जानबूझकर टैक्स न देने वालों पर शिकंजा कसेगा आयकर विभाग, सूची तैयार
ऐसे करदाता जिनके यहां सर्वे, सर्च किया गया और उन्हें टैक्स जमा करने के लिए समय भी दिया गया और उन्होंने समय पर टैक्स जमा नहीं किया, ऐसे करदाताओं पर आयकर विभाग केस करने जा रहा है।
जागरण संवाददाता, धनबाद: कर चोरी करने और समय से टैक्स नहीं देने वालों की कुंडली आयकर विभाग ने तैयार की है। इन पर विभाग अब शिकंजा कसेगा। ऐसे करदाता जिनके यहां सर्वे, सर्च किया गया और उन्हें टैक्स जमा करने के लिए समय भी दिया गया और उन्होंने निर्धारित समय पर टैक्स जमा नहीं किया, ऐसे करदाताओं पर आयकर विभाग केस करने जा रहा है। आयकर सूत्रों के अनुसार ये करदाता डिफॉल्टर की श्रेणी में आएंगे, क्योंकि इन्होंने जानबूझकर टैक्स नहीं चुकाया। सूत्रों की मानें तो आयकर विभाग ने धनबाद जोन के ऐसे 80 से अधिक करदाताओं की सूची बनाई है।
आयकर विभाग धनबाद जोन में देवघर, गिरिडीह, जामताड़ा, पाकुड़, गोड्डा, साहिबगंज और दुमका जिले आते हैं। आयकर विभाग ने जानबूझकर टैक्स न चुकाने वालों को गिरफ्तार करने और उनकी संपत्ति जब्त करने की भी योजना बनाई है। दरअसल आयकर विभाग जानबूझकर टैक्स न चुकाने वाले करदाताओं की बढ़ रही संख्या से परेशान है। ऐसे डिफॉल्टर्स को सबक सिखाने की नीयत से विभाग ने अपने अधिकारियों को ऐसे लोगों पर सख्ती बरतने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही विभाग ने अधिकारियों से कहा कि वह ऐसे आरोपियों की गिरफ्तारी, हिरासत या फिर जब्त संपत्ति की नीलामी जैसी प्रक्रिया भी अपना सकते हैं।
टैक्स जमा न करने पर सात साल की सजा: आयकर विभाग ने रिटर्न न भरने वालों के लिए निगरानी प्रणाली लागू की है। यानी जानबूझ कर टैक्स न भरने वालों के खिलाफ धारा 271 एफ (आयकर रिटर्न न भरने के लिए जुर्माना) और 276 सीसी (आयकर रिटर्न न भरने वालों पर मुकदमा) के तहत कार्रवाई की जाएगी। ऐसे करदाता जिनके लिए आयकर रिटर्न भरना जरूरी है और वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ 271 एफ के तहत 1000 रुपये से 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया लगेगा। धारा 276 सीसी के तहत ऐसा न करने वालों के लिए तीन महीने से लेकर सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।