेखर, कोषाध्यक्ष शब्बीर अख्तर शामिल हुए।
एसोसिएशन के अन्य मांगें
- विद्यालय का सभी कर तीन महीने के लिए माफ कर दें। बिजली बिल लॉकडाउन के पीरियड का भी माफ किया जाए।
- शिक्षकों का वेतन विद्यालय खुलने के बाद किस्तों में देने की आदेश करें।
- विद्यालय के कार्यालय को दो घंटे खोलने की अनुमति दें, ताकि वहां से बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाने की व्यवस्था कराई जा सके।
- तत्काल संवेदनशील परिस्थिति को देखते हुए अपने परिसर से ही पुस्तक बेचने के लिए पुस्तक विक्रेताओं की मदद से व्यवस्था कराएं।
- दो घंटे स्कूल कार्यालय खुला रखने का एवं पुस्तक वितरण करने की अनुमति मिलनी चाहिए।