Jharkhand Congress: लोकसभा चुनाव से पहले हुआ राजनीतिक संहार, अब इंसाफ को सब मांग रहे अजय की 'सियासी बलि'
झारखंड प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद डॉ. अजय कुमार ने मनमाफिक तरीके से पार्टी चलाई। लोकसभा चुनाव में दिग्गज नेताओं को ठिकाने लगा दिया गया।
धनबाद, जेएनएन। लोकसभा चुनाव- 2019 के दाैरान झारखंड कांग्रेस में 'राजनीतिक संहार' हुआ। एक झटके में दिग्गजों में शुमार पूर्व सांसद रामेश्वर उरांव, फुरकान अंसारी, चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे, प्रदीप कुमार बलमुचू और पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह को ठिकाने लगा दिया गया। चुनाव के दाैरान तो सब चुप रहे। परिणाम खिलाफ आने के बाद अब सब राजनीतिक संहार का इंसाफ चाहते हैं। झारखंड प्रदेश कांग्रेस को डॉ. अजय कुमार से मुक्त कराना चाहते हैं। यह मुक्ति ही इंसाफ होगा।
अविवेकपूर्ण और अव्यवहारिक निर्णय से कांग्रेस का बंटाधारः झारखंड प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद डॉ. अजय कुमार ने मनमाफिक तरीके से पार्टी चलाई। झारखंड के वैसे नेताओं को ठिकाने लगाया जिससे खुद को असहज महसूस करते थे। पूर्व सांसद रामेश्वर उरांव लोहरदगा, चद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे धनबाद, फुरकान अंसारी गोड्डा, प्रदीप कुमार बलमुचू खूंटी और राजेंद्र सिंह हजारीबाग से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते थे। स्वभाविक दावेदार भी थे। इन सबको ठिकाने लगाने के लिए अविवेकपूर्ण निर्णय लिए गए। धनबाद में चंद्रशेखऱ दुबे के बदले कीर्ति झा आजाद को चुनाव लड़ा दिया गया। वे 4.86 लाख वोटों से चुनाव हारे। गठबंधन के नाम पर गोड्डा सीट झाविमो के हवाले कर फुरकान अंसारी का हिसाब कर दिया गया। यहां झाविमो प्रत्याशी प्रदीप यादव 1. 84 लाख मतों के अंतर से चुनाव हार गए। हजारीबाग से राजेंद्र सिंह और मनोज यादव जैसे दिग्गजों की दावेदारी को खारिज कर गोपाल प्रसाद साहू को टिकट दिया गया जो 4.78 लाख से चुनाव हारे। कांग्रेस ने झामुमो, झाविमो और राजद के साथ महागठबंधन बनाकर रांची, धनबाद, हजारीबाग, सिंहभूम, खूंटी और लोहरदगा-छह सीटों पर चुनाव लड़ा। सिर्फ एक सीट सिंहभूम पर कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा विजयी रहीं। यहां भी जीत में कांग्रेस से ज्यादा गीता की भूमिका रहीं। गीता के पति मधु कोड़ा सिंहभूम से निर्दलीय सांसद रह चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा का सिंहभूम में अपना जनाधार है जिसका फायदा कांग्रेस को मिला। यूं तो लोकसभा चुनाव के दाैरान ही पूर्व सांसद चंद्रशेखर दुबे ने धनबाद में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी थी। लेकिन, अब तमाम नेता खुलकर बोलने लगे हैं।
कारोबारी नेताओं को आलाकमान हटाए : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सह पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने रविवार को देवघर में कहा कि झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी में व्यापक बदलाव की जरूरत है। कांग्रेस को बेचकर कांग्रेस को मजबूत नहीं किया जा सकता है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में ऐसा ही हुआ है। प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार पर हमला बोलेते हुए कहा कि कांग्रेस के कारोबारी नेताओं को झारखंड से आलाकमान को अविलंब हटाना चाहिए ताकि कांग्रेस की साख और जनाधार को मजबूत किया जा सके। उन्होंने कहा कि झारखंड में होनेवाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच ही गठबंधन होगा। झाविमो और राजद से किसी प्रकार का गठबंधन का सवाल ही नहीं होता है क्योंकि इन दोनों दलों को जनता ने लोकसभा चुनाव में नकार दिया है। कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम के बिल्कुल विपरीत झारखंड विधानसभा चुनाव में होगा। कांग्रेस और झामुमो मिलकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।
इस्तीफा को नाटक बता बलमुचू ने अजय पर बोला हमलाः लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने भी इस्तीफा देने की घोषणा की। अजय कुमार के इस्तीफा को नाटक बताते हुए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार बलमुचू ने हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि डॉ. अजय कुमार को हर हाल में अपने पद से हटना ही होगा। कर्नाटक के आदमी झारखंड के बारे में क्या जानेंगे। नन रेसिडेंट प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय को हटाने के लिए सात जून को रांची में बैठक होगी, जिसमें प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेता शामिल होंगे। बलमुचू ने कहा कि इस संबंध में उनकी बात अहमद पटेल के साथ-साथ प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह से भी हो चुकी है। अब वे राहुल गांधी से मिलकर इस विषय पर बात करेंगे।
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