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अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध का कोड नाम Jamtara fraud, पुलिस एक रास्ता बंद करती तो दूसरा खुल जाता, जानिए

अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध के लिए कोड नाम बन चुका है जामताड़ा फ्रॉड। साइबर अपराध रोकने के लिए पुलिस एक छिद्र बंद करती हैं तो जामताड़ा अपराधी दूसरे के रास्ते खोज लेते।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 09:18 AM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 01:52 PM (IST)
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध का कोड नाम Jamtara fraud,  पुलिस एक रास्ता बंद करती तो दूसरा खुल जाता, जानिए
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर अपराध का कोड नाम Jamtara fraud, पुलिस एक रास्ता बंद करती तो दूसरा खुल जाता, जानिए

जामताड़ा [ प्रमोद चौधरी]। अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर वित्तीय अपराध के लिए कोड नाम बन चुका है 'जामताड़ा फ्रॉड'।साइबर अपराध रोकने के लिए पुलिस एक छिद्र बंद करती हैं, तो जामताड़ा के साइबर अपराधी दूसरे के बैंक खाते की रकम पाने के लिए नया रास्ता खोज लेते हैं। अब साइबर ठग ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले लोगों को टारगेट किए हैं। इलेक्ट्रानिक्स, ऑटोमोबाइल समेत अधिकतर कंपनियों ने टेलीफोन पर कस्टमर सर्विस की सुविधा उपलब्ध करा रखी है। साइबर अपराधियों ने कस्टमर सर्विस के लिए गूगल पर फर्जी नंबर डाल दिए हैं। ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले लोगों को किसी सर्विस की जरुरत होती है तो वे गूगल पर भी कस्टमर केयर का नंबर खोजते हैं। गूगल से मिले कस्टमर सर्विस के नंबर पर कॉल करते हैं तो उसे रिसीव करने वाला साइबर ठग हो सकता है। इसी तरह साइबर ठगी करने वाले जामताड़ा के वाहिद अंसारी, अनीस अंसारी, मुजाहिद अंसारी और देवघर के तालिब अंसारी को पुलिस ने पकड़ा है। जामताड़ा एसपी अंशुमान कुमार ने उनकी जुबान खुलवाने के लिए थर्ड डिग्र्री का इस्तेमाल किया तो साइबर ठगी का नया तरीका सामने आ गया। जामताड़ा पुलिस ने सबको ताकीद की है कि कस्टमर सर्विस के मसले पर सावधान हो जायें।

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दरअसल, अब ऑनलाइन शॉपिंग करने वाले की संख्या बढ़ी है। कई ऐसी कंपनियां हैं, जो सस्ती दर पर उत्पाद देने का ऑफर देती रहती हैं। ऐसी कंपनियों के कस्टमर केयर के साइबर प्लेटफार्म का उपयोग साइबर ठग कर रहे हैं। छोटी कंपनियों के कस्टमर केयर के वेब प्लेटफार्म को गूगल पर साइबर ठग डाल रहे हैं। इस फन में इतने माहिर हो चुके हैं कि अब बड़ी कंपनियों के कस्टमर केयर के लिए भी फर्जी नंबर डाल रहे हैं। फर्जी नंबर पर लोग संपर्क करता है तो बताया जाता है कि कॉल करने पर तीन रुपए चार्ज कट रहे हैं, एक लिंक भेजा जाएगा, सामान खरीदने के समय जो डिटेल दिए थे, उसे लिंक पर डाल दीजिए, समस्या का समाधान हो जाएगा। कस्टमर केयर पर हुई बात के बाद तुरंत मोबाइल पर लिंक आ जाएगा। जैसे ही लिंक में जानकारी डालेंगे, तुरंत बैंक खाते से अपराधी रुपए उड़ा लेंगे। आम तौर पर साइबर अपराधी इस तरह की गई ठगी के रुपए से ऑनलाइन शॉपिंग कर लेते हैं।

जामताड़ा पुलिस की तहकीकात में यह बात आई है कि कस्टमर केयर बन की जाने वाली ठगी में पांच से छह अपराधी शामिल रहते हैं। कॉल आने पर कोई बात करता है तो कोई फर्जी लिंक बना कर भेजता है तो कोई लिंक पर मिली सूचना के आधार पर बैंक से राशि उड़ाता है। हाल में नारायणपुर व करमाटांड़ के सीताराम मंडल, वीरेंद्र, जीतेंद्र, जमरुद्दीन, विजय व निमाई को भी गिरफ्तार कर हैदराबाद पुलिस ले गई। इन लोगों ने कस्टमर केयर सर्विस के फर्जी नंबर का इस्तेमाल कर हैदराबाद की महिला चिकित्सक के बैंक खाते से साढ़े पांच लाख रुपए उड़ा लिए थे।

गूगल पर कस्टमर केयर का नंबर सर्च नहीं करेंः साइबर विशेषज्ञ दीपक कुमार का कहना है कि गूगल पर कस्टमर केयर सर्विस का फोन नंबर सर्च न करें। कंपनी या बैंक का वास्तविक वेबसाइट का इस्तेमाल करें। कंपनी की वेबसाइट पर भी ऑनलाइन पेमेंट करें। लोन, ऑफर या लॉटरी से जुड़े लिंक को बिना पढ़े कतई क्लिक न करें।

साइबर ठगी के लिए अब कस्टमर केयर सर्विस का उपयोग शुरू हो चुका है। अनजान वेबसाइट के जरिए सामान नहीं खरीदें। ई-कामर्स कंपनी से बात करनी है तो उसके लैंडलाइन नंबर पर बात करें। बैंक डिटेल और ओटीपी कतई नहीं दें। किसी लिंक के बाबत शक हो, तो तुरंत पुलिस को बताएं। कंपनियों के साथ गूगल को भी फर्जी नंबरों का सत्यापन करना चाहिए।

-अंशुमान कुमार, एसपी, जामताड़ा


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