धनबाद में देना पड़ता माफिया टैक्स : इंड्रस्टीज कॉमर्स
धनबाद : इंड्रस्टीज कॉमर्स एसोसिएशन की बुधवार को हुई 85 वीं वार्षिक आमसभा में अध्यक्ष बीएन सिंह
धनबाद : इंड्रस्टीज कॉमर्स एसोसिएशन की बुधवार को हुई 85 वीं वार्षिक आमसभा में अध्यक्ष बीएन सिंह ने खुलेआम कहा कि उद्योग चलाने के लिए जिस तरह सरकार को टैक्स दिया जाता है, उसी तरह धनबाद में कारोबारियों को 'माफिया टैक्स' देना पड़ता है। कोयला लोडिंग करवाने के नाम पर स्थानीय दबंग और कई नेताओं के गुर्गे उद्यमियों को रंगदारी के लिए बाध्य करते है। इनमें सभी राजनीतिक पार्टियां के नेता शामिल हैं। केंद्र व राज्य सरकार के साथ स्थानीय प्रशासन और कोल कंपनियों को भी इसकी जानकारी है। कई दफे लिखित रूप से शिकायत की गई है मगर इस पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। इससे यहां उद्योग चलाना मुश्किल हो रहा है।
संकट में हार्ड कोक उद्योग : सिंह ने कहा कि कोयला वितरण नीति हार्ड कोक उद्योगों के गले का फंदा बन गई है। इस उद्योग को कोयला आवंटन में प्रमुखता दी जानी चाहिए। मगर कोयले के अभाव में हार्ड कोक उद्योग क्षमता के अनुरूप कार्य नहीं कर पा रहा है। कोल रेगुलेटरी ऑथरिटी के बनाना बहुत जरूरी है। यह नियामक संस्था अभी तक नहीं बन पायी। देश में कोकिंग कोल की मांग बढ़ रही है। कोक इंडस्ट्रीज के सहारा लिए बिना इसे पूरा नहीं किया सकता। कोल कंपनियों पर्याप्त मात्रा में गुणवत्तायुक्त कोयला दे तो कोक उद्योग जरूरत पूरा कर सकता है।
कोयला कंपनियों में विवेकहीन अधिकारियों की फौज :
अध्यक्ष सिंह ने सरकार व कोयला वितरक कंपनियों के असहयोगात्मक रवैये की घोर आलोचना करते हुए सरकार से आग्रह किया कि वह दोषपूर्ण नीतियों की समीक्षा करें। हमें 11 प्रतिशत अधिभार अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा लगता है। कोयला कंपनिया उत्पादन पर जोर देने के बजाय सिर्फ मुनाफा बढ़ाने को बेवजह मूल्य बढ़ा रही हैं।
कोकिंग कोल बिजली उत्पादन के लिए देना बड़ा अपराध :
उन्होंने कहा किए कोकिंग कोल बेशकीमती है और इसका समुचित इस्तेमाल करना कोयला कंपनियों की जिम्मेदारी है। इसको बिजली उत्पादन के देकर बर्बाद करना अपराध है। कोयला कंपनिया जिस तरह फैसले ले रही हैं, उससे ना केवल राष्ट्रीयकरण के उद्देश्यों का हनन हो रहा है बल्कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन भी।
धनबाद को चाहिए हवाई व बेहतर रेल सेवा : धनबाद में आइआइटी (आइएसएम) , सिंफर, बीआइटी, डीजीएमएस, कोल कंपनियां आदि महत्वपूर्ण संस्थान र्ह। अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन में हवाई सेवा का न होना परेशानी बढ़ाता है। रेल सेवा के क्षेत्र में भी ट्रेनों का बड़ा अभाव है। डीसी लाइन बंद होने से भी इसका विपरीत असर पड़ा है। दोनों जगहों पर एक सरकारी पार्टी होने के बाद भी कोई सुधार धनबाद में देखने को नहीं मिल रहा है। जिस तरह से बिहार में धनबाद की उपेक्षा हो रही थी, झारखंड बनने के बाद भी हो रही है।
नागरिक सुविधाओं पर हो ध्यान : धनबाद राज्य व देश की आय में बड़ा योगदान करता है, लेकिन यहां बुनियादी ढांचा का अभाव है। विकास की गति काफी धीमी है। एम्स देवघर में तो आइआइएम रांची में बना रहा है। धनबाद को स्मार्ट सिटी बनाने की राह में कई अड़चनें हैं। बिजली व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। सड़क, संचार, कानून व्यवस्था में सुधार की जरूरत है।
मौके पर वरीय उपाध्यक्ष एसके सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस दौरान कनीय उपाध्यक्ष रतनलाल अग्रवाल, केदार नाथ मित्तल, आरके गुटगुटिया, कसांरी मंडल, वरिष्ठ पत्रकार बनखंडी मिश्र,हरिप्रकाश लाटा आदि मौजूद थे।
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इनसेट
21 वीं बार बीएन सिंह बने अध्यक्ष
धनबाद : इंड्रस्टीज एंड कॉमर्स एसोसिएशन के वार्षिक अधिवेशन में सर्वसम्मति से बीएन सिंह को 21 वीं बार के लिए अध्यक्ष चुना गया। 15 सदस्यीय कमेटी में अध्यक्ष बीएन सिंह, वरीय उपाध्यक्ष एसके सिन्हा, कनीय उपाध्यक्ष रतनलाल अग्रवाल के अलावा रामेश्वर दयाल अग्रवाल, सज्जन कुमार खरकिया, इंद्रमोहन मेमन, वाइएन नेरुला, कैलाश प्रसाद अग्रवाल, केदार नाथ मित्तल, दीपक कुमार पोदार, सुनील कुमार अग्रवाल, सच्चीदानंद सिंह, रमेश कुमार गुटगुटिया, एसएन अग्रवाल, शेलाश अग्रवाल के अलावा तीन सदस्य को कमेटी का गठन किया । जिसमें एसके अग्रवाल, राम कुमार अग्रवाल, अनिल सनवारी शामिल हैं।