Move to Jagran APP

झरिया की सोनपापड़ी का स्वाद लाजवाब ! बिहार और पश्चिम बंगाल में मचा रही धूम

झरिया के सोन पापड़ी कारीगरों ने बताया कि यहां सोनपापड़ी तीन फ्लेवर की बनाई जाती है। ज्यादातर लोग साधारण व इलायची फ्लेवर की सोनपापड़ी पसंद करते है। शुद्ध घी की बनी सोनपापड़ी लोग त्योहारों में ही खरीदना पसंद करते है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 01:35 PM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 01:35 PM (IST)
पड़ोसी राज्यों में झरिया से आपूर्ति की जाती सोन पापड़ी ( सांकेतिक फोटो)।

सुमित राज अरोड़ा, झरिया। यू तो सोनपापड़ी का नाम सुन कर लोगों के मुंह में पानी आ जाता है। यह एक ऐसी मिठाई है जो हर वर्ग के लोग पसंद करते है। लोगों के स्वाद का ख्याल रखते हुए झरिया में लगभग 30 वर्षों से यहां सोन पापड़ी बनाई जाती है। कोयलांचल में बनने वाली सोनपापड़ी का स्वाद झारखंड ही नही बल्कि पड़ोसी राज्य प. बंगाल व बिहार के लोगों को भी बरबस अपनी और खींच लेता है। यही वजह है झरिया के कोयरीबांध व गोलघर में बनने वाली सोनपापड़ी खाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।

loksabha election banner

तीन फ्लेवर में बनाई जा रही सोन पापड़ी

सोनपापड़ी कारखाने के कारीगरों ने बताया कि यहां सोनपापड़ी तीन फ्लेवर की बनाई जाती है। ज्यादातर लोगों को साधारण व इलेची फ्लेवर की सोनपापड़ी ज्यादा पसंद करते है। शुद्ध घी के बने सोनपापड़ी लोग त्योहारों में ही खरीदना पसंद करते है। कारखाना संचालकों ने बताया कि त्योहारों के सीजन में कोयलांचल की बनी इलेची व घी के सोनपापड़ी की काफी डिमांड रहता है। लोगों के स्वाद को देखते हुए यहां हमेशा सोनपापड़ी बनाई जाती है। सोनपापड़ी बनाने के लिए कारखाना संचालक बिहार व बंगाल के कारीगरों को बुलाकर सोनपापड़ी बनाते है। कारीगरों का रहना खाने पीने की सारी व्यवस्था कारखाना संचालक ही करते है। ताकि समय पर हर जगहों पर सोनपापड़ी की डिमांड को पूरी किया जा सके। लोगों की पसंद का ख्याल रखते हुए कई साधारण, इलेची व शुद्ध घी की सोनपापड़ी बनाई जाती है। झरिया के कोयरीबांध व गोलघर के कई छोटे-छोटे कारखानाें में सोनपापड़ी बनाई जाती है। व्यापारियों की माने तो बेसन, चीनी, रिफाइन व घी के दाम बढ़ने से सोनपापड़ी के दाम भी बढ़ गए है। सोनपापड़ी की कीमतों में इस वर्ष लगभग 10 से 15 प्रतिशत की तेजी आई है। मध्यम वर्ग के लोगों का ख्याल रखते हुए कारखाना संचालक छोटे पैकेट में भी बाजर में उतारे है। ताकि मध्यम वर्ग भी सोनपापड़ी का आनंद उठा सके।

कोयलांचल की सोनपापड़ी दे रही कई कंपनियों को टक्कर

लोगों के स्वाद को ध्यान में रख कर कई बड़ी कंपनियां सोनपापड़ी अलग-अलग फ्लेवर के इन दिनों बाजार में लाई है। वहीं बड़ी कंपनियों की सोनपापड़ी के बाजार में उतरने से यहां के सोनपापड़ी व्यवसायियों में मंदी का डर सताने लगा है। बड़ी कंपनियों को टक्कर देते हुए कोयलांचल में बनने वाली सोनपापड़ी भी तीन फ्लेवर में बनाने लगी है। ताकि लोगों के बीच उसका स्वाद बना रहे।

थोक दुकान के भाव

साधारण सोनपापड़ी 140, स्पेशल सोनपापड़ी 180, घी सोनपापड़ी 400 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहे है।

खुदरा दुकान के भाव

साधारण सोनपापड़ी 170, स्पेशल सोनापापड़ी 220, घी सोनपापड़ी 480 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहे है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.