समय पर रिटर्न नहीं भरी तो लगेगा भारी जुर्माना
धनबाद : आयकर विभाग की निर्धारित समय सीमा के अंदर आपको आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल कर
धनबाद : आयकर विभाग की निर्धारित समय सीमा के अंदर आपको आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल करना ही होगा। ऐसा न करने पर भारी-भरकम जुर्माने के लिए तैयार रहें। रिटर्न फाइल नहीं करने पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने जुर्माना अनिवार्य कर दिया है। यह अभी तक अनिवार्य नहीं था। दरअसल आयकर नियमों में फेरबदल किया गया है। जो रिटर्न दाखिल करने के दायरे में आते हैं उन्हें हर हाल में निर्धारित तिथि के अंदर रिटर्न फाइल करना होगा। नॉन-ऑडिट वाले आयकरदाताओं के लिए 31 जुलाई और ऑडिट वाले आयकरदाताओं के लिए 31 दिसंबर की समय-सीमा दी गई है। 31 जुलाई के बाद अगर एक अगस्त को भी आप रिटर्न फाइल करते हैं तो पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। 31 दिसंबर के बाद जुर्माने की राशि दस हजार है। निर्धारित तिथि के बाद जुर्माने की रकम के साथ ही रिटर्न फाइल होगी। अगर जुर्माना नहीं दिया तो सिस्टम में रिटर्न फाइल होगा ही नहीं। पांच लाख तक आयवालों के लिए जुर्माना एक हजार है और इससे अधिक आयवालों के लिए पांच हजार। जैसे-जैसे समय आगे बढ़ता जाएगा, जुर्माने के साथ ब्याज की राशि भी बढ़ती जाएगी। आयकर विभाग धनबाद प्रक्षेत्र के अंतर्गत देवघर, गिरिडीह, जामताड़ा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा और साहिबगंज जिले आते हैं।
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वर्जन
आयकर अधिनियम की धारा 234एफ के तहत आयकर रिटर्न के नियमों में बदलाव किया गया है। आयकर रिटर्न समय पर भरें और नोटिस व अन्य कानूनी कार्यवाहियों से बचें। निर्धारित तिथि के बाद रिटर्न दाखिल न करने वाले सभी सरकारी सुविधाओं से होंगे वंचित। भविष्य में किसी भी तरह का लोन, होम लोन, बिजनेस लोन, कार लोन नहीं मिल पाएगा। अगर कोई टीडीएस रिफंड देय है तो वह भी नहीं मिलेगा। आपके फिक्स डिपॉजिट के ब्याज पर टैक्स कटता है तो उसका क्रेडिट नहीं मिलेगा।
- एलएम पांडे, प्रधान आयकर आयुक्त
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आइटीआर को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी
- जरूरी दस्तावेज : वित्तीय लेन-देन से जुड़े हर दस्तावेज को आइटीआर भरने के दौरान अपने पास रखना होगा। सबसे जरूरी है कि आपके पास फॉर्म 16, बैंक डिटेल, होम लोन इंटरेस्ट सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज।
- ऐसे भरें आइटीआर : आइटीआर ऑनलाइन और ऑफलाइन भर सकते हैं। अगर ऑनलाइन आइटीआर भरना चाहते हैं तो इनकम टैक्स की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर पहुंच सकते हैं। अगर वेतनभोगी हैं तो आइटीआर 1 फॉर्म भरना है।
- आइटीआर-1 यानी 'सहज' : आइटीआर-1 को सहज नाम दिया गया है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर वेतनभोगी तबके द्वारा किया जाता है। 50 लाख रुपये तक का वेतन, एक मकान, सावधि जमा और आवर्ति जमा जैसी जमा पूंजी से प्राप्त ब्याज आयवालों के लिए यह फॉर्म है। इस बार के फॉर्म में करदाताओं की अन्य क्षेत्रों में आय का ब्योरा भी मागा गया है।
- आइटीआर-2 : इस फॉर्म का इस्तेमाल उन व्यक्तियों, ¨हदू अविभाजित परिवारों द्वारा किया जाता है, जिनकी व्यवसाय से होनेवाली प्राप्ति और लाभ के साथ ही पेशे के अलावा अन्य स्त्रोतों से भी आय आती है। इसमें प्रवासी भारतीय भी शामिल हैं। ये आइटीआर-3 या फिर आइटीआर-4 में अपनी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।