Move to Jagran APP

अब आउटसोर्सिंग की राजनीति में खुल कर खेल रहीं पूर्णिमा, लालबाबू की कंपनी का बंद कराया काम Dhanbad News

चांदमारी मांझी बस्ती के 55 लोगों की जमीन बस्ताकोला आउटसोर्सिंग की जद में है। ग्रामीणों का कहना है कि रैयतों की लगभग छह एकड़ छह डिसमिल जमीन है। इसमें 61 डिसमिल ऑनलाइन है। मंगली मंझियाइन शिबू मांझी हीरामणि मंझियाइन छोटी देवी बड़का मांझी व अन्य की यह जमीन है।

By MritunjayEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 08:14 AM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 08:14 AM (IST)
अब आउटसोर्सिंग की राजनीति में खुल कर खेल रहीं पूर्णिमा, लालबाबू की कंपनी का बंद कराया काम Dhanbad News
बस्ताकोला में देवप्रभा आउटसोर्सिंग कंपनी का काम बंद कराने पहुंचीं विधायक पूर्णिमा सिंह।

धनसार, जेएनएन। झरिया की विधायक बनने के बाद से पूर्णिमा नीरज सिंह कमजोर में इलाके में वर्चस्व कायम करने और विरोधियों को कमजोर करने की रणनीति के तहत लगातार सधी हुई चाल चल रहीं हैं। अब तक वह आउटसोर्सिंग की राजनीति में खुलकर सामने नहीं आईं थींं। उनके खास लोग ही आउटसोर्सिंग का मोर्चा संभाल रहे थे। अब पूर्णिमा भी खुल कर सामने आ गईं हैं। बस्ताकोला में देवप्रभा आउटसोर्सिंग परियोजना का काम बंद करा दिया। उनका कहना है कि प्रबंधन पहले चांदमारी मांझी बस्ती के रैयतों की जमीन की मापी कराकर मुआवजा और नियोजन दे, सभी कार्य शुरू करने दिया जाएगा। यह कंपनी बहुचर्चित दबंग ठेकेदार लालबाबू सिंह की है। लालबाबू की कंपनी का पूर्णिमा के घर 'रघुकुल' के लोग पहले ही विरोध करते रहे हैं। 

loksabha election banner

जनता मजदूर संघ कुंती गुट और पूर्णिमा समर्थकों में टकराव के आसार 

शुक्रवार को कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह ने लालबाबू सिंह की कंपनी का काम बंद करा दिया। इसके बाद टकराव के आसार बन रहे हैं। जनता मजदूर संघ कुंती गुट के समर्थकों ने इसे शनिवार को चालू पर जोर दिया। इससे यहां दोनों पक्षों में हिंसक  झड़प की आशंका बढ़ गई है।  विधायक के साथ झरिया अंचल कार्यालय के सीआइ श्यामलाल मांझी भी पहुंचे थे। विधायक समर्थकों ने बस्ताकोला कोलियरी के पीओ एके शर्मा से फिलहाल कार्य बंद रखने को कहा। विधायक के साथ आरके पाठक, विनोद सिंह, बबलू सिंह, सूरज सिंह, कमलेश तिवारी, सुनील हेम्ब्रम आदि थे। 

क्या है मामला 

चांदमारी मांझी बस्ती के 55 लोगों की जमीन बस्ताकोला आउटसोर्सिंग की जद में है। ग्रामीणों का कहना है कि रैयतों की लगभग छह एकड़ छह डिसमिल जमीन है। इसमें 61 डिसमिल ऑनलाइन है। मंगली मंझियाइन, शिबू मांझी, हीरामणि मंझियाइन, छोटी देवी, बड़का मांझी व अन्य की यह जमीन है। 

क्यों नाराज हुईं विधायक

31 अगस्त को विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने राज्य सरकार व उपायुक्त को सूचना दी थी कि बस्ताकोला आउटसोर्सिंग परियोजना चांदमारी मांझी बस्ती के आदिवासियों की जमीन पर चल रही है। सरकार ने उपायुक्त को इसकी जांच कराने का आदेश दिया था। झरिया के सीओ ने जवाब दिया कि यहां आउटसोर्सिंग बंद है। किसी विधायक समर्थक ने काम चालू करने का वीडियो उन्हें भेजा। पूर्णिमा सिंह ने 21 सितंबर को यह मुद्दा विधानसभा में उठाया। सरकार ने उपायुक्त को फिर रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया। उपायुक्त के निर्देश पर ही शुक्रवार को अंचलाधिकारी विधायक के साथ पहुंचे थे। वहां काम चालू देख विधायक बिफर पड़ीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन सरकार को गलत रिपोर्ट दे रहा है। 

रैयतों की जमीन की जांच झरिया के सीओ कर रहे हैं। अगर उनकी जमीन इस आउटसोर्सिंग परियोजना के जद में आ रही है तो कंपनी के नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।  

- एके शर्मा, पीओ, बस्ताकोला कोलियरी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.