Move to Jagran APP

लोगों को अक्‍सर पूछते सुना होगा, जीवन में क्‍या कर लिया मैथ्‍स पढ़कर? IIT ISM धनबाद की प्रोफेसर ने दिया जवाब

कभी वाट्सएप में आए मैसेज में और कभी यूं ही यार-दोस्‍तों के ग्रुप में हम सबने अक्‍सर यह सवाल सुना होगा कि जीवन में मैथ्स पढ़कर क्‍या कर लिया? क्‍लास के बाद जीवन में फिर दोबारा कहां ए प्‍लस बी को होल स्‍क्‍वायर उपयोग में आया?

By Jagran NewsEdited By: Deepak Kumar PandeyPublished: Sun, 04 Dec 2022 09:40 AM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2022 09:40 AM (IST)
लोगों को अक्‍सर पूछते सुना होगा, जीवन में क्‍या कर लिया मैथ्‍स पढ़कर? IIT ISM धनबाद की प्रोफेसर ने दिया जवाब
शनिवार को अपग्रेड हाई स्कूल रघुनाथपुर पूर्वी टुंडी में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

जागरण संवाददाता, धनबाद: कभी वाट्सएप में आए मैसेज में और कभी यूं ही, यार-दोस्‍तों के ग्रुप में हम सबने अक्‍सर यह सवाल सुना होगा कि जीवन में मैथ्स पढ़कर क्‍या कर लिया? क्‍लास के बाद जीवन में फिर दोबारा कहां ए प्‍लस बी को होल स्‍क्‍वायर उपयोग में आया? बहरहाल, अब इसका जवाब आइआइटी धनबाद की प्रोफेसर रश्मि सिंह ने दिया है।

loksabha election banner

आइआइटी आइएसएम के प्रबंधन अध्ययन विभाग की टीम ग्रामीण और आदिवासी बच्चों के बीच विज्ञान एवं गणित का महत्व बता रही है। आइएसएम ग्रामीण छात्रों के बीच इस बात की जिज्ञासा पैदा कर रही कि हमारे जीवन में गणित एवं विज्ञान की कितनी महत्ता है। शनिवार को अपग्रेड हाई स्कूल रघुनाथपुर पूर्वी टुंडी में इसी विषय पर आधारित कार्यशाला का आयोजन सतत जागरूकता अभियान के तहत किया गया।

नेशनल काउंसिल फार साइंस एंड टेक्नोलाजी कम्युनिकेशन (एनसीएसटीसी), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की परियोजना की प्रधान अन्वेषक सहायक प्रो. रश्मि सिंह के नेतृत्व में एसोसिएट प्रो. नीलाद्रि दास एवं रिसर्च स्काॅलर मरघूब इनाम शनिवार को स्कूल पहुंचे। यहां इन्‍होंने छात्रों, फैकल्टी सदस्यों सहित 250 से अधिक प्रतिभागियों को संबोधित किया। प्रो. रश्मि सिंह ने छात्रों को आज के टेक्नोलाॅजी ड्रिवन युग में प्रौद्योगिकी को समझने में विज्ञान और गणित के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा आज के समय में बेहद उपयोगी बन चुके लगभग सारे उपकरण मोबाइल, टीवी, कंप्यूटर, रेफ्रिजरेटर, वाशिंग मशीन, डिश वाशर आदि सभी प्रौद्योगिकी पर निर्भर हैं। इसलिए विज्ञान की समझ और गणित का प्रयोग हमें इन उपकरणों के संचालन और कार्यप्रणाली को समझने में मदद करता है। गणित और विज्ञान का ज्ञान तर्क, रचनात्मकता, सार, स्थानिक सोच, महत्वपूर्ण सोच, समस्या को सुलझाने की क्षमता और यहां तक कि प्रभावी संचार कौशल की शक्ति प्रदान करता है। यह तकनीकी क्षेत्र में किसी भी भूमिका या जिम्मेदारी के लिए आवश्यक है।

प्रो. रश्मि सिंह ने छात्रों को अधिक से अधिक प्रश्न पूछने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। प्रो. नीलाद्रि दास ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि कैसे गणित का ज्ञान लागत को समझने, बैंक खाते को संतुलित करने और शेष राशि को घटाने में मदद करता है। यह आज की दुनिया में आवश्यक कौशल है। गणित का ज्ञान हमें बजट प्रबंधन, पूर्वानुमान और समय बताने जैसे बुनियादी जीवन कौशल समझने में मदद करता है। यहां बता दें कि कार्यशालाओं की शृंखला में यह सातवीं कार्यशाला थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.