Jharkhand: केंद्रीय गृह मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री के बीच गुफ्तगू से कांग्रेस के कान खड़े, कार्यकारी अध्यक्ष ने लगाया राजनीतिक अस्थिरता की साजिश का आरोप
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी के अमित शाह से मुलाकात के बाद झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस प्रकरण में बयानबाजी में जामताड़ा विधायक भी कूद पड़े हैं।
मधुपुर, जेएनएन। अपने बयानों के कारण हमेशा सुर्खियों में रहने वाले झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व जामताड़ा के विधायक इरफान अंसारी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के बीच मुलाकात को अलग ही नजरिए से देख रहे हैं। उन्होंने कहा है कि बाबूलाल मरांडी को ये साफ करना चाहिए कि आखिर किस मकसद से वे आनन-फानन में अमित शाह के बुलावे पर दिल्ली गये थे। क्या मुलाकात झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता की साजिश का हिस्सा तो नहीं है।
राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पर संकट आने के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने आरोप लगाया था कि भाजपा उनके विधायकों को तोड़ने के लिए प्रलोभन दे रही है। भाजपा झारखंड की हेमंत सरकार को भी अस्थितर करना चाहती है। इस बीच भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी के अमित शाह से मुलाकात के बाद झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस प्रकरण में बायनबाजी में जामताड़ा विधायक भी कूद पड़े हैं। अंसारी ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी को ये साफ करना चाहिए कि आखिर किसी मकसद से वे आनन-फानन में अमित शाह के बुलावे पर दिल्ली गये थे। इन लोगों की मंशा साफ है कि झारखंड की जनता कोरोना में व्यस्त रहे और भाजपा के नेता अन्य दलों के विधायकों को तोड़ने में जुटे रहें ताकि वे सरकार गिरा सकें।
अंसारी ने कहा है कि बाबूलाल अगर दिल्ली गए थे तो कायदे से जाना चाहिए था। उन्हें झारखंड में बढ़ती महामारी के बारे केंद्र को बताना चाहिए था लेकिन भाजपा के लोगों को इसकी चिंता कहां है। ये लोग सरकार गिराने की हड़बड़ी है। इस कोशिश में सफल नहीं होने दिया जाएगा। हेमंत सरकार गरीबों की सरकार है और इसे जनता ने चुना है।