ACB जांच में परत दर परत खुल रही DMC में गड़बडियों की पोल, सरकार ने 7 दिन के अंदर नगर आयुक्त से मांगा जवाब Dhanbad News
नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने रांची से पहले रिपोर्ट मांगी थी और अब धनबाद नगर आयुक्त से रिपोर्ट तलब की है। नगर आयुक्त को 7 दिन में जवाब देना है।
रांची/धनबाद, जेएनएन। एसीबी जांच ने धनबाद नगर निगम में गड़बड़ियों की पोल खोलकर रख दी है। आधा दर्जन मामलों में एसीबी की रिपोर्ट के बाद नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने सात दिनों के अंदर नगर आयुक्त से पूरे प्रकरण में रिपोर्ट तलब की है। 26 फरवरी 2020 को धनबाद नगर निगम में एसीबी की निरोधात्मक कार्रवाई में कई खुलासे हुए। एसीबी की प्रारंभिक रिपोर्ट भी मिल गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने रांची से पहले रिपोर्ट मांगी थी और अब धनबाद नगर आयुक्त से रिपोर्ट तलब की है। नगर आयुक्त को भी सात दिनों के अंदर एसीबी की आपत्तियों के विरुद्ध प्रतिवेदन समर्पित करने का आदेश दिया है। इस जवाब से नगर विकास विभाग मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग को अवगत कराएगा।
फरवरी माह में एसीबी झारखंड के विशेष जांच दल द्वारा औचक जांच के बाद कई महत्वपूर्ण आपत्तियां उठाई गई थीं। नगर विकास एवं आवास विभाग में पदस्थापित उप सचिव अखिलेश कुमार इस जांच के लिए नोडल पदाधिकारी बनाए गए थे और उनकी मौजूदगी में ये जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के विशेष जांच दल की ओर से किया गया है। एसीबी ने जांच में पाया है कि नगर निगम क्षेत्र में कुल 1355 लाभुकों को 12000 रुपये के बदले 18000 रुपये भुगतान किया गए। चार सौ लाभुकों से वापस पैसा लिया गया, पर बाकी के लाभुकों से अतिरिक्त पैसा नहीं वसूल हुआ है। सभी का खाता फ्रीज कर दिया गया है। इसमें घोर लापरवाही देखने को मिली है।
स्वच्छ भारत मिशन : 1355 लाभुकों को अधिक का भुगतान
विभिन्न पदाधिकारियों के टेबल पर ट्रेड लाइसेंस से संबंधित लगभग पांच सौ आवेदन लंबित पड़े हैं, पर संबंधित शाखा की ओर से कोई भी संतोषप्रद जवाब नही दिया गया कि आखिर ये आवेदन क्यों पेंडिंग में हैं।
ट्रेड लाइसेंस : पांच सौ आवेदन लंबित पड़े थे
विभिन्न टेबल परकहने के बावजूद स्थापना शाखा के प्रभारी ने उन पदाधिकारियों की सूची उपलब्ध नहीं कराई, जो 26.02.2020 को कार्यालय में आए थे या अनुपस्थित थे। जांच में पता चला कि नियुक्ति में गड़बड़ी हुई है, पर नियुक्ति संबंधित संचिका भी उपस्थित नही कराया गया।
स्थापना शाखा : 26 फरवरी को उपस्थिति की जानकारी नहीं मिली
भवन निर्माण से जुड़ी एक बड़ी शिकायत के विरुद्ध कोई भी कागज उपलब्ध नही कराया जा सका। यही नहीं, जांच के दौरान कोई भी अभियंता उपस्थित नहीं हुआ, इस शाखा के द्वारा जांच में न कोई सहयोग किया गया न ही कोई संचिका प्रस्तुत की गई। इससे ज्ञात होता है कि इस शाखा में कई गड़बड़ियां चल रही हैं।
भवन शाखा : एक बड़ी शिकायत के विरुद्ध कोई कागज नहीं मिला
प्रक्रिया पूर्ण होने के बावजूद 34 लाभुकों का वाटर कनेक्शन आवेदन लंबित है। साथ ही शहर बोरिंग पर नियंत्रण का कोई मापदंड न होने से बड़ी संख्या में डीप बोरिंग धड़ल्ले हो रही है। इसपर भी नगर निगम ने सही जवाब नहीं दिया।
जल शाखा: 34 लाभुकों का वाटर कनेक्शन का आवेदन लंबित
राजस्व वसूली में किसी प्रकार का टेंडर नहीं होता, इससे पारदर्शिता न होने की संभावना बढ़ती है। होìडग्स के मामले में नगर निगम की ओर से कोई जानकारी नही दी गई। लगभग 3000 आवेदन होìडगस के लिए लंबित भी हैं। इसमें भी भ्रष्टाचार से इन्कार नही कर सकते।