Move to Jagran APP

Jharkhand Power Crisis: धनबाद में फिर चरमराई बिजली व्‍यवस्‍था, रात भर किया परेशान; सुबह से फिर गुल है शहर की बत्‍ती

डीवीसी के ब्रेक डाउन होने से सोमवार की रात भर शहर में अंधेरा छाया रहा। इससे लोग उमस भरी गर्मी में परेशान रहे। दरअसल पांच सौ मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली डीवीसी की ए प्लांट में सोमवार की शाम बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:26 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:26 AM (IST)
कई इलाकों में देर रात तक बिजली आई।

जागरण संवाददाता, धनबाद: डीवीसी के ब्रेक डाउन होने से सोमवार की रात भर शहर में अंधेरा छाया रहा। इससे लोग उमस भरी गर्मी में परेशान रहे। दरअसल पांच सौ मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाली डीवीसी की ए प्लांट में सोमवार की शाम बिजली उत्पादन पूरी तरह से ठप हो गया। प्लांट में ब्‍वॉयलर के ट्यूब में खराबी आ जाने के कारण घंटों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। इसके कारण धनबाद स्थित डीवीसी के सभी सब स्टेशन ब्रेक डाउन हो गए। सरायढ़ेला, नया बाजार, पुराना बाजार, झरिया, कतरास, बैंक मोड़ , गोविंदपुर आदि इलाके सहित पूरे शहर में अंधेरा छा गया। कई इलाकों में देर रात तक बिजली आई। वहीं कई इलाके रात भर अंधेरे में रहे।

loksabha election banner

रातभर में कई बार आई-गई बिजली: डीवीसी का ब्रेक डाउन होने के बाद शहरी इलाकों में रात 11 बजे से बिजली आनी शुरू हुई, लेकिन अत्याधिक लोड होने के कारण इन इलाकों में भी बिजली कट गई जो सुबह चार बजे के करीब आई। लोगों को रात भर उमस भरी गर्मी झेलनी पड़ी। पुरानाबाजार, बैंक मोड़, नया बाजार, बरटांड आदि इलाके में 11 बजे रात तक बिजली आई थी। वहीं सरायढेला इलाके में 12 बजे के करीब बिजली आई। हालांकि 20 मिनट के बाद फिर से पूरा शहर अंधेरे में डूब गया।

दो दिन से बिगड़ी है स्थिति: बिजली की स्थिति दो दिन से बिगड़ गई है। इससे पूर्व रविवार की रात भी बिजली आती जाती रही। हालांकि रात में बिजली कटौती एक साथ नहीं, बल्कि एक-एक घंटे के अंतराल पर काटी गई। सुबह तीन बजे तक यह सिलसिला पूरे शहर में चला उसके बाद बिजली की हालत में सुधार आई। वहीं इधर सोमवार को दिन से ही कई इलाकों में बिजली कट-कट कर आती रही। गौरतलब है कि डीवीसी से धनबाद व चास सर्किल को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। धनबाद में अभी 240 मेगावाट से अधिक खपत हो रहा है। मगर डीवीसी मात्र 180 मेगावाट ही बिजली दे रही है। वहीं कांड्रा ग्रिड से 30 से 40 मेगावाट तक ही बिजली मिल रही है। कल लोड बढ़ने के कारण रात में बिजली संकट रहा।

आज भी सता रही बिजली कटौती: धैया-बरटांड़ समेत विभिन्‍न इलाकों में मंगलवार को सुबह से ही बिजली गुल है। उमस भरी गर्मी में बिजली कटौती की वजह से जहां एक ओर लोग बेहाल हैं, वहीं दूसरी ओर पानी की समस्‍या भी उत्‍पन्‍न हो गई है। इधर, सरायढेला इलाके में भी सुबह नौ बजे से बिजली आपूर्ति ठप है।

एग्यारकुंड प्रखंड क्षेत्र में 18 घंटे से बिजली आपूर्ति बाधित: सोमवार को दोपहर बाद तेज आंधी और बारिश के कारण जगह-जगह बिजली के तार और घरों पर पेड़ गिर जाने से एग्यारकुंड प्रखंड क्षेत्र की लगभग 20 पंचायतों के दो सौ गांव बीते 18 घंटे से अंधेरे में हैं। ग्रामीणाें का आरोप है कि विभाग द्वारा आंधी और बारिश समाप्त होने के बाद भी बिजली आपूर्ति दुरुस्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई, जिसकी वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।

ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की ओर से विभिन्‍न वाट्सएप ग्रुप पर मैसेज सर्कुलेट कर मैथन विद्युत सब स्टेशन और कंचनडीह विद्युत सब स्टेशन का नंबर जारी किया गया था। लोगों से कहा गया था कि यदि बिजली के तार पर पेड़ गिर गया हो तो बिजली आपूर्ति कार्यालय में सूचना दें, लेकिन कुछ नंबर बंद पड़े थे ते कुछ पर पूरी रात रिंग होने के बावजूद किसी ने फोन नहीं उठाया। कई जगहों पर ग्रामीणाें ने खुद ही बिजली के तार पर गिरी पेड़ों की टहनियां हटाईं, लेकिन इसके बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई।

बिजली नहीं होने की वजह से नहीं मिल सका पानी: बिजली कटौती के कारण मैथन पेयजल आपूर्ति प्लांट और एग्यारकुंड स्थित मुगमा पेयजल आपूर्ति प्लांट से मंगलवार की सुबह पानी की आपूर्ति नहीं की गई। इससे एग्‍यारकुंड प्रखंड क्षेत्र के करीब एक लाख लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी। वहीं मंगलवार की सुबह भी कंचनडीह विद्युत सब स्टेशन कार्यालय का फोन नंबर लगातार बंद आ रहा है, जिससे ग्रामीणों का गुस्‍सा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणो का कहना है कि कंचनडीह विद्युत सब स्टेशन के कर्मियों की यह पुरानी आदत है कि आंधी और बारिश होने पर सबसे पहले फोन ऑफ कर देना, ताकि उपभोक्ता यह ना पूछ सकें कि बिजली आपूर्ति कब तक बहाल होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.