अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगता दिवस :धनबाद रेलवे स्टेशन के दो दिव्यांग कर्मचारियों के जिम्मे आरक्षण व जनरल टिकट की पूरी व्यवस्था
इस धूल को तुम धूल न समझो अनुकूल हवा पाते ही आसमां को छू लेगा..। सचमुच हौसले बुलंद हो तो मंजिल दूर नहीं। शरीर के किसी हिस्से की कमी सफलता के आड़े नहीं आती। इसे सच कर दिखा रहे हैं धनबाद रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले अभिनव शंकर और संतोष कुमार गुप्ता।
जागरण संवादाता, धनबाद : इस धूल को तुम धूल न समझो, अनुकूल हवा पाते ही आसमां को छू लेगा..। सचमुच हौसले बुलंद हो तो मंजिल दूर नहीं। शरीर के किसी हिस्से की कमी सफलता के आड़े नहीं आती। इसे सच कर दिखा रहे हैं धनबाद रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले अभिनव शंकर और संतोष कुमार गुप्ता। अभिनव मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक (जनरल) तो संतोष मुख्य बुकिग पर्यवेक्षक हैं। दोनों ही ऐसे पद पर हैं जिससे सैंकड़ों यात्रियों से उनका रोजाना जुड़ाव होता है और इस दायित्व को वे बखूबी निभा भी रहे हैं। यहां तक कि कोरोना काल में भी दिव्यांगता इनके हौसले को नहीं परास्त कर सकी और पूरी शिद्दत से वे अपने दायित्य को निभाते रहे। इनके बेहतर काम के लिए रेलवे सम्मान से भी नवाज चुकी है।
डीआरएम ऑफिस में हुई थी पहली पोस्टिग
अभिनव की पहली पोस्टिग धनबाद के डीआरएम ऑफिस के कंट्रोल रूम में हुई थी। इसके बाद पटना और गोमो में भी रहे। 2017 में उन्हें धनबाद आरक्षण केंद्र के मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक (जनरल) का दायित्व सौंपा गया।
मुंबई से शुरू की थी रेलवे की नौकरी
संतोष ने रेलवे की नौकरी मुंबई में शुरू की थी। बाद में दूसरे कई शहरों में रहे। अब इसी वर्ष मार्च से उन्हें धनबाद में मुख्य बुकिग पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई। संतोष कहते हैं कि रेलवे के फ्रंट लाइन स्टाफ होने के कारण यात्रियों की संतुष्टि उनकी प्राथमिकता है।
----
मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक (जनरल) और मुख्य बुकिग पर्यवेक्षक दोनों ही वाणिज्य विभाग के तेज तर्रार और कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी हैं। जिस भरोसे के साथ उन्हें दायित्व सौंपा गया है, उसे शत-प्रतिशत पूरा कर रहे हैं।
अखिलेश कुमार पांडेय, सीनियर डीसीएम