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Dhanbad Judge murder case: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की सीबीआइ जांच की अनुशंसा, अब केंद्र लेगा फैसला

धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की माैत की सीबीआइ जांच होगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी है। आनंद की माैत के बाद से ही सीबीआइ जांच की मांग की जा रही थी।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 07:57 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 08:26 PM (IST)
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद ( फाइल फोटो)।

रांचीय/ धनबाद, जेएनएन। जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की माैत के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बड़ा फैसला किया है। माैत की सीबीआइ जांच की अनुशंसा की है। 28 जुलाई की सुबह धनबाद के रणधीर वर्मा चाैक के पास एक ऑटो ने आनंद को धक्का मार दिया था। अस्पताल ले जाने के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। हादसे का सीसीटीवी फुटेज देखने से ऐसा प्रतीत हुआ कि जज को जानबूझकर धक्का मारा गया। इस घटना के बाद देश की न्याय व्यवस्था हिल गई। सुप्रीम कोर्ट से लेकर हाई कोर्ट तक ने संज्ञान लिया। जांच के लिए दो-दो एसआइटी बनाई गई। एसआइटी की रिपोर्ट आने से पहले ही सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी गई है।

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3 अगस्त तक हाई कोर्ट ने मांगी थी रिपोर्ट

28 अगस्त की सुबह की सैर पर निकले जज उत्तम आनंद को ऑटो से उड़ा दिया गया। इसके अलगे दिन 29 जुलाई को यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया से सीबीआइ जांच की मांग की गई। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने हाई कोर्ट रांची के मुख्य न्यायाधीश को फोन कर मामले की जानकारी ली। इसी दिन हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए धनबाद के एसएसपी को तलब कर मामले की सुनवाई की। झारखंड हाईकोर्ट ने एसआइटी को मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच सुनिश्चित करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले में गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) को 3 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने को कहा है। झारखंड हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि रिपोर्ट के आधार पर, वे समीक्षा करेंगे कि क्या मामला होना चाहिए। एसआईटी द्वारा जांच की जानी चाहिए या सीबीआई को सौंप दी जानी चाहिए।

हाई कोर्ट चाहता निष्पक्ष और पेशेवर जांच

मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हम यह स्पष्ट करते हैं कि यह न्यायालय मामले में त्वरित, निष्पक्ष और पेशेवर जांच चाहता है। न्यायालय मामले की प्रगति की निगरानी करेगा और यही कारण है कि हम इस मामले को 3 अगस्त को टाल रहे हैं, ताकि विशेष जांच दल द्वारा जांच जारी रखने या निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए इसे सीबीआइ को सौंपने के लिए मामले में प्रगति को देखा जा सके।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के नेतृत्व में एसआइटी

29  जुलाई को झारखंड उच्च न्यायालय ने न्यायाधीश आनंद की मौत की एसआईटी जांच का आदेश दिया था। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय लातकर, आइजी प्रिया दुबे, एसएसपी धनबाद और डीआइजी मयूर पटेल के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया गया। एसआइटी ने त्वरित जांच शुरू की। सभी अधिकारी धनबाद पहुंच कर जांच में जुट जए। शनिवार को दूसरे दिन भी जांच जारी रही। इस मामले में गिरफ्तार ऑटो चालक और उसके साथी से एसआइटी ने लगातार पूछताछ कर रही है। 

घिरने से पहले हेमंत सरकार सेफ जोन में

जज की हत्या के बाद झारखंड की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है। हालांकि पुलिस अभी फाइनल निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है-यह हत्या है या हादसा। इसके बावजूद विधि-व्यवस्था पर सवाल उठाए जा रहे थे। विपक्ष हमलावर है। देर-सबेर इस केस को सीबीआइ के हाथ में जाना ही था। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आगे बढ़कर सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी है। अब केंद्र सरकार को निर्णय लेना है। केंद्र की अधिसूचना के बाद सीबीआइ केस को टेकओवर करेगी। 


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