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Jharkhand Politics: विधायक पूर्णिमा और इरफान एक मंच पर, निकाले जा रहे राजनीतिक मायने

झरिया की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह भी मंत्री पद की दावेदार बताई जाती हैं। झारखंड में कांग्रेस के 16 विधायक हैं। इनमें फिलहाल पांच मंत्री हैं। कांग्रेस कोटे से एक मंत्री पद खाली है। मंत्रिमंडल में राजपूत जाति का एक भी मंत्री नहीं है।

By MritunjayEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 01:37 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 01:37 PM (IST)
Jharkhand Politics: विधायक पूर्णिमा और इरफान एक मंच पर, निकाले जा रहे राजनीतिक मायने
जामताड़ा में सिदो-कान्हो की प्रतिमा शुद्धिकरण समारोह में विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह और विधायक इरफान अंसारी।

जामताड़ा, जेएनएन। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री का एक पद पिछले एक साल से खाली पड़ा है। यह मंत्री पद कांग्रेस कोटे का बताया जा रहा है। इसे हासिल करने के लिए कांग्रेस के विधायक दबाव बनाने में जुटे हैं। झारखंड प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष इरफान अंसारी सरकार गठन के समय ही मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर समय-समय पर अपनी नाराजगी जाहिर करते रहे हैं। उनके पिता पूर्व सांसद फुरकान अंसारी तो लगातार बगावती तेवर दिखा रहे हैं। इन सबके बीच जामताड़ा में विधायक इरफान अंसारी और झरिया की विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह एक मंच पर देखे गए। इसे लेकर तरह-तरह के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।

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झरिया की विधायक पूर्णिमा भी दावेदार

झरिया की कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह भी मंत्री पद की दावेदार बताई जाती हैं। झारखंड में कांग्रेस के 16 विधायक हैं। इनमें फिलहाल पांच मंत्री हैं। कांग्रेस कोटे से एक मंत्री पद खाली है। मंत्रिमंडल में राजपूत जाति का एक भी मंत्री नहीं है। इसे देखते हुए पूर्णिमा शुरू से ही गुपचुप तरीके से सक्रिय हैं। कांग्रेस विधायक मंत्री पद हासिल करने के लिए लगातार दबाव बनाते रहे हैं। हालांकि इसका कोई असर अब तक नहीं हुआ है। रविवार को जामताड़ा में इरफान और पूर्णिमा सामाजिक कार्यक्रम के मंच पर एक साथ दिखाई दिए। लेकिन जब दो राजनीतिक लोग एक मंच पर आते हैं तो मायने निकाले ही जाते हैं।

सिदो-कान्हो की प्रतिमा का किया गया शुद्धिकरण

रविवार को धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन कर आदिवासी रीति रिवाज से सिदो-कान्हो प्रतिमा का शुद्धिकरण किया गया। मालूम हो कि पिछले दिन सिदो-कान्हो की प्रतिमा स्थल के समीप जूठा पत्तल फेंकने से प्रतिमा अपवित्र हो गया था। रविवार को शुद्धिकरण कार्यक्रम पूर्व से निर्धारित रहने के कारण सुबह से ही प्रक्रिया आरंभ हो गई। इस क्रम में सबसे पहले 11 पुरुष तथा 11 महिला ने सिदो-कान्हो की  प्रतिमा स्थल का तीन बार परिक्रमा किया इसके उपरांत गाजे-बाजे के साथ रानीगंज स्थित जाहेर थान के समीप पहुंचे। जहां रानीगंज गांव के नायकी मोती मुर्मू की अगुवाई में डोभा खोदा गया। डोभा से 11 पुरुष तथा 11 महिलाओं ने मिट्टी कलश में जल भरने के उपरांत माथे पर कलश लेकर रानीगंज गांव स्थित जाहेर थान तथा मांझी थान में पूजा अर्चना की गई। उसके बाद कलश यात्रा के रूप में पुराना कोर्ट परिसर, सुभाष चौक इंदिरा चौक होते हुए सिदो-कान्हो की प्रतिमा स्थल के समीप पहुंची। कलश यात्रा के क्रम में अंबेडकर, गांधी तथा नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। मिट्टी कलश में लाए गए जल से प्रतिमा को आदिवासी रीति रिवाज से नायकी राजेश हेम्ब्रम तथा आनंद टुडू ने आदिवासी मंत्रोच्चारण के साथ स्नान कराया। इसके उपरांत माल्यार्पण कर सुसज्जित किया गया। 

आदिवासी समाज से सीखने की जरूरत

झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि यहां पहुंच कर अच्छा लग रहा है। आदिवासी समाज से सीखने की जरुरत है। विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि आदिवासी समाज कमजोर नहीं है और जो भी इसे कमजोर समझने की गलती कर रहा है वह उसकी सबसे बड़ी गलती है। आदिवासी भाई शांत हैं इसका मतलब यह नहीं कि कोई इनका गलत फायदा उठाएं। जिसने भी इस घटना को अंजाम दिया है वह जल्द से जल्द गिरफ्तार होगा भरोसा दिलाता हूं। आदिवासी समाज का कोई अपमान करेगा इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता। भाजपा वाले से भी साफ-साफ कह देता हूं कि धर्म को राजनीति के बीच में न लाएं। भाजपा वाले यहां भी राजनीति करने से बाज नहीं आए तो साफ कर देता हूं कि आदिवासी समाज एक बड़ा उलगुलान आरंभ करने वाले हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 


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