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HPV vaccine: सर्वाइकल कैंसर से बचाव की संजीवनी, लड़कियों को किशोरावस्था में लगा तो आजीवन रक्षा कवच

झारखंड में प्रति दस में से एक महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से पीडि़त हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं प्रारंभिक स्तर में जांच से दूर रह जाती हैं।

By MritunjayEdited By: Published: Wed, 05 Feb 2020 12:33 PM (IST)Updated: Wed, 05 Feb 2020 12:33 PM (IST)
HPV vaccine: सर्वाइकल कैंसर से बचाव की संजीवनी, लड़कियों को किशोरावस्था में लगा तो आजीवन रक्षा कवच
HPV vaccine: सर्वाइकल कैंसर से बचाव की संजीवनी, लड़कियों को किशोरावस्था में लगा तो आजीवन रक्षा कवच

धनबाद, जेएनएन। विश्व में दस में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की जद में हैं। चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा सर्वाइकल कैंसर मरीज वाला देश बन चुका है। दुनिया में 5.69 लाख महिलाओं इस कैंसर की चपेट में हैं। अपने देश में लगभग डेढ़ लाख महिलाएं ग्रसित हैं।

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दिल्ली एम्स की गाइनकोलॉजिस्ट डॉ. नीरज भाटिया ने सर्वाइकल कैंसर व एचपीवी वैक्सीन पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मंगलवार को देश भर के लोगों से मुखातिब हुईं। उन्होंने ने बताया कि जागरुकता और इलाज की कमी की वजह से यह बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। इस बीमारी से बचने के लिए अब टीके भी आ गये हैं। इस टीके का नाम ह्यूमन पेपीलोमा वायरस (एचपीवी) वैक्सीन भी बाजार में आ गया है। इस टीके से पूरी जीवन यह बीमारी होने से बचा जा सकता है। 

प्रारंभिक चरण का नहीं होता पता

झारखंड में प्रति दस में से एक महिलाएं सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा कैंसर) से पीडि़त हैं। जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं प्रारंभिक स्तर में जांच से दूर रह जाती हैं। जब परेशानी ज्यादा बढ़ती है, जब पीडि़त डॉक्टर के पास जाती हैं। धनबाद में लगभग 10 प्रतिशत महिलाएं इस बीमारी की चपेट में हैं। 

फोग्सी देश भर में कर रही जागरूक  

महिला डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था फेडरेशन ऑफ ऑब्स्टेटिक गाइनकोलॉजिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया (फोग्सी) सर्वाइकल कैंसर पर पूरे देश में जागरूकता अभियान चला रही हैं। धनबाद की सचिव डॉ. नीतू सहाय व बताती है कि जागरूकता व बचाव के लिए सेमिनार, कैंप, रैली की जा रही है। संस्था की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अब एचपीवी वैक्सीन बाजारों में आ गये हैं। 10 से 18 वर्ष तक लड़कियों को यह टीके लगा दिये जायें, तो 70 वर्ष तक यह वायरस नहीं होगा। 

सरकारी केंद्रों में टीके के लिए अभी इंतजार 

एपीवी का टीका फिलहाल सरकारी अस्पतालों में नहीं आया है। इसके लिए सरकार एनसीडी सेल के माध्यम से पूरे देश में स्क्रीनिंग करा रही है। धनबाद में वर्ष 2012 से यह स्क्रीनिंग की जा रही है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो दो-तीन वर्षों के अंदर यह टीके सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में दिये जाने लगेंगे। 

किसी भी उम्र में हो सकता है

गर्भाशय के निचले भाग के हिस्से में कोशिकाओं में पैदा होता है। प्रमुख रूप से यह कैंसर पेपीलोमा वायरस के कारण होता है जिसे एचपीवी भी कहा जाता है। सर्वाइकल कैंसर किसी भी उम्र की महिला को हो सकता है। 

यह है लक्षण 

योनि से असामान्य रक्तस्राव, रिलेशन के दौरान रक्तस्राव, दर्द महसूस होना, रक्तमिश्रित अनियिमित डिस्चार्ज, कमर-पैर में दर्द महसूस होना, थकान, वजन में कमी, भूख न लगना। 

उपाय 

लक्षण मिलने पर पैप स्मीयर जांच से इसका पता चल सकता है। यह जांच महंगी नहीं है। इसके साथ की इसका टीका अब बाजार में आ गया है। 


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