Move to Jagran APP

थालियों तक पहुंचकर गायब हो जा रही नमक से आयोडीन Dhanbad News

स्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्ष 2017 व 2018 में आयोडीन नमक की मात्रा जांच के लिए धनबाद में सैंपलिंग की गयी थी।

By mritunjayEdited By: Published: Wed, 10 Jul 2019 07:14 AM (IST)Updated: Wed, 10 Jul 2019 09:34 AM (IST)
थालियों तक पहुंचकर गायब हो जा रही नमक से आयोडीन Dhanbad News
थालियों तक पहुंचकर गायब हो जा रही नमक से आयोडीन Dhanbad News

धनबाद, मोहन गोप। मानसिक व शारीरिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले आयोडीन नमक के रख-रखाव में शहर में दुकानदार नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। थालियों तक पहुंचते-पहुंचते कई नमकों में आयोडीन की मात्रा काफी कम हो जा रही है।

loksabha election banner

खुले में धूप में रखने से आयोडीन का क्षरण तेजी से हो जाता है। नमक से आयोडीन लगभग गायब हो जाती है। ऐसे में एक ओर से ग्राहकों के साथ अन्याय हो रहा है, तो दूसरी ओर सरकार की अति महत्वपूर्ण योजना राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम का पालन नहीं किया जा रहा है। समान्य दुकानदार भी जहां आयोडीन नमक की स्टोरेज में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। वहीं जन वितरण प्रणाली के दुकानदार भी इसका पालन नहीं कर रहे हैं। शहर के हीरापुर, पुराना बाजार, मटकुरिया, भूली आदि जगहों में आसानी से देख्रा जा सकता है।

सैंपल में धनबाद में कम मिली आयोडीन नमकः स्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्ष 2017 व 2018 में आयोडीन नमक की मात्रा जांच के लिए धनबाद में सैंपलिंग की गयी थी। रांची के नामकुम स्थित साल्ट टेस्टिंग लैब में जांच के बाद पाया गया कि कई सैंपल में आयोडीन की मात्रा 5 से 6 पीपीएम से भी कम पाया गया। जबकि  संबंधित नमक के पैकेट में 30 पीपीएम लिखा पाया गया। बताया जाता है कि भंडारण व दुकान के बाहर नमक को रखना एक बड़ा कारण माना जा रहा है।

जानें क्यों जरूरी है आयोडीन नमकः आयोडीन शरीर व मस्तिष्क दोनों की सही वृद्धि, विकास व संचालन के लिए आवश्यक है। आयोडीन की कमी से घेंघा हो सकता है। आयोडीन की कमी से नवजात शिशु के शरीर व दिमाग की वृद्धि व विकास में हमेशा के लिए रूकावट आ सकती है। छोटे बच्चों, नौजवानों व गर्भवती महिलाओं के लिए आयोडीन बहुत जरूरी है। गर्भवती माँ में आयोडीन की कमी हो तो उसका बच्चा असामान्य हो सकता है। अगर तुरन्त बच्चे का इलाज नहीं कराया गया तो उम्र बढऩे के साथ उसकी मानसिक व शारीरिक हालत और भी खराब होती जाती है।

सहियाओं व एएनएम को मिला है किटः घर-घर जाकर सहिया व एएनएम को विशेष कीट मिला है। इस किट से घर में प्रयोग कर रहे नमक की जांच करना है। किट में कुछ समय में ही आयोडीन की जांच हो जायेगी। जहां पर कम आयोडीन की मात्रा पायी गयी, वहां नमक बदलने की सलाह दी जायेगी।

दुकानों से नहीं चोरी होती नमक क्योंकि... : मजेदार बात यह है कि दुकानों के बाहर रखे इन नमक की बोरी चोरी नहीं होती है। यदि कारण है कि जगह नहीं होने के कारण दुकानदार नमक को खुले में बाहर रख देते हैं। चोरी नहीं होने के पीछे धारणा है कि नमक कोई नहीं चुराता, क्योंकि इसका हक अदा करना पड़ता है। और कई धारणाएं हैं।

आयोडीन की कमी से यह विकृति

-गलघोटू

-मंद-बुद्धि

-तंत्रिकापेशीय दुर्बलता

-स्थानिक बौनापन

-मृत बच्चा पैदा होना

-हाइपोथायराडिज्म

-देखने, सुनने व बोलने में विकृति

-गर्भावस्था में शिशु की आकस्मिक मृत्यु

-मानसिक विकलांगता

राष्ट्रीय आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम का उद्देश्य

-आयोडीन की अल्पता विकार की भयावहता का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण

-सामान्य नमक की जगह आयोडीन युक्त नमक की आपूर्ति

-आयोडीन युक्त नमक का प्रभाव और आयोडीन न्यूनता विकृति पुनर्सर्वेक्षण

-स्वास्थ्य शिक्षा और प्रचार

गर्भवती माताओं व शिशु के लिए आयोडीन बेहद जरूरी है। इसकी जांच हो रही है, धनबाद में कई जगहों पर जांच में मात्रा कम पायी गयी है। खुले में नमक नहीं रखा जाना चाहिए। डॉ आलोक विश्वकर्मा, सदर चिकित्सा -प्रभारी सह फूड सेफ्टी अफसर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.