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Jamtara Hotbed of Cyber Crime-3: पर्दा बना हाजत, व्यवस्था बेपर्दा; साइबर अपराधियों के खिलाफ कुरुक्षेत्र में वर्दी निहत्थी

Jamtara Hotbed of Cyber Crime-3 जामताड़ा साइबर थाना का हाल ये है कि अब तक इसके पास अपनी हाजत तक नहीं है। दूर नगर थाना की हाजत में अपराधी रखे जाते हैं। वाहन है तो चालक नहीं।

By MritunjayEdited By: Published: Tue, 01 Sep 2020 01:28 PM (IST)Updated: Tue, 01 Sep 2020 01:28 PM (IST)
Jamtara Hotbed of Cyber Crime-3: पर्दा बना हाजत, व्यवस्था बेपर्दा; साइबर अपराधियों के खिलाफ कुरुक्षेत्र में वर्दी निहत्थी
Jamtara Hotbed of Cyber Crime-3: पर्दा बना हाजत, व्यवस्था बेपर्दा; साइबर अपराधियों के खिलाफ कुरुक्षेत्र में वर्दी निहत्थी

जामताड़ा [ प्रमोद चौधरी ]। Jamtara Hotbed of Cyber Crime-3 सुपर स्टार अमिताभ बच्चन समेत अन्य फिल्मी स्टार, पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी सह सांसद परनीत कौर, गृह मंत्रालय के अधिकारी और उनके रिश्तेदारों, न्यायिक अधिकारी व उनके परिजन..., जामताड़ा के शातिरों ने सबको चूना लगाया है। राज्य सरकार ने संज्ञान लेते हुए जनवरी 2018 में यहां साइबर थाना बनाया। तीन साल में 188 मामले यहां दर्ज हुए, 345 ठगों को गिरफ्तार किया गया। बावजूद यहां साइबर क्राइम पर नकेल नहीं कसी जा सकी है।

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माना जाए कि रोज ही व्यवस्था बेपर्दा हो रही है। इसकी वजह है अनुसंधान की कमी और अपराधियों को सजा दिलाने में तंत्र की नाकामी। अनुसंधान की गति धीमी होने के कारण साइबर मामलों की सुनवाई तेजी से नहीं हो पाती। अपराधी जमानत पर बाहर आकर फिर क्राइम में लिप्त हो जाते हैं, उन्हें डर नहीं कि वे जो अपराध कर रहे, इसका उन्हें हर हाल में तत्काल व सख्त खामियाजा भुगतना होगा। पुलिस को वैसे संसाधन भी नहीं दिए गए जिससे वे अपनी ताकत इन शातिरों के खिलाफ झोंक सकें। साइबर अपराधियों के खिलाफ इस कुरुक्षेत्र को जीतने के लिए मानो पुलिस निहत्थी ही है। 

जामताड़ा साइबर थाना का हाल ये है कि अब तक इसके पास अपनी हाजत तक नहीं है। दूर नगर थाना की हाजत में अपराधी रखे जाते हैं। वाहन है तो चालक नहीं। सात इंस्पेक्टर का पद सृजित है, चार से ही काम चलाना पड़ रहा है। प्रशिक्षु सब इंस्पेक्टर से अनुसंधान से जुड़े काम लिए जा रहे हैं। पूरा थाना व डीएसपी कार्यालय चार छोटे- छोटे कमरे समेत एक हॉल में चल रहा है। इसी के एक कोने को पर्दे से ढककर उसे हाजत का रूप दे दिया जाता है। जाहिर है ऐसी लचर व्यवस्था से अपराधियों में कानून का खौफ पैदा कहां से हो। ठग इस हाजत से भागने की कोशिश करते दबोचे भी गए हैं। 

कोशिशें जारी तो हैं

साइबर अपराध के मामले में सबसे ज्यादा शिकायतें यूपी, एमपी, महाराष्ट्र से यहां की पुलिस को मिली हैं। अपराध को रोकने और सूचनाओं को साझा करने के लिए ओआईसीआर (ऑनलाइन इन्वेस्टिगेशन कॉर्पोरेशन रिक्वेस्ट प्लेटफार्म) तैयार किया गया है। इस साइट के जरिए यहां की पुलिस दूसरे राज्यों के साइबर अपराधियों के नंबर व नाम के साथ दर्ज मामले की शिकायतें भेजती है। दूसरे राज्यों की पुलिस भी साइबर मामले में यहां के अपराधियों की गिरफ्तारी व सत्यापन के लिए उनका नंबर व लोकेशन जामताड़ा पुलिस को भेजती है। उत्तर प्रदेश, एमपी, बिहार, महाराष्ट्र, दिल्ली, बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, पंजाब, हिमाचल समेत अन्य राज्यों की पुलिस का अनुरोध पत्र यहां मिला है। पुलिस इन मामलों पर अनुसंधान कर अपनी रिपोर्ट भेजती रहती है। उम्मीद की जा रही है कि जैसे-जैसे राज्य आपसी संवाद बढ़ाएंगे, एक-दूसरे से ज्यादा से ज्यादा मामले व अपराधियों की सूची शेयर करेंगे ठगों के नेटवर्क पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।  

साइबर अपराधियों को चिह्नित करने, उन्हेंं गिरफ्तार करने, फोन कॉल का सत्यापन समेत हर संभव सहयोग दूसरे राज्यों की पुलिस को दिया जाता है। साइबर थाना में संसाधन की कमी पूरी करने को मुख्यालय की पत्र भेजा गया है। 

-अंशुमान कुमार, एसपी, जामताड़ा


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