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Jharkhand Panchayat Chunav Result 2022: पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के गढ़ टुंडी में बिखरा रहा झामुमो, भाजपा ने मारी बाजी

मजबूत पकड़ के बावजूद झामुमो गांव की सरकार बनाने की लड़ाई में न तो खुलकर मैदान में उतर सका और न ही पर्दे के पीछे से ही अपने अधिकाधिक प्रत्याशियों को चुनाव जीता सका। इसका कारण यह है कि पार्टी यहां अंदरूनी गुटबाजी का शिकार हो गई।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 08:01 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 08:01 AM (IST)
किसी सीट पर यह स्थिति भी रही कि झामुमो ने किसी को भी समर्थन नहीं दिया।

दिलीप सिन्हा, धनबाद: टुंडी विधानसभा क्षेत्र झामुमो का गढ़ है। झामुमो के संस्थापक बिनोद बिहारी महतो एवं अध्यक्ष शिबू सोरेन की यह कर्मभूमि है। बिनोद बाबू एवं गुरुजी की इस कर्मभूमि पर झामुमो का कब्जा मथुरा प्रसाद महतो बरकरार रखे हुए हैं। मजबूत पकड़ के बावजूद झामुमो गांव की सरकार बनाने की लड़ाई में न तो खुलकर मैदान में उतर सका और न ही पर्दे के पीछे से ही अपने अधिकाधिक प्रत्याशियों को चुनाव जीता सका। इसका कारण, यह है कि पार्टी यहां अंदरूनी गुटबाजी का शिकार हो गई। एक-एक सीट पर झामुमो के तीन-तीन नेता खड़े हो गए। किसी सीट पर यह स्थिति भी रही कि झामुमो ने किसी को भी समर्थन नहीं दिया।

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झामुमो की इस गुटबाजी का फायदा यहां भाजपा ने उठाया। झामुमो को उसके गढ़ में ही भाजपा ने मात दे दी। यह अलग बात है कि तोपचांची में भाजपा के भी कई नेता एक ही सीट पर चुनाव लड़ रहे थे। प्रथम चरण के चुनाव में जिला परिषद की छह सीटों में सें तीन सीट जीतकर भाजपा अव्वल रही। दो सीट पर कब्जा कर झामुमो दूसरे नंबर पर रहा। वहीं आजसू को मात्र एक सीट मिली है। ग्रामीण भाजपा का अलग संगठन बनने के बाद यह पहला चुनाव है। पहले चुनाव में ग्रामीण जिला भाजपा की उपलब्धि बेहतर रही।

टुंडी में झामुमो तो पूर्वी टुंडी में भाजपा ने मारी बाजी: आदिवासी बहुल टुंडी प्रखंड में झामुमो ने गुटबाजी के बावजूद बाजी मार ली जबकि झामुमो की गुटबाजी का फायदा उठाते हुए भाजपा ने पूर्वी टुंडी में परचम लहरा दिया। झामुमो के लिए जहां यह बड़ा झटका है, वहीं भाजपा के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। दूसरी ओर भाजपा को झटका टुंडी में लगा है, जहां भाजपा नेता एवं निवर्तमान जिप सदस्य रायमुनी देवी चुनाव हार गईं। झामुमो के तीन-तीन नेता यहां मैदान में थे, फिर भी रायमुनी अपनी सीट बचा नहीं सकी। झामुमो की मीना हेम्ब्रम ने उन्हें पराजित किया। पश्चिमी टुंडी की इस सीट से मीना हेंब्रम के अलावा झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष फूलचंद किस्कू एवं लोलिन बास्की भी मैदान में थे। बावजूद झामुमो ने इस सीट पर कब्जा किया।

इसके अलावा दक्षिणी टुंडी की सीट झामुमो के गुरुचरण बास्की बचाने में सफल रहे। महिला आरक्षित होने के कारण निवर्तमान जिप सदस्य गुरूचरण बास्की ने इस बार अपनी पत्नी दिव्या बास्की को मैदान में उतारा था। दिव्या का मुकाबला भाजपा नेता मोतीलाल मुर्मू की पत्नी से था। बाजी दिव्या ने मारी। भाजपा ने झामुमो को जोर का झटका पूर्वी टुंडी में दिया। भाजपा ने नए चेहरे जेबा मेनीसेंट मरांडी को मैदान में उतारा था। जेबा के पक्ष में पूरी भाजपा एकजुट थी, वहीं झामुमो के चार-चार नेता मैदान में ताल ठोंक रहे थे। इन नेताओं में निवर्तमान जिप सदस्य सुनील मुर्मू की पत्‍नी ललिता लक्ष्मी मुर्मू, प्रखंड अध्यक्ष रामचंद्र मुर्मू की पत्‍नी गुलाबी मुर्मू, जिलाध्यक्ष रमेश टूडू की सूची वाले प्रखंड अध्यक्ष संदीप हांसदा की पत्नी सरोवती हांसदा एवं झामुमो नेता गिरिलाल किस्कू की पत्‍नी नीतू देवी शामिल थीं। झामुमो की इस गुटबाजी का लाभ भाजपा को मिला।

तोपचांची में भाजपा-आजसू में टक्कर, चुप्पी साधे रहा झामुमो: तोपचांची की जिला परिषद की तीन सीटों को लेकर भाजपा एवं आजसू में लड़ाई रही। इस लड़ाई में तीन में से दो सीट निकालकर भाजपा ने बाजी मार ली। एक सीट के साथ आजसू यहां खाता खोलने में सफल रही है। सबसे दुविधापूर्ण स्थिति में यहां झामुमो था। अंतिम समय तक झामुमो यहां अपने समर्थित प्रत्याशियों की घोषणा नहीं कर सका। एक रणनीति के तहत झामुमो ने यहां चुप्पी साध ली। भाजपा से जुड़े गुरुचरण नायक जिला परिषद की अपनी सीट बचाने में सफल रहे। इस बार उन्होंने अपनी पत्नी बिजली देवी को उतारा था। बिजली विजयी हुई। तोपचांची 2 नंबर सीट पर भाजपा के विकास कुमार महतो एवं कविता बरनवाल मैदान में थे। इनके अलावा आजसू के प्रमोद महतो, सदानंद महतो एवं झामुमो के एक गुट के समर्थित रऊफ अंसारी मैदान में थे। इस सीट पर दो-दो नेताओं के मैदान में होने से भाजपा कार्यकर्ता व समर्थक असमंजस की स्थिति में थे। इसके बावजूद विकास महतो ने बाजी मार ली। तोपचांची तीन नंबर सीट पर भाजपा नेता सुरेश बढ़ई की पत्‍नी वीणा शर्मा, भाजपा नेता मितेंद्र दुबे की पत्‍नी पूनम देवी, आजसू नेता एवं सांसद प्रतिनिधि सुभाष रवानी की पत्‍नी सरिता देवी, कमाल अंसारी की पत्‍नी अजमेरी खातून मैदान में थे। आजसू नेता सुभाष रवानी की पत्‍नी सरिता देवी ने यह सीट जीत ली है।


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