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वेतन समझौते पर नहीं बन सकी बात तो याद आने लगे इंटक के राजेंद्र बाबू, कहा- मजदूरों की सहनशीलता मत परखिए...

कोयला कर्मियों के वेतन समझौते को लेकर गठित जेबीसीसीआइ 11 बोर्ड की पांचवीं बैठक‍ भी विफल होने के बाद श्रमिक यूनियनों ने मोर्चा खोल दिया है। कोल इंडिया प्रबंधन की शिकायत कोयला मंत्री तक से करने की तैयारी चल रही है।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 06:37 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 06:37 PM (IST)
जेबीसीसीआइ 11 बोर्ड से इस बार इंटक को बाहर रखा गया है।

जागरण संवाददाता, धनबाद: कोयला कर्मियों के वेतन समझौते को लेकर गठित जेबीसीसीआइ 11 बोर्ड की पांचवीं बैठक‍ भी विफल होने के बाद श्रमिक यूनियनों ने मोर्चा खोल दिया है। कोल इंडिया प्रबंधन की शिकायत कोयला मंत्री तक से करने की तैयारी चल रही है। वहीं दूसरी ओर कोयला मजदूरों और श्रमिक यूनियनों को अब इंटक नेता राजेंद्र प्रसाद सिंह याद आ रहे हैं।

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गौरतलब है कि जेबीसीसीआइ 11 बोर्ड से इस बार इंटक को बाहर रखा गया है। ऐसे में वेतन समझौते पर बात नहीं बनने पर कोयला कर्मियों का कहना है कि अगर बैठक में इंटक शामिल होती तो समझौते में इतना विलंब नहीं होता। कहा कि देश के मजदूर इंटक नेता स्व. राजेंद्र सिंह आज अगर होते तो आज कोयला मजदूरों की यह दुर्दशा नहीं होती। कोल इंडिया के चेयरमैन और कोयला मंत्री भी उनका सम्मान करते थे। गुहार लगाई कि अगली बैठक में मजदूर हक में अविलंब निर्णय लिया जाए। वहीं यूनियनों ने कोल इंडिया प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि मजदूरों में जितनी सहनशीलता है, उसको परखने का प्रयास मत कीजिए, क्‍योंकि कोयला मजदूर अगर अपने पर आ गए तो प्रबंधन को घुटनों पर ला देंगे।

गौरतलब है कि देश के कोयला मजदूरों के वेतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआइ 11 बोर्ड की पांचवीं बैठक भी शुक्रवार को बिना किसी नतीजे के समाप्‍त हो गई। इससे एक ओर कोल इंडिया प्रबंधन तो दूसरी ओर बैठकों में शामिल हो रहीं यूनियनों पर भी चौतरफा दबाव बढ़ रहा है। हैदराबाद के पांच सितारा होटल में शुक्रवार को बैठक शुरू तो हुई, मगर औपचारिकताएं पूरी कर महज दो घंटे में खत्‍म भी हो गई।

धनबाद से इस बैठक में बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्‍ता, सीटू के प्रतिनिधि के रूप में अरुप चटर्जी, एचएमएस से सिद्धार्थ गौतम समेत सीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद और कई लोग शामिल रहे। बैठक में कोल इंडिया प्रबंधन ने तीन प्रतिशत मिनि‍मम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) से बात शुरू की तो यूनियनों ने इसपर एतराज जताया। कहा कि पिछली बार 10वें वेज बोर्ड में जो कोयला मजदूरों ने हासिल किया था, उससे बेहतर कोई प्रस्ताव, हो तो उससे आगे वार्ता शुरू की जाए। मालूम हो कि पिछली बार 20 प्रतिशत एमजीबी पर समझौता हुआ था, लेकिन इस बार यूनियनों की मांग पर प्रबंधन ने पांचवीं बैठक में भी यही जवाब दिया कि तत्काल हम इसपर कोई प्रस्ताव देने की स्थिति में नहीं हैं। इस तरह बैठक असफल हो गई।

तीन लाख कोयला मजदूरों को होगा लाभ

मालूम हो कि वेतन समझौते का इंतजार कोल इंडिया लिमिटेड के 2.90 लाख मजदूर कर रहे हैं। हालांकि बैठक में कोई निष्‍कर्ष नहीं निकलने पर श्रमिक यूनियनों ने कोल इंडिया के पदाधिकारियों पर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। कहा कि जिस तरह से एनसीडब्ल्यू 9 का एग्रीमेंट हुआ था, उसी तरह मजदूरों को सारे लाभ देते हुए एनसीडब्ल्यू 11 में भी समझौता होना चाहिए।


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