भाजपा के साथ कड़वाहट से झारखंड जदयू खुश, खुद के लिए देख रहा अवसर
जदयू झारखंड के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि केंद्र में पार्टी को एक मंत्री पद देने की पेशकश और पटना में किए गए व्यवहार ने स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का रास्ता खोल दिया है।
धनबाद, जेएनएन। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू के नहीं शामिल होने के बाद दोनों दलों में अविश्वास के माहाैल से झारखंड जदयू के नेता-कार्यकर्ता खुश हैं। वे अपने राजनीतिक भविष्य के लिए एक अवसर के रूप में देख रहे हैं। अवसर यह कि झारखंड विधानसभा चुनाव में दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं होगा। ऐसी स्थिति में जदयू के नेता-कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने का माैका मिलेगा। लोकसभा चुनाव के दाैरान दोनों दलों में गठबंधन के दाैरान झारखंड में जदयू को एक भी सीट नहीं मिली थी।
झारखंड प्रदेश जनता दल यू के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि केंद्र में पार्टी को एक मंत्री पद देने की पेशकश और पटना में किए गए व्यवहार ने जदयू के लिए स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का रास्ता खोल दिया है। भाजपा के व्यवहार ने आने वाले दिनों में झारखंड में होने वाले चुनाव के लिए जदयू को एक अवसर प्रदान किया है। पार्टी सभी 81 विधान सभा सीटों पर चुनाव लडऩे की तैयारी कर रही है।
मुर्मू ने शनिवार को झाड़ूडीह में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से झामुमो हताश, कांग्रेस परेशान, बाबूलाल साफ और लालू यादव के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में विकल्प के तौर पर जदयू खड़ी है। बीते 19 सालों में सभी राजनीतिक दलों ने सरकार बनायी है, अब बारी जदयू की है। आने वाले विधान सभा चुनाव में भाजपा सम्मानजनक सीटों पर समझौता नहीं करती है तो जदयू सभी सीटों पर चुनाव लडऩे को तैयार है। वर्तमान में जदयू को शहर से लेकर गांव तक मजबूत बनाने की चुनौती है। इसके तहत प्रमंडल स्तर पर बैठकें की जा रही हैं। कोलहान और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की बैठक हो चुकी है। आने वाले दिनों में 12 को दक्षिणी छोटानागपुर, 14 को संताल परगना और 19 को पलामू प्रमंडल की बैठक होगी। पार्टी से मूलवासियों एवं अन्य लोगों को जोडऩा है। बैठक में पार्टी नेता सुशील सिंह, जदयू जिलाध्यक्ष पिंटू सिंह, राजू सिंह आदि उपस्थित थे।
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