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Rajganj Murder: हत्‍या कराने वाले भाई ने जांच के लिए नहीं दिया था मोबाइल, एफआइआर को भी नहीं था तैयार

राजगंज निवासी व्यवसायी ज्योति रंजन की हत्या के बाद उनकी कार की तलाशी लेने एवं उसे जब्त करने के लिए भी पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी थी। उसके भाई सौरभ ने इस पर आपत्ति जताई थी। खुद घटना की साजिश रचने के कारण सौरभ प्राथमिकी नहीं करना चाह रहा था।

By Tapas BanerjeeEdited By: Deepak Kumar PandeyPublished: Sun, 02 Oct 2022 03:13 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 03:44 PM (IST)
Rajganj Murder: हत्‍या कराने वाले भाई ने जांच के लिए नहीं दिया था मोबाइल, एफआइआर को भी नहीं था तैयार
कड़ाई से पूछे जाने पर श्रीकांत ने हत्या की कहानी उजागर कर दी।

संवाद सहयोगी, राजगंज: राजगंज निवासी व्यवसायी ज्योति रंजन की हत्या के बाद उनकी कार की तलाशी लेने एवं उसे जब्त करने के लिए भी पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी थी। उसके भाई सौरभ ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। खुद घटना की साजिश रचने के कारण सौरभ भाई की हत्या की प्राथमिकी भी नहीं करना चाह रहा था। पुलिस को कहा था कि जब भाई ही नहीं रहा तो केस करने से क्या होगा।

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शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव काॅलोनी लाया गया था। इस दौरान पुलिस के वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे। घटनास्थल की जांच के बाद एसएसपी ने मृतक के आरोपित भाई सौरभ एवं पिता से भीड़ से हटाकर पूछताछ की। इसके बाद पुलिस ने सौरभ का मोबाइल मांगा, लेकिन उसने फोन नहीं दिया और पुलिस से उलझ गया। इस दौरान दूसरा आरोपित श्रीकांत भी पुलिस की गतिविधि पर नजर रख रहा था। पुलिस पदाधिकारियों की बातचीत को सुनने के लिए वह अक्सर उनके पास पहुंच जा रहा था। यह देखकर पुलिस को उस पर शक हो गया। मृतक का अंतिम संस्कार होने के बाद श्रीकांत मिश्रा को थाने बुलाया गया। पुलिस ने जब उससे पूछताछ शुरु की तो श्रीकांत के मुंह से निकल गया कि बहुत बड़ी गलती हो गई। इस शब्द को पुलिस ने पकड़ लिया एवं कड़ाई से पूछे जाने पर श्रीकांत ने हत्या की कहानी उजागर कर दी।

गया के रहने वाले थे शूटर

श्रीकांत ने पुलिस को बताया कि सौरभ ने अपने भाई को मारने के लिए उसे कहा था। इसके बाद वह शूटर की व्यवस्था करने के लिए गया (बिहार) गया था। वहां अपराधियों से संपर्क किया। इसके बाद आरा गया। हत्या को अंजाम देने के लिए एक लाख में दो शूटर से बात हुई थी। कुछ एडवांस दिया था। हत्या की पूरी कहानी बता दिए जाने के बाद मृतक कारोबारी के भाई सौरभ को हिरासत में लिया गया।

पुलिस से बचने के लिए सौरभ ने दी भाई को मुखाग्नि

बार-बार पूछताछ के लिए थाना बुलाने एवं घर पर पुलिस द्वारा बात करने से सौरभ को शक हो गया था कि पुलिस उस पर संदेह कर रही है। पुलिस को दिग्भ्रमित करने के लिए उसने खुद भाई का अंतिम संस्कार किया। उसे मुखाग्नि दी, लेकिन तब तक उसका भेद खुल चुका था। सौरभ को हिरासत में लिए जाने के बाद राजगंज थाने में ही पिता अनिल शर्मा को कर्मकांड का आगे का दायित्व दिया गया।


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