राजभवन पहुंचा आइआइटी आइएसएम-पीके राय कॉलेज का विवाद
शहर में बहुद्देशीय परीक्षा भवन के निर्माण को लेकर आइआइटी आइएसएम और पीके राय का विवाद राजभवन पहुंच गया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद : शहर में बहुद्देशीय परीक्षा भवन के निर्माण को लेकर आइआइटी आइएसएम और पीके राय कॉलेज के बीच हुए एमओयू का मामला अब राजभवन तक पहुंच गया है। कॉलेज प्रबंधन ने राजभवन से इस मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया है। बताया गया है कि राज्य सरकार की ओर से भवन निर्माण के लिए पहली किस्त आने के बावजूद जमीन न मिलने के कारण कार्य प्रारंभ नहीं हो सका है।
क्या है मामला: बहुद्देशीय परीक्षा भवन के निर्माण के लिए 71 डिसमिल जमीन पीके राय कॉलेज को आवंटित की गई थी। कॉलेज और आइआइटी आइएसएम धनबाद के बीच दो वर्ष पूर्व हुए एमओयू के अंर्तगत 71 डिसमिल जमीन की अदला-बदली का समझौता हुआ था। दो वर्ष बीत जाने के बावजूद आज तक कॉलेज को जमीन आवंटित नहीं की गई, जबकि आइआइटी आइएसएम ने अपने हिस्से की जमीन की घेराबंदी कर कब्जे में ले लिया।
नवंबर 2016 में हुआ था एमओयू: आइआइटी आइएसएम ने पीके राय कॉलेज प्रशासन से 71 डिसमिल जमीन को लेने का आग्रह किया था, क्योंकि हीरापुर मौजा का वह भूभाग आइएसएम कैंपस के नजदीक है। उस जमीन के बदले पीके राय कॉलेज कैंपस के नजदीक आइआइटी आइएसएम प्रबंधन ने धैया मौजा अंर्तगत अपनी जमीन देने की बात कही थी। दोनों संस्थानों के बीच दो नवंबर 2016 को एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ था। आइआइटी आइएसएम की ओर से रजिस्ट्रार कर्नल एमके सिंह व पीके राय कॉलेज से तत्कालीन प्राचार्य डॉ. एसके अग्रवाल के हस्ताक्षर किया था।
नियमित कक्षाओं के संचालन को बहुद्देशीय परीक्षा भवन जरूरी : परीक्षाओं के कारण अक्सर कॉलेजों में कक्षाएं बाधित रहती हैं। इंटर से पीजी तक की अलग-अलग तिथियों में होनेवाले परीक्षाओं के दौरान कॉलेजों के सभी कमरे भर जाते हैं, जिस वजह से कक्षाएं रद करनी पड़ती है। अगर अलग से परीक्षा भवन होगा तो परीक्षाएं वहीं संचालित होंगी और कक्षाओं पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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आइआइटी आइएसएम प्रबंधन ने एमओयू के बाद भी अब तक जमीन आवंटित नहीं की है। अब कॉलेज प्रशासन ने राजभवन से हस्तक्षेप की माग की है।
डॉ. बीके सिन्हा, प्राचार्य, पीके राय कॉलेज जमीन आवंटन में समय लगता है। जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक पहल नहीं की गई है।
कर्नल एमके सिंह, रजिस्ट्रार, आइआइटी आइएसएम